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कचरा मुक्त वाराणसी को मिला राष्ट्रपति से पुरस्कार, गंगा किनारे बसे सबसे स्‍वच्‍छ नगर का गौरव

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. वित्तीय वर्ष 2020-21 में वाराणसी में नगर निगम ने कचरा प्रबंधन की दिशा में उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है। परिणाम, कचरा मुक्त हो गई काशी। इसके लिए शनिवार को नई दिल्‍ली स्थित विज्ञान भवन में राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द पुरस्कृत किया। राष्ट्रपति की ओर से दो पुरष्कार मिलां है। एक स्वच्छ गंगा टाउन में प्रथम व दूसरा गरवेज फ्री सिटी का। वाराणसी को गंगा नदी क्षेत्र में बसे शहरों में सबसे स्‍वच्‍छ नगर घोषित किया गया। पुरस्‍कार लेने के लिए मंच पर यूपी सरकार के नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन, वाराणसी की मेयर मृदुला जायसवाल, अपर मुख्‍य सचिव नगर विकास रजनीश दूबे, वाराणसी नगर आयुक्‍त प्रणय सिंह शामिल रहें।

घर-घर कूड़ा उठान बड़ी उपलब्धि

नगर में घर-घर कूड़ा उठान की कवायद कचरा मुक्त शहर के लिए बड़ी उपलब्धि है। निजी कंपनी एजी इनवायरो यह कार्य कर रही है। इसके अलावा निजी कंपनी विशाल गंगा के घाटों की सफाई व कचरा उठान कर रही है। दो संस्थाएं जीआइजेड इंडिया व करो संभव वैन लेकर घर तक जा रही हैं और कचरा प्रबंधन के गुर सिखा रही हैं। प्रमुख बाजारों में दिन-रात सफाई, मशीन से सड़कों की सफाई, पानी का छिड़काव, हरे भरे पार्क, सुंदर कुंड व तालाब आदि से बेहतर परिणाम संभावित है।

ठोस कचरा का स्मार्ट प्रबंधन

नगर में ठोस कचरा का स्मार्ट प्रबंधन हो रहा है। स्मार्ट सिटी योजना से जुड़े कंट्रोल एंड कमांड सेंटर से कचरा घरों को जोड़ दिया गया है। सड़क किनारे रखे बड़े कंटनेर, सामुदायिक व सार्वजनिक शौचालय सभी सेंटर से जुड़े हैं। उठान को लेकर नियमित रिपोर्ट बन रही है। नगर निगम मुख्यालय में स्वच्छता वार रूम भी बना है।

ठोस कचरा व प्रबंधन के इंतजाम

-600 टन कचरा प्रतिदिन

-29 स्थाई व 14 अस्थाई कचरा घर

-90 डंपर कचरा रोजाना उठान

-1000 टन कचरा प्रसंस्करण प्लांट करसड़ा

-50 टन कचरा प्रसंस्करण प्लांट भवनिया पोखरी

-200 टन कचरे से सीएनजी व बिजली बनाने के दो प्लांट प्रस्तावित हैं। इसमें एक ने कार्य करना प्रारंभ कर दिया है।

कचरा प्रबंधन के संसाधन

-25 डंपर वाहन

-07 जेसीबी

-08 डंपर प्लेसर

-17 ट्रैक्टर

-10 हापर

-30 टाटा एस

-01 वाटर स्प्रिंकलर

-02 रोड स्वीपिंग मशीन

-01 सकर मशीन

-06 जेटिंग मशीन

ओडीएफ डबल प्लस में शहर

स्वच्छता सर्वेक्षण के एक पेपर में नगर निगम वाराणसी पहले ही पास हो गया है। ओडीएफ को लेकर शहर ने सराहनीय कार्य किया है। थर्ड पार्टी से कराए सर्वे में नगर निगम को ओडीएफ डबल प्लस श्रेणी में शामिल किया गया है। यह सर्टिफिकेट स्वच्छता सर्वेक्षण में अव्वल होने के लिए बड़ा आधार है। थर्ड पार्टी के निरीक्षण में शहर की जनसंख्या 1198491 बताई गई है। सामुदायिक शौचालय 55, सार्वजनिक शौचालय 180 को आधार बनाकर 60 शौचालयों को बेहतरीन बताया गया है। 

थर्ड पार्टी ने तीन शौचालयों को साफ- सुथरा का दर्जा दिया है। इसमें दुर्गाकुंड, मछोदरी पार्क, मलदहिया-लहुराबीर क्रासिंग व लहुराबीर चौराहा का शौचालय है। ऐसे ही दो शौचालय बहुत साफ हैं। इसमें रवींद्रपुरी कालोनी व चौकाघाट शौचालय हैं। दो शौचालय सर्वाधिक साफ है। इसमें शिवा ओल्ड कांप्लेक्स व शहीद उद्यान सिगरा का नाम है। वहीं, पांच ऐसे शौचालय हैं जिनको उदाहरण के तौर पर प्रस्तुत किया जा सकता है। इसमें सिगरा पुलिस स्टेशन, राजा बाजार, बीएलडब्ल्यू, रोडवेज, पिशाचमोचन का नाम शामिल है।

एसटीपी निर्माण ने भी दी बढ़त

ओडीएफ डबल प्लस की श्रेणी में वाराणसी को लाने में एसटीपी निर्माण ने भी बढ़त दी है। इसमें जहां पहले से बने 80 एमएलडी दीनापुर एसटीपी व 9.8 एमएलडी भगवानपुर एसटीपी को अपग्रेड किया गया है तो वहीं नए बने 140 एमएलडी दीनापुर एसटीपी व 120 एमएलडी गोइठहां एसटीपी ने ओडीएफ को लेकर स्वच्छता सर्वेक्षण में अच्छे अंक की दावेदारी दिलाई है।

नगर निगम में सफाई कर्मी

-1040 स्थाई सफाई कर्मी।

-1000 संविदा सफाई कर्मी।

-700 आउटसोर्स के सफाई कर्मी।

-10 हजार की आबादी पर 35 सफाई कर्मियों की तैनाती का मानक।

-200 सफाई कर्मी रोजाना वीवीआइपी ड्यूटी करते हैं।

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