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गाजीपुर में तमसा और भैंसही नदी का रौद्र रूप, नहीं कम हो रहा मंगई नदी का पानी, धान की फसल डूबी - Ghazipur News

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर में मंगई नदी का पानी कम होने का नाम नही ले रहा है। लौवाडीह में जहां बस्ती के भीतर प्रवेश कर गया है वहीं बहादुरगंज क्षेत्र में तमसा और  भैंसही ने भी अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू का दिया है। धान की तैयार फसल डूब गई तो अब रबी के बोआई के दूर-दूर तक आसार नहीं हैं। प्रशासन भी बाढ़ पीड़ित किसानों की खबर नहीं ले रहा है।

लौवाडीह में 80 फीसद धान की फसल नष्ट

मंगई नदी के पानी से लौवाडीह, जोगामुसाहिब, परसा, राजापुर, पारो, रेड़मार, सरदरपुर, देवरिया, मसौनी, गोंड़उर, मूर्तजीपुर, खेमपुर, सिलाइच, सियाड़ी, महेन्द, करीमुद्दीनपुर, लट्ठुडीह समेत कई गांव की लगभग 80 प्रतिशत धान की फसल नष्ट हो गई। अभी तक सर्वे के लिए कोई अधिकारी नही पहुंचा है न तो कोई सरकारी सहायता ही पहुंची है। एक माह पूर्व जब गंगा नदी उफान पर थी उसी समय मंगई नदी से भी धान की फसल को व्यापक नुकसान पहुंचा था।

मुहम्मदाबाद प्रशासन द्वारा सर्वे कार्य किया गया जिसमे सबसे प्रभावित गांव जोगामुसाहिब और लौवाडीह में बाढ़ नहीं दिखाया गया। करइल के अन्य गांव का नुकसान पचास प्रतिशत से कम दिखाया गया है, जबकि नियमानुसार यदि नुकसान पचास प्रतिशत से कम दिखाया गया तो प्रधानमंत्री फसल योजना का लाभ नहीं मिल पाता है। जिला कृषि अधिकारी मृत्युंजय सिंह ने बताया कि राजस्व की रिपोर्ट के आधार पर ही किसानों को लाभ मिल पाएगा। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के जिला क्वार्डिनेटर प्रवीण श्रीवास्तव ने बताया कि जलभराव की स्थिति में किसान टोलफ्री नंबर पर शिकायत दर्ज करवाएं तभी इस योजना का लाभ मिल पाएगा।

बहादुरगंज में तमसा व भैंसही नदी ने भी अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है। रही सही कसर गाढ़ा ताल ने पूरी कर दी है। बाढ़ का पानी एमके बंधा तक पहुंच गया है। इससे कस्बा के वार्ड संख्या दो राजभर बस्ती एवं मलाह टोली चारों तरफ से पानी से घिर गया है। लोगों को कमर भर पानी से होकर आना-जाना पड़ रहा है।

आलू की बोआई पर संकट

मुहम्मदाबाद में बारिश के चलते खेतों में जलजमाव होने से आगे आलू के साथ साथ रबी की बोआई पर संकट दिख रहा है। इलाके में बीते अगस्त में आई बाढ़ के चलते किसानों की सब्जी व बाजरा आदि की खेती नष्ट हो गई थी। बाढ़ लौटने के बाद किसान दोबारा महंगे दाम पर मिर्च, टमाटर, परवल आदि के पौधे खरीदकर उसकी रोपाई किए थे। किसान उन पौधों की निराई गुड़ाई कर उसको तैयार करने में जुटे थे, इसी बीच तूफानी बारिश से खेतों में जलजमाव होने से पौधे पूरी तरह से नष्ट हो गये। खेतों में जलजमाव होने से अब आलू की बोआई का कार्य पूरी तरह से ठप हो गया। किसान फूलचंद, जीतन प्रसाद, रमेश यादव, सुनील यादव, शिवनाथ आदि ने बताया कि बाढ़ के बाद इस बारिश ने किसानों को बर्बाद कर दिया। समझ में नहीं आ रहा है कि अब वह क्या करें।

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