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श्मशान घाट को पार्क दिखा एलडीए ने बेचा 450 लोगों को मकान और प्लाट, अब जल रहे शव

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के जानकीपुरम विस्तार के सेक्टर जे में एलडीए ने श्मशान घाट को पार्क दिखाकर करीब 450 लोगों को मकान व प्लाट बेच दिया है। अब यहां आए दिन शव जलाए जा रहे हैं। परेशान लोगों ने अब अपने घरों के बाहर मकान बिकने का पोस्टर लगा दिया है। लोगों ने पोस्टर में लिखा है कि मकान बिकाऊ है। यहां शव जलाए जाते हैं।

एलडीए ने सेक्टर जे के जानकीपुरम विस्तार में करीब 450 लोगों को मकान तथा प्लॉट आवंटित किया है। लोगों ने यहां घर बनाकर रहना शुरू किया पता चल रहा है कि प्राधिकरण ने जिस जमीन को अपने नक्शे में पार्क दिखाकर बेचा था वह श्मशान घाट है। एलडीए ने बाकायदा लीज प्लान में भी इसे पार्क दिखाया है। अब आसपास के गांव के लोग इसमें शवों का दाह संस्कार कर रहे हैं। कोरोना से पहले तक तो कभी कभार ही लोग शव जलाने आते थे लेकिन इस वर्ष मार्च से काफी संख्या में यहां लोग शव जलाने आने लगे हैं। इसकी वजह से यहां के लोगों का जीवन दूभर हो गया है। इसकी वजह से बच्चे, महिलाएं घरों से नहीं निकल पाते। मुर्दा जलाने की बदबू से लोग खाना नहीं खा पाते हैं। पार्क के सामने के घरों के अलावा इसके चारों तरफ पीछे के मकानों में भी बहुत बदबू आती है। जिसकी वजह से सभी परेशान रहते हैं। तंग लोगों ने अपने घरों के बाहर मकान बेचने का पोस्टर लगवा दिया है। 

एलडीए ने आवंटियों से पार्क के नाम पर 10% शुल्क वसूला

एलडीए पार्क फेसिंग मकान से 10% पार्क फेसिंग शुल्क वसूलता है। यहां के आवंटियों के लीज प्लान में भी एलडीए ने पार्क दर्शा रखा है। सभी से मकान की कीमत का 10% अतरिक्त पार्क फेसिंग शुल्क लिया गया है। 10 हजार से लेकर 50 हजार अतिरिक्त शुल्क लिया गया है। लेकिन उन्हें पार्क की जगह श्मशान घाट मिला है। 

आस-पास के तीन गांव के लोग आते हैं, रोकने पर मारपीट करने पर उतारू

यहां के आसपास के करीब तीन गांव के लोग शव जलाने आते हैं। कॉलोनी के लोग जब मना करते हैं तो वह लोग मारपीट पर उतारू हो जाते हैं। लोग लाठी डंडा लेकर आते हैं। पहाड़पुर नया व पुराना गांव के लोग सबसे ज्यादा शव जलाने आते हैं।

एलडीए के ले आउट में है श्मशान

एलडीए ने आवंटियों को तो यहां पार्क दिखाकर मकान बेचा लेकिन वास्तव में इसका एक हिस्सा श्मशान घाट है। हिन्दुस्तान ने पड़ताल किया तो पता चला कि ले आउट प्लान में ही श्मशान घाट दर्ज है। करीब 20 वर्ष पुराने नक्शे में यहां दो तरफ पार्क है। जबकि इसके बीच में एक पट्टी शमशान घाट की है। एलडीए ने श्मशान घाट की बाउण्ड्रीवाल नहीं करायी। इसे एक साथ दोनों पार्कों में मिला दिया और पार्क दिखाकर लोगों को बेच दिया। 

शव जलने से बदबू आती 

जानकीपुरम विस्तार सेक्टर जे की प्रियदर्शिनी द्विवेदी ने बताया कि शव जलने से बहुत बदबू आती है। खाना नहीं खाया जाता है। बच्चे, महिलाएं कई कई दिन तक घर से बाहर नहीं निकल पाते हैं।

बृजेश कुमार गुप्ता कहते हैं कि एलडीए ने हमें पार्क बताकर मकान बेचा है। पार्क फेसिंग का पैसा भी वसूला है। फिर यहां मुर्दा क्यों जलाया जा रहे हैं। हम लोग काफी परेशान हैं। इसीलिए अपना घर बेचने का पोस्टर लगाया है। 

कल ही शिकायत आई 

एलडीए सचिव पवन कुमार ने बताया कि मेरे पास कल ही इसकी शिकायत आई है। जानकीपुरम विस्तार सेक्टर जे के कुछ लोग इसकी समस्या लेकर आए थे। हमने इस मामले में कार्रवाई का निर्देश दिया है। इस मामले में उचित कार्रवाई होगी। 

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