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दुष्कर्म पीड़िता को नहीं मिला बेड, दर्द से चीखती मासूम संग गिड़गिड़ाता रहा पिता

गाजीपुर न्यूज़ टीम, नई दिल्ली. दुष्कर्म के दर्द से कराहती मासूम के साथ उसका पिता दिल्ली के नामचीन अस्पतालों के बीच करीब ढाई घंटे तक चक्कर काटता रहा, लेकिन इलाज देने की जगह उसे हर जगह दूसरे अस्पताल का रास्ता पकड़ने की नसीहत मिली। सरदार पटेल अस्पताल से लेडी हार्डिंग अस्पताल, आगे कलावती, फिर लेडी हार्डिंग..., खून से लथपथ अपनी बच्ची को लेकर उसे नई दिल्ली और मध्य दिल्ली में स्थित इन अस्पतालों के बीच एंबुलेंस से करीब 15 किमी भटकना पड़ा। 

आखिरकार किसी तरह राम मनोहर लोहिया में वह अपनी बेटी को भर्ती करवा पाया। आईसीयू में भर्ती मासूम की 36 घंटे के बाद भी हालत नाजुक बनी हुई है। उधर मध्य जिले के स्पेशल स्टाफ और एएटीएस की टीम ने आरोपी को रोहतक जिले के कलानौर से गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान सूरज पुत्र दिनेश शाह निवासी के-1, रघुबीर नगर के तौर पर हुई है। 

बच्ची के सेहत पर सवाल करते ही शनिवार को उसका पिता रो पड़ा। सिसकते हुए उसने बताया कि शुक्रवार सुबह करीब साढ़े दस बजे पत्नी ने घटना की जानकारी दी। वह भागकर घर पहुंचा। घर के बाहर भीड़ जमा थी। अपनी बेटी की हालत देखकर उसके आंखों से आंसू निकल गए। बच्ची खून से लथपथ थी। इसी बीच किसी ने घटना की जानकारी पुलिस और एंबुलेंस को दे दी। एंबुलेंस के मौके पर पहुंचते ही वह बच्ची को लेकर अस्पताल के लिए भागा। 

पिता के मुताबिक, करीब 11 बजे वह पटेल अस्पताल पहुंचा। वहां बच्ची के पिता से कहा गया कि बच्ची का इलाज यहां सभव नहीं, इसके लिए उसे लेडी हार्डिंग अस्पताल जाना पड़ेगा। इस दौरान उसने वहां मौजूद लोगों से बच्ची की उम्र, पीड़ा की बात करते हुए मिन्नतें की, लेकिन उसको अनसुना कर दिया गया। थक हारकर वह करीब 12 बजे लेडी हार्डिंग अस्पताल पहुंचा। वहां उसे बताया गया कि यहां बच्चों का इलाज नहीं होता है। साथ ही कलावती अस्पताल जाने की सलाह दी गई। 

आगे कलावती पहुंचने पर बच्ची के पिता को कहा गया कि जिस इलाके का यह मामला है उनका इलाज इस अस्पताल में नहीं होता है। उसे वापस लेडी हार्डिंग जाने को कहा गया। इस बीच बच्ची दर्द से कराह रही थी। अपनी बच्ची का सिर थामे पिता उसे वापस लेडी हार्डिंग अस्पताल लाया। जहां से उसे राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले जाने की सलाह दी गई। 

दोपहर करीब 1:30 बजे पिता अपनी बच्ची को लेकर राम मनोहर लोहिया अस्पताल पहुंचा और वह बच्ची को भर्ती करने के लिए गुहार लगाई। बच्ची को अस्पताल में भर्ती कर लिया गया। पहले बच्ची को स्थिर करने के लिए प्राथमिक इलाज किया और फिर शाम छह बजे बच्ची का ऑपरेशन करने के बाद रात 11:00 बजे उसे गहन चिकित्सा कक्ष में भेज दिया गया। वहां अभी उसकी हालत स्थिर लेकिन नाजुक बनी हुई है।

इस तरह लगाया करीब 15 किमी का चक्कर

. रणजीत नगर से सरदार पटेल अस्पताल, पटेल नगर:     करीब 2.8 किलोमीटर

. सरदार पटेल अस्पताल से लेडी हार्डिंग अस्पताल:         करीब 8.8 किलोमीटर

. लेडी हार्डिग अस्पताल से कलावती अस्पताल:            करीब 5.50 किलोमीटर

. कलावती से लेडी हार्डिंग अस्पताल:                        करीब 5.50 किलोमीटर

. लेडी हार्डिंग से राम मनोहर लोहिया अस्पताल                करीब 2.5 किलोमीटर

बेटे की मौत के गम से उबरा नहीं कि टूटा दुखों का पहाड़

बेटी के साथ हुए दर्दनाक घटना से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। रोते हुए बच्ची के पिता ने बताया कि पिछले साल दिल में छेद होने की वजह से सात साल के बेटे की मौत हो गई थी। एक एक पैसा जोड़कर बेटे का पंत अस्पताल में ऑपरेशन करवाया था लेकिन बेटे को बचा नहीं पाए। उसकी मौत के गम से उबरे भी नहीं थे कि शुक्रवार को बेटी के साथ ऐसी घटना हो गई।

मेहनत मजदूरी कर अपनी दो बेटियों का पालन पोषण करते हैं। ऐसा होता है कि कभी उनके पास पैसे नहीं होते हैं तो मजबूरी में बच्ची गुरुद्वारा जाकर लंगर लेकर आती है। लेकिन उसे नहीं पता था कि बच्ची पर किसी की नजर थी। बेटी की हालत देखी नहीं जा रहा है। वह दर्द से कराह रही है। बच्ची के पिता ने कहा कि पुलिस जल्द से जल्द आरोपी को गिरफ्तार कर और उसे फांसी की सजा देनी चाहिए। 

बच्ची से दुष्कर्म में दिल्ली महिला आयोग ने पुलिस को नोटिस जारी किया 

दिल्ली महिला आयोग ने मामले पर संज्ञान लेते हुए दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है। आयोग ने पुलिस से मामले में तत्काल कार्रवाई करने को कहा है। साथ ही मामले में दर्ज प्राथमिकी का ब्यौरा मांगा है। आयोग ने दिल्ली पुलिस से गिरफ्तार आरोपी का विवरण मुहैया करने के लिए कहा है।



आयोग ने मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा कि वह घटना से काफी दुखी है। यह बड़ी चिंता और शर्म की बात है कि हमें छोटे बच्चों के साथ बार-बार होने वाले यौन हमले के ऐसे मामलों से गुजरना पड़ रहा है। यह व्यवस्था की पूर्ण विफलता है कि छोटी बच्चियों के साथ दुष्कर्म के मामलों को रोकने में असमर्थ है। केवल कड़े कदम ही लड़कियों के साथ दुष्कर्म की घटनाओं को रोक सकते हैं।

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