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गाजीपुर में गंगा का जलस्तर: गाजीपुर जिले में खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर बह रहीं गंगा

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर जिले में बाढ़ का पानी ग्रामीण क्षेत्रों के साथ अब नगरीय क्षेत्रों में भी घुसने लगा है। नखास, लकड़ी की टाल एवं तुलसिया के पुल पर भी बाढ़ का पानी घुस आया है। गंगा नदी का पानी तीन घंटे पर एक सेमी के रफ्तार से बढ़ रहा है। दोपहर दो बजे गंगा जलस्तर 64.250 मीटर रिकार्ड किया गया जो खतरे के निशान 63.105 से एक मीटर से भी अधिक है। नगरीय क्षेत्रों में बाढ़ का पानी आने से लोगों की बेचैनी बढ़ गई है।

गाजीपुर में गंगा का जलस्तर क्या है

घाटों को डुबोती हुईं गंगा अब नालों के जरिये नगर में प्रवेश कर रही हैं। कुछ जगहों पर नाले का पानी सड़क पर आ चुका है तो कुछ स्थानों पर नाले के बराबर होकर बह रहा है। स्टीमरघाट पर भी पानी घाट को डुबोता हुआ सड़क पर आ चुका है। यही स्थित ग्रामीण क्षेत्रों की है। कई गांव में पानी प्रवेश कर चुका है। कुछ जगहों पर लोग अपने पशुओं को लेकर पलायन कर रहे हैं। सबसे अधिक परेशानी पशुओं के चारे को लेकर हो रही है। 

शवदाह गृह डूबा, खेतों में जला रहे शव

खानपुर में गंगा और गोमती नदियों के प्रलयंकारी प्रकोप से तटवर्ती गांवों के लोगों की परेशानी बढ़ गई है। पटना के रामानंद घाट का शवदाह गृह डूबने से लोग खेतों में शव जला रहे हैं। तेतारपुर में करोड़ों की लागत से बना मिनी सोलर प्लांट पूरी तरह से गोमती के पानी में डूब गया है। घुमंतू पशुओं सहित बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में घरेलू गोवंश के चारे का बड़ा संकट खड़ा हो गया है। गौरहट के हरेंद्र सिंह कहते है कि अचानक तेजी से जलस्तर में वृद्धि होने से खड़े फसलों को पशु पालक काट भी नहीं पाये जिससे पशुओं के लिए चारा जुटाना मुश्किल हो गया है। गोमती के लगातार बढ़ते पानी से खरौना, सुरभानचक, अमेहता, नुरुद्दीनपुर, गौरी, गोरखा, बहुरा, गदनपुर, भुजाड़ी के रिहायशी इलाकों में लोगों के घरों में पानी घुसना शुरू कर दिया है। जीवनदायिनी गंगा पटना, शादिभादि, औड़िहार, कुसही, हथौड़ा, मड़ई गांव के लोगों के लिए कष्टदायिनी साबित हो रहीं है। दर्जनों परिवार खुले आसमान के नीचे रहने को विवश है।

मंगलवार को रुक-रुक कर हो रही बरसात से बाढ़ प्रभावित गांवों में लोगों का जीना मुहाल हो गया है। बाढ़ प्रभावित परिवारों में खाने पीने के सामानों का संकट बनने लगा है लोगों को दैनिक उपयोग के सामग्री के साथ सामान्य दवाइयां, राशन सामग्री, ब्लीचिग पावडर, सैनिटाइजर, मिट्टी का तेल की सख्त जरूरत महसूस होने लगी है। 

करंडा ताल में बाढ़ का पानी भरना शुरू

करंडा में गंगा की सहायक नदी गांगी भी उफनकर अपना फैलाव बढ़ा रही है। करंडा के 15 किमी के क्षेत्रफल में फैला ताल बाढ़ के पानी को काफी मात्रा में समाहित कर लेता है। इसकी वजह से गाजीपुर से आगे की तरफ बाढ़ प्रभावित इलाके में काफी राहत मिलती है। पानी के बढ़ते क्रम को देखते हुए ये उम्मीद लगाई जा रही कि बुधवार तक यह ताल भर जाएगा। इस दौरान ताल में बसा गांव महाबलपुर और गद्दोगाड़ा बुरी तरह से पानी में घिर जाता है। इस दौरान गांव में बसे लोग गोसन्देपुर, दीनापुर चट्टी, नौदर, बड़सरा आदि गांवों में शिविर लगाकर शरण लिए रहते हैं। जहां प्रशासन इनकी हर जरूरतों को पूरा करने के लिए मुस्तैद रहता है। प्रशासन द्वारा बाढ़ पीड़ितों के लिए आवश्यक मोबाइल नम्बर जारी कर दिया गया है। थाना प्रभारी अजय कुमार पांडेय ने बताया कि प्रभावित गांव के लोगों के लिए नाव का प्रबन्ध कर दिया गया है। साथ ही शिविर लगाने के लिए स्थान व जानवरों के रहने के स्थान को चिह्नित कर ग्राम वासियों को बता दिया गया है।

गांव की गलियों में घुसा बाढ़ का पानी

रेवतीपुर में गंगा नदी में बढ़ाव के चलते अब रेवतीपुर के गांव की गलियों में भी बहोरिक राय पट्टी, दयाराम पटटी के नीचे रास्ते पर बाढ़ का पानी आ गया है। वहीं नगदिलपुर, रेवतीपुर मुख्य मार्ग पर भी पानी चढ़ गया है। गोविदपुर मौजे में रहने वाले लोग अपने अपने पशुओं के साथ रेवतीपुर के ऊंचाई वाले इलाके में आ गए हैं। नरयनापुर-कल्यानपुर के रास्तों में भी बाढ़ का पानी चढ़ गया है। नाव का हो रहा संचालन

रेवीपुर के हसनपुरा, वीरऊपुर, नसीरपुर, रामपुर, आदि गांव के लोगों के लिए आने-जाने के लिए नाव लगी हुई है। एसडीएम सेवराई रमेश कुमार मौर्य ने मंगलवार को बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने कहा कि जल्द ही नरयनापुर, कल्यानपुर के लिए नाव की व्यवस्था किया जाएगा।

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