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यूपी सरकार का बड़ा कदम, आयुष्मान भारत योजना में अब किडनी और कार्निया ट्रांसप्लांट भी होगा मुफ्त इलाज

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत अब जल्द किडनी ट्रांसप्लांट और कार्निया ट्रांसप्लांट भी हो सकेगा। नेशनल हेल्थ अथारिटी (एनएचए) ने इसे हेल्थ बेनिफिट पैकेज में शामिल कर लिया है। एनएचए के प्रस्ताव पर उत्तर प्रदेश सरकार ने सहमति जता दी है। स्टेट एजेंसी फार कांप्रिहैंसिव हेल्थ एंड इंटीग्रेटेड सर्विसेज (साचीस) की सीईओ संगीता सिंह ने बताया कि आयुष्मान योजना के लाभार्थियों के इलाज पर होने वाले खर्च का 60 प्रतिशत केंद्र सरकार और 40 फीसद हिस्सा राज्य सरकार देती है। ऐसे में एनएचए की ओर से इस पर सहमति मांगी गई थी। इससे जल्द बड़ी संख्या में गरीबों को राहत मिलेगी।

आयुष्मान भारत योजना के तीन साल पूरे होने पर राजधानी लखनऊ में गुरुवार को आयोजित मीडिया कार्यशाला में संगीता सिंह ने बताया कि कोरोना के तमाम मरीजों को ठीक होने के बाद ब्लैक फंगस जैसी खतरनाक बीमारी से जूझना पड़ा। ऐसे में आयुष्मान योजना के लाभार्थियों के ब्लैक फंगस के इलाज की भी सुविधा दी गई। अंत्योदय परिवारों को जोड़ने के बाद अब इस योजना के लाभार्थियों की कुल संख्या 7.60 करोड़ हो गई है और अब तक 1.59 करोड़ के कार्ड बन चुके हैं।

23 सितंबर 2018 को यह योजना शुरू हुई थी और उत्तर प्रदेश में अब तक 8.58 लाख लोग इस योजना का लाभ उठा चुके हैं। इस योजना के तहत एक परिवार को एक साल में पांच लाख रुपये तक के इलाज की मुफ्त सुविधा दी जाती है। अब तक 886 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। सबसे ज्यादा 4.89 लाख यानी 57 फीसद पुरुषों व 3.69 लाख यानी 43 प्रतिशत महिलाओं ने इस योजना का लाभ उठाया है।

कार्यक्रम सेंटर फार एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) के सहयोग से आयोजित हुआ। सीफार की नेशनल प्रोजेक्ट हेड रंजना द्विवेदी ने योजना के व्यापक प्रचार-प्रसार पर जोर दिया। कार्यक्रम में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, उप्र के संयुक्त निदेशक डा. राजेंद्र कुमार ने स्वास्थ्य बीमा के संबंध में किए जा रहे प्रयासों के बारे में जानकारी दी। महाप्रबंधक पालिसी एवं पब्लिक हेल्थ डा. बीके पाठक भी मौजूद रहे। कार्यक्रम में नुक्कड़ नाटक के माध्यम से योजना के बारे में जानकारी दी गई।

सबसे ज्यादा कैंसर रोगियों ने कराया इलाज : आयुष्मान योजना में गंभीर बीमारियों की श्रेणी में सबसे ज्यादा कैंसर के मरीजों ने इलाज कराया। कैंसर के 53,434 मरीजों ने इलाज कराया। वहीं 35,731 स्त्री व प्रसूति के मरीजों, 31,801 हड्डी रोगियों, 18,502 किडनी रोगियों, 9,393 हृदय रोगियों और 9,393 दिल के मरीजों ने अपना इलाज कराया है।

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