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मजाक बनी शिक्षा व्यवस्था: शिक्षामित्र बहन ससुराल में, भाई स्कूल में कर रहा हस्ताक्षर, जानें मामला

गाजीपुर न्यूज़ टीम, चंदौली. उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के सरकारी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था मजाक बन कर रह गई है। शिक्षक, शिक्षामित्र गैरहाजिर हैं और उनकी उपस्थिति दर्ज हो जा रही है। कोई देखने वाला नहीं है। सालभर से चल रहा ऐसा ही एक मामला संपूूर्ण समाधान दिवस में सामने आया। शिकायत की गई कि एक ही विद्यालय में भाई-बहन शिक्षा मित्र हैं।

बहन ससुराल रहती है और भाई स्कूल में उसकी हाजिरी लगा देता है। वहीं एक शिक्षक दोस्त अपने दूसरे दोस्त के गैरहाजिर रहने पर उसकी हाजिरी लगा रहा। सीडीओ ने शिकायत के बाद स्थानीय अधिकारियों को फटकार लगाई और मामले की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा।

संपूर्ण समाधान दिवस पर 16 अक्तूबर को नौगढ़ तहसील आए मुख्य विकास अधिकारी अजीतेंद्र नारायण के समक्ष गांव निवासी गोविंद समेत कई लोग लिखित शिकायत लेकर पहुंचे। बताया कि विकास खंड के कई प्राथमिक विद्यालयों में तैनात अध्यापक अक्सर विद्यालय नहीं आते हैं लेकिन उनकी उपस्थिति पूरी दर्ज रहती है।

प्राथमिक विद्यालय पहड़िया में तैनात महिला शिक्षामित्र ससुराल में रहती हैं और उसका भाई जो उसी विद्यालय में तैनात हैं अपनी बहन का फर्जी दस्तखत बनाता है। ऐसा ही प्राथमिक विद्यालय शमशेरपुर का भी है।

दोनों विद्यालयों के अध्यापक अक्सर विद्यालय नहीं आते हैं लेकिन उनकी उपस्थिति पूरी दर्ज रहती है। प्रधानाध्यापक भी कभी नहीं आते। प्राथमिक विद्यालय पहड़िया के हेडमास्टर प्रवीण चंचल से जब हकीकत पूछी गई तो उन्होंने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया।

शिक्षकों को मिलता है अधिकारियों का संरक्षण

ग्रामीणों ने विद्यालयों के अध्यापकों से शिक्षा विभाग के अधिकारियों की सांठगांठ का आरोप लगाया है। कहा कि प्राथमिक विद्यालय शमशेरपुर में छात्र 46 और छात्राओं की संख्या 56 है। वहीं नर्वदापुर में नामांकित छात्र 65 और छात्राओं की संख्या 69 है।

इन विद्यालयों में नामांकन के मुकाबले बच्चे स्कूल नहीं आ रहे हैं। नर्वदापुर प्राथमिक विद्यालय के सहायक अध्यापक महीने में केवल दो दिन आते हैं। जबकि विद्यालय में नियुक्त दो सहायक अध्यापक अक्सर गायब रहते हैं। 

बीएसए बोले- ऐसी लापरवाही बर्दाश्त नहीं

एबीएसए अवधेश नारायण सिंह ने कहा कि स्कूल से गायब रहने वाले दोनों विद्यालय के शिक्षक समेत दोनों प्रधानाध्यापकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा और उनसे जवाब मांगा जाएगा, जिसके बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।

बीएसए सत्येंद्र कुमार ने कहा कि  किसी भी हाल में ऐसी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हर हाल में शिक्षकों को स्कूल में ड्यूटी देनी हीं होगी। ऐसा नहीं करेंगे तो उन पर उचित कार्रवाई होगी।

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