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गाजीपुर में बाढ़: जिले में गंगा और गोमती के जलस्तर में घटाव पर संकट बरकरार

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर जनपद में गंगा और गोमती नदी का पानी घटने से प्रशासन सहित तटवर्ती परिवारों ने राहत की सांस ली है। जलस्तर में कमी आने से बाढ़ पीड़ित परिवारों ने अपने को सुरक्षित और व्यवस्थित करना शुरू कर दिया है। हालांकि इसके साथ दुश्वारियां भी बढ़ गईं हैं। पानी उतरने से कटान की आशंका बढ़ गई है तो जगह-जगह कीचड़ और सड़ांध है, जिससे महामारी भी पांव पसार सकती है। हालांकि जिला प्रशासन दवा आदि का छिड़काव करा रहा है, लेकिन यह नाकाफी है। रामपुर में ईंट भट्ठा पानी में डूबने से काफी नुकसान हुआ है।

खतरे के निशान से नीचे हुआ गंगा का जलस्तर

गंगा का पानी काफी तेजी से घट रहा है। वर्तमान में पांच सेमी प्रति घंटे की रफ्तार जलस्तर घट रहा है और जलस्तर खतरे के निशान से नीचे आ गया है। सोमवार की शाम पांच बजे गंगा का जलस्तर 62.830 मीटर था, जबकि खतरे का निशान 63.105 है।

बाराह घाट में दिखने लगीं सीढि़यां

खानपुर  पानी घटने से बाराह घाट में सीढि़यां दिखने लगीं हैं। जौहरगंज से कुसही, हथौड़ा, खरौना के लिए जाने वाले बिजली सप्लाई के आधा दर्जन बिजली के खंभे बाढ़ में झुक गए हैं और तीन से चार खंभे खतरनाक ढंग से 80 फीसद पानी में डूब चुके हैं। प्रशासन द्वारा पशुओं के चारे का प्रबंध न किए जाने से पशुपालक परेशान हैं।

डीह बाबा का चबूतरा गंगा की धारा में समाहित

मुहम्मदाबाद इलाके में बाढ़ का पानी कम होने के साथ ही दुश्वारियां बढ़ गई हैं। नगर से होकर सेमरा शेरपुर जाने वाली मुख्य सड़क कई जगह टूटकर क्षतिग्रस्त हो गई है। रामतुलाई के पास मिट्टी टूटने डीह बाबा का चबूतरा गंगा की धारा में समाहित हो गया। जलस्तर कम होने से वहां कटान का खतरा पैदा हो गया है। बाढ़ से बड़े स्तर पर सब्जी की खेती बर्बाद हुई है।

धीरे-धीरे फिर पटरी पर लौटने लगी जीवन की गाड़ी

भदौरा में गंगा और कर्मनाशा का कहर देख चुके लोगों की जिदगी अब पटरी पर लौटने लगी है। वहीं, ज्यादातर मार्ग से पानी हट गया है और लोग आवागमन करने लगे हैं।

फसलों का हुआ नुकसान

ग्राम बारा, कुतुबपुर, मगरखाई, हरिकरनपुर, भतौरा, दलपतपुर, सायर, रायसेनपुर जहां पर सबसे अधिक बाढ़ का प्रकोप था यहां पर आवागमन, खेतों में काम व घरों की सफाई देखी जा रही है। ग्रामीणों ने बताया कि गंगा व कर्मनाशा अब शांत हो गई है इससे बहुत राहत मिली है। फसल का नुकसान काफी हो गया है साथ ही कच्चे घरों को ज्यादा नुकसान पहुंचा है।

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर जाना हाल

पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर लोगों को हर संभव मदद का भरोसा दिया। कहा कि सरकार की ओर से दावे किए जा रहे हैं, लेकिन हकीकत में धरातल पर लोगों को कुछ भी नहीं मिल रहा है। ग्रामीणों को राशन पानी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। 

अवथही में सड़क क्षतिग्रस्त

भांवरकोल में किसानों के मिर्च टमाटर मटर धान एवं केले की फसलें बाढ़ के पानी से नष्ट होने के कारण किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। सड़कों के ऊपर से तेज गति से बाढ़ का पानी बहने के कारण सड़कों के टूटने और गड्ढों में तब्दील होने से आवागमन की परेशानी काफी बढ़ गई है। प्राथमिक विद्यालय अवथही के सामने, दोनपाह तथा इंटर कालेज मच्छटी के मध्य, महेशपुर प्रथम एवं इंटर कालेज मच्छटी के बीच पंडितपुरा मोड़ के पास, पतालगंगा एवं इंटर कालेज मच्छटी के मध्य, सुखडेहरा (किशुनपुरा) के पास तथा सरदरपुर एवं सियाड़ी अन्य गांवों के पास सड़कें क्षतिग्रस्त होने से काफी परेशानी है।

बाढ़ पीड़ितों को बांटी राहत सामग्री

भदौरा : जमानियां विधायक सुनीता सिंह के पति परीक्षित सिंह ने सोमवार को कर्मनाशा के तटवर्ती गांव मगरखाई में बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री वितरित की। कहा कि बाढ़ पीड़ितों को परेशान होने की जरूरत नहीं है, सरकार उनके साथ है और पूरा मुआवजा देगी।

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