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अब वर्दी नहीं पहनी तो रेलकर्मियों को नहीं मिलेगा भत्ता, यहां जाने कौन सा रेलवे कर्मचारी किस तरह की पहनता है वर्दी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, मुरादाबाद. रेलवे बोर्ड ने स्टेशन अधीक्षक, स्टेशन मास्टर, टीटीई, चालक, गार्ड, बुकिंग क्लर्क, आरक्षण क्लर्क, पूछताछ कक्ष कर्मचारियों को ड्यूटी पर वर्दी पहना अनिवार्य कर दिया है। रेलवे बोर्ड के आदेश के बाद स्टेशनों व रेलवे कार्यालय के नोटिस बोर्ड पर सूचना लगा दी गई है। रेलवे स्टेशन ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों के लिए अलग-अलग रंग की वर्दी तय है।

स्टेशन अधीक्षक, स्टेशन मास्टर, गार्ड के लिए सफेद शर्ट व सफेद पेंट, टिकट चेकिंग स्टाफ के लिए सफेद शर्ट, काली पेंट व काली कोर्ट पहनना अनिवार्य है। सभी को वर्दी के साथ टाई पहनना और शर्ट या कोर्ट के जेब पर नेम प्लेट लगाना होता है। इसी तरह से बुकिंग क्लर्क, पूछताछ कक्ष कर्मचारी, पार्सल कर्मचारी आदि को आसमानी शर्ट एवं नीली पेंट पहनाना अनिवार्य है। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को स्लेटी रंग की शर्ट एवं पेंट पहनना अनिवार्य है।

रेलवे में कर्मचारियों को पद के आधार पर वर्दी भत्ता दिया जाता है। प्रत्येक साल पांच हजार रुपये से दस हजार रुपये मिलते हैं, जिसमें कपड़ा कीमत, सिलाई और धुलाई का खर्च शामिल होता है। मुरादाबाद रेल मंडल में 10 हजार कर्मचारियों को वर्दी भत्ता मिलता है। वर्दी भत्ता लेने के बावजूद काफी कर्मचारी बिना वर्दी के ड्यूटी करते हैं। आम यात्रियों को समस्या के समाधान या शिकायत करने के लिए रेलवे कर्मचारियों को खोजना पड़ता है।

वर्दी पहनी होने पर यात्री आसानी से रेलवे कर्मचारी की पहचान कर सकते हैं। इस संबंध में रेलवे बोर्ड के अवर सचिव अभिषेक राघव ने 28 अगस्त को पत्र जारी कर आदेश दिया कि ड्यूटी पर वर्दी पहनकर नहीं आने वाले कर्मचारियों को वर्दी भत्ता बंद कर दें और विभागीय कार्रवाई करें।

इसकी निगरानी स्टेशन अधीक्षक व सभी विभाग के प्रभारी सुपरवाइजर रखेंगे। सुपरवाइजर की निगरानी रेलवे के अधिकारी करेंगे। स्टेशन अधीक्षक अवध अस्थाना ने बताया कि वर्दी पहनने से संबंधित सूचना नोटिस बोर्ड पर लगा दी गई। ड्यूटी पर बिना वर्दी के आने वाले कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के साथ भत्ता भी रोका जाएगा।


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