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आजमगढ़ में पकड़े गए भाड़े के शूटरों ने खोला राज - दारोगा ने दी है हत्या की सुपारी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, आजमगढ़. आजमगढ़ जिले के रानी की सराय थाने की पुलिस ने सुपारी लेकर एक व्यक्ति की हत्या करने निकले तीन शूटरों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने इनके पास से अलसहा, कारतूस, बाइक आदि जब्त किया. लेकिन जब इनसे पूछताछ शुरू हुई तो इन तीनों ने जो राज खोला तो पुलिस के मुंह खुले रह गए. इन तीनों के कबूलनामे के आधार पर पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने दावा किया कि गोंडा जिले में तैनात एक दारोगा ने इन तीनों को हत्या की सुपारी दी थी.

शुक्रवार को यह मामला रानी की सराय थाने की पुलिस टीम के सामने आया. पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य की देखरेख में रानी की सराय थाने की पुलिस वाहनों की चेकिंग कर रही थी. इसी बीच पुलिस को सूचना मिली कि तीन संदिग्ध अल्लीपुर गांव के डीहबाबा स्थान पर मौजूद हैं. सूचना के बाद पुलिस टीम ने डीहबाबा स्थान पर दबिश देकर तीनों संदिग्धों को हिरासत में ले लिया. पुलिस ने जब इनकी तलाशी ली तो इनके पास से दो तमंचा, कारतूस, बाइक और फोटो मिले. हिरासत में लिए गए तीनों बदमाशों की पहचान दीनानाथ यादव, डफली यादव और देवेन्द्र नाथ यादव के रूप में हुई. ये तीनों गोंडा जिले के नवाबगंज थाना क्षेत्र के तुलसीपुर माझा (पूरे अर्जुन) के रहनेवाले हैं.

हिरासत में लेने के बाद जब पुलिस ने पूछताछ की तो तीनों ने चौंकाने वाला खुलासा किया. भाड़े के शूटरों ने बताया कि रानी की सराय के अल्लीपुर गांव के रहनेवाले दारोगा अखिलेश यादव ने अल्लीपुर गांव के ही रोहित की हत्या करने के लिए 20 हजार की सुपारी दी थी. अखिलेश यादव वर्तमान में गोंडा जिले के कौड़िया थाने पर तैनात हैं. भाड़े के इन तीनों शूटरों ने यह भी कहा कि ये हथियार और कारतूस की व्यवस्था भी अखिलेश यादव ने ही की थी.

इस पूरे मामले में पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने कहा कि रानी की सराय थाने के अल्लीपुर गांव के रहनेवाले दारोगा अखिलेश यादव के भाई की हत्या 2020 में हुई थी. इस मामले में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर गैंगेंस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई भी हुई थी. इसी मामले में एक आरोपी जमानत पर था, उसी की हत्या के लिए दारोगा अखिलेश यादव ने इन तीनों को सुपारी दी थी.

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