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सेना भर्ती का फर्जी नियुक्ति पत्र लेकर पहुंचे गाजीपुर जिले के 4 युवक शिकंजे में, जबलपुर पुलिस ने किया गिरफ्तार

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. फर्जी नियुक्ति पत्र लेकर जबलपुर पहुंचे जिले के युवक इस समय सेना के शिकंजे में हैं। इनमें एक युवक करंडा के नारी पंचदेवरा निवासी नितेश यादव भी है। नितेश के सेना में भर्ती होने के लिए पिता योगेश ने खेत बेचकर पांच लाख रुपये दिए थे। यह 21 अगस्त को ही गया था। इसके बाद से पिता की नितेश से बात नहीं हो सकी। यह बताते-बताते पिता योगेश की आंखें भर आईं। उन्हें अपने पुत्र की चिता सताए जा रही है। इनकी माली हालत भी ठीक नहीं है।

योगेश यादव खेती बारी कर अपनी आजीविका चलाते हैं। खेत बहुत ज्यादा नहीं है। उन्होंने बताया कि उनका पुत्र नितेश वर्ष 2019 में सेना में भर्ती होने के लिए वाराणसी गया था। वह बहुत मेहनत भी करता था। इसी दौरान चंदौली जनपद के धानापुर थाना क्षेत्र के रायपुर निवासी मुक्कू से मुलाकात हुई। इसी से मेरा पुत्र बात करता था। पुत्र के कहने पर मैने खेत बेचकर पांच लाख रुपये उसे दिए। मुक्कू ने नियुक्ति पत्र दिया था, जिसे लेकर नितेश 21 अगस्त को गया था।

फर्जी दस्तावेज के आधार पर जबलपुर स्थित ग्रेनेडियर्स रेजीमेंटल सेंटर में ट्रेनिंग के लिए पहुंचे चंदौली और गाजीपुर के युवकों को जबलपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। चंदौली के पांच और गाजीपुर के युवकों सहित नौ नवयुवकों के खिलाफ जबलपुर के गोरखपुर थाने में धोखाधड़ी सहित अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज है।

युवकों ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि वाराणसी स्थित छावनी क्षेत्र के मेजर अजय कपूर ने लेटर देकर नौकरी को भेजा है। हालांकि जबलपुर पुलिस की तफ्तीश में वाराणसी में अजय कपूर नाम का कोई कभी तैनात नहीं रहा है। ग्रेनेडियर्स रेजीमेंटल सेंटर के नायब सूबेदार धर्मवीर सिंह की तहरीर पर नवयुवकों पर मुकदमा दर्ज किया गया है।

अगस्त के अंतिम सप्ताह में जबलपुर के गोरखपुर थाना में तहरीर देकर नायब सूबेदार धर्मवीर सिंह ने आरोप लगाया कि चंदौली निवासी विकास यादव, चंदौली के धानापुर निवासी गोविंद यादव, चंदौली निवासी पंकज कुमार, अजीत यादव, अमित यादव, गाजीपुर निवासी उपेंद्र यादव और  फजीपुर निवासी नीतेश यादव सभी ने आर्मी रिक्रूटमेंट बोर्ड के नाम से लिफाफे ग्रेनेडेसियर्स सेंटर में देते हुए ट्रेनिंग के लिए पहुंचे थे। 

इस दौरान सभी युवकों को 14 दिन के लिए क्वांरटीन रखा गया। इसके बाद उनके लिफाफों को खोला गया, तो उसमें अजय कपूर मेजर ओआईसी आरआरसी के सील और साइन किया हुआ पत्र निकला। संदेह होने पर जब ग्रेनेडियर्स रेजीमेंटल सेंटर के अधिकारियों ने जांच की, तो पता चला कि लेटर पैड फर्जी है।

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