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ग्राम पंचायत सहायक भर्ती की मेरिट लिस्ट में गड़ब़ड़ी ? जानिए किस तरह की शिकायतें कर रहे अभ्यर्थी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. यूपी ग्राम पंचायत सहायक भर्ती प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। मेरिट लिस्ट का सत्यापन हो रहा है, इसके बाद नियुक्ति पत्र मिलेगा। मेरिट लिस्ट जारी होने के बाद तरह-तरह की शिकायतें अभ्यर्थियों द्वारा की जा रही है। 

सचिव ने वरीयता सूची से नाम हटाया, शिकायत

मैनपुरी के ब्लॉक घिरोर के ग्राम ताहरपुर निवासी रुक्मिणी पत्नी सत्यदेव ने पंचायत सहायक पद पर चल रही भर्ती में धांधली का आरोप लगाया है। डीएम को दिए प्रार्थना पत्र में पीड़िता ने बताया कि उसकी पुत्री दीपिका ने पंचायत सहायक कम डाटा कम्प्यूटर आपरेटर के पद पर आवेदन किया था। पंचायत सचिव अरविंद कुमार द्वारा उसकी पुत्री का नाम वरीयता सूची में शामिल नहीं किया। 

जबकि उसकी पुत्री के अंक हाईस्कूल व इंटरमीडिएट में अन्य आवदेनकर्ताओं से अधिक हैं। जब पीड़िता ने सचिव से जानकारी मांगी तो उन्होंने कहा तुम पंचायत की सदस्य हो, इसलिए पुत्री का नाम नहीं भेजा गया है। जिसके  बाद पीड़िता ने सदस्य पद से त्यागपत्र दे दिया, फिर भी उसकी पुत्री का नाम वरीयता सूची में नहीं भेजा गया है।  जबकि कम मेरिट वाले अभ्यर्थी का नाम वरीयता सूची में भेज दिया गया है। पीड़िता ने मामले की जांच कराकर पुत्री का नाम वरीयता सूची में शामिल करने की गुहार लगाई है।

पंचायत सहायक भर्ती में गड़बड़ी का आरोप 

तहसील पहुंचे दो लोगों ने एसडीएम को पत्र देकर पंचायत सहायक की भर्ती में रिश्वतखोरी व भेदभाव करने का आरोप लगाया। ग्रामसभा ढ़ढ़ौंस के प्रधान द्वारा गांव हिंदूपुर की रश्मि को वरीयता क्रम में प्रथम आने के बाद भी चयनित नहीं किया गया। वहीं कुरसंडा निवासी विकास पुत्र धन सिंह ने बताया कि उसके पुत्र का इस भर्ती में चयन हो गया है। परंतु वर्तमान सचिव द्वारा सुविधा शुल्क के तौर पर रुपये मांगे जा रहे हैं। रुपये न देने पर दूसरे युवक गौतम कुमार को चयनित कर लिया गया है। जबकि गौतम के नंबर उसके पुत्र के नंबर से काफी कम हैं। एसडीएम ने मामले के संबंध में बीडीओ किशनी को जांच सौंपकर आख्या सौंपने के निर्देश दिए हैं।

धांधली की शिकायत

ब्लॉक बरनाहल के ग्राम डालूपुर निवासी पूनम कुमारी पत्नी रघुनाथ सिंह ने पंचायत सहायक की मेरिट लिस्ट में धांधली का आरोप लगाया है। डीएम को दिए शिकायती पत्र में पीड़िता ने बताया कि उसने पंचायत सहायक के पद पर आवेदन किया था। उसके हाईस्कूल में 85 प्रतिशत व इंटर में 88 प्रतिशत नंबर हैं। वरीयता के आधार पर पीड़िता का चयन पंचायत सहायक के पद पर होना चाहिए। लेकिन ग्राम प्रधान व सचिव ने लेन-देन कर अवैध तरीके से रेनू यादव पत्नी भानकुमार का चयन कर लिया गया है। पीड़िता ने मामले की जांच कराकर कार्रवाई की मांग डीएम से की है।

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