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दहेज हत्या के मुकदमें का पर्दाफाश: प्रेमी और उसके साथी ने गला घोटकर की थी हत्या, काल डिटेल ने पहुंचाया आरोपितों तक

गाजीपुर न्यूज़ टीम, मिर्जापुर. चुनार कोतवाली में दिसंबर 2020 में दर्ज दहेज हत्या के मुकदमें का पर्दाफाश कर पुलिस ने शनिवार को मामले के असल आरोपितों को गिरफ्तार करने का दावा किया है। 22 दिसंबर को हुई हत्या के बाद मृतका के मायके वालों ने पति समेत ससुराल पक्ष के पांच लोगों के खिलाफ दहेज हत्या का मुकदमा पंजीकृत कराया था। इससे गुत्थी और उलझ गई थी। पुलिस के मुताबिक हत्या ससुरालियों की बजाय मृतका के प्रेमी ने अपने साथी के साथ मिलकर की थी।

प्रभारी निरीक्षक गोपाल प्रसाद गुप्ता ने बताया कि मुख्य आरोपित प्रदीप कुमार पटेल ने अपने साथी रवि यादव (दोनों निवासी प्रतापपुर थाना मिर्जामुराद वाराणसी) के साथ मिलकर मृतका संगीता देवी पुत्री शिवशरण प्रजापति निवासी कल्याणपुर कछवां की गला घोंटकर हत्या कर दी थी। उसके बाद पुलिस को चकमा देकर भाग गए थे। विवेचना के दौरान पुलिस ने मृतका की काल डिटेल में मिले संदिग्ध नंबर के आधार पर संदिग्ध लग रहे आरोपितों को थाने बुलाकर कड़ाई से पूछताछ की तो दोनों ने अपना जुर्म कुबूल कर लिया। डीआइजी विंध्याचल रेंज आरके भारद्वाज व पुलिस अधीक्षक अजय कुमार सिंह भी लगातार चुनार पुलिस से अपडेट ले रहे थे। दोनों आरोपितों को पुलिस ने शनिवार को चालान कर न्यायालय में पेश किया।

काल डिटेल ने पहुंचाया आरोपितों तक

मामले की विवेचना कर रहे सीओ रामानंद राय ने बताया कि दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज होने के बावजूद मामला संदिग्ध लग रहा था। इसकी कई एंगल से पड़ताल की गई। मृतका के मोबाइल में प्रदीप का नंबर मिला। यही नहीं, दोनों की अंतिम लोकेशन भी एक साथ मिलने पर शक और गहरा हो गया। इसके बाद प्रदीप और उसके साथी रवि से अलग-अलग पूछताछ की गई। कड़ाई से पूछताछ करने पर दोनों ने हत्या करना स्वीकार किया।

दोस्त के मोबाइल से लिया नंबर और शुरू की बातचीत

प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि मृतका संगीता का प्रेमी मुख्य आरोपित प्रदीप कुमार पटेल का साथी रवि यादव मुंबई में रहकर मृतका की चचेरी बहन के यहां इडली बेचने का काम करता था। रवि के मुताबिक उसके सर में चोट लग गई थी और उसे काम करने में परेशानी हो रही थी तो उसने मुंबई से वापस अपने गांव जाने की इच्छा जताई, लेकिन उसकी मालकिन ने उसे वापस आने का पैसा नहीं दिया। 

जिस पर उसने इडली बेचने वाला एल्मुनियम का बर्तन बेचकर मिले पैसों से मुंबई से वापसी का टिकट लिया और घर आ गया। इस बीच मृतका को उसकी चचेरी बहन ने रवि का नंबर दिया और कहा कि रवि से उसका पैसा वापस करने को कहे। मृतका संगीता ने पांच-सात बार रवि को फोन किया। इस बीच रवि के मोबाइल से प्रदीप ने मृतका का नंबर निकाल लिया और उससे बातें करने लगा। इसी बीच प्यार का परवान चढ़ा और दोनों ने एक-दूसरे के साथ जीने-मरने की कसमें खाई।

प्रदीप का विवाह कहीं और तय हुआ तो संगीता को रास्ते से हटाने की बनाई योजना

इस बीच मुख्य आरोपित का विवाह वाराणसी में किसी और लड़की के साथ घर वालों ने तय कर दिया। इसके बाद प्रदीप ने रवि को यह बात बताई और गांव के पोखरे पर बैठकर दोनों ने किसी भी हाल में संगीता को रास्ते से हटाने की योजना बनाई। 22 दिसंबर को प्रदीप और रवि मृतका को बाइक से चुनार घुमाने के बहाने लाए। मेड़िया तिराहे पर रात के अंधेरे का फायदा उठाते हुए गला घोंटकर संगीता की हत्या कर दी.

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