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पंचायत सहायकों को मिली 'उत्तर प्रदेश मातृभूमि योजना' की जिम्मेदारी, 10 हजार रुपये मिलेगी फीस; पढ़े- पूरी डिटेल

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. गांवों के विकास कार्यों में आमजन की सहभागिता बढ़ाने के लिए 'उत्तर प्रदेश मातृभूमि योजना' शुरू हो रही है। इसके सारथी पंचायत सहायक होंगे। दानदाताओं को योजना की जानकारी और कार्यों के विवरण का आदान-प्रदान इन्हीं के माध्यम से होगा। इसके बदले उन्हें सरकार व दानकर्ता की अनुदान राशि से अधिकतम 10 हजार रुपये फीस मिलेगी। ज्ञात हो कि योगी सरकार ने पहली बार हर ग्राम पंचायत में पंचायत सहायक की तैनाती की है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट 'उत्तर प्रदेश मातृभूमि योजना' के क्रियान्वयन प्रस्ताव पर मुहर लगा चुकी है। अपर मुख्य सचिव पंचायती राज मनोज कुमार सिंह ने शुक्रवार को शासनादेश जारी कर दिया है। पंचायत राज निदेशक व जिलाधिकारियों को भेजे आदेश में उन्होंने लिखा है कि उत्तर प्रदेश मातृभूमि सोसाइटी का गठन करके राज्य व जिला स्तर पर खाता खोला जाएगा। इसमें जरूरत के अनुसार धन भी उपलब्ध कराया जाएगा। निर्देश है कि दानकर्ता की ओर से योजना के तहत खोले गए बैंक खाते में दान राशि जमा करने के 30 दिन के अंदर कार्य की प्रशासनिक स्वीकृति मुख्य विकास अधिकारी देंगे। सीडीओ उसकी प्रगति रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपेंगे।

उत्तर प्रदेश मातृभूमि योजना को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (पीएमयू) का गठन होगा और राज्य स्तरीय बैंक अकाउंट पीएमयू ही संचालित करेगा। पीएमयू की ओर से योजना का वेब पोर्टल व मोबाइल एप तैयार कराया जाएगा। इसी पोर्टल के माध्यम से दानकर्ता व सरकार की अनुदान राशि बैंक खाते में जमा कराई जाएगी। ग्राम पंचायत, विकासखंड व मुख्य विकास अधिकारी के लिए लाग इन आइडी व पासवर्ड तैयार किया जाएगा। इतना ही नहीं दानदाताओं से संपर्क व समस्या निवारण के लिए काल सेंटर बनेगा। काल सेंटर के मैन पावर, इंफ्रास्ट्रक्चर आदि का इंतजाम सोसाइटी करेगी। निर्माण कार्य सरकारी व निजी कंपनी भी करा सकती हैं।

यह है योजना : उत्तर प्रदेश मातृभूमि योजना के तहत गांव के विकास की जो योजना दान देने वाले की होगी, उसे 60 प्रतिशत धन देना होगा। सरकार 40 प्रतिशत अनुदान देगी। विकास का सारा श्रेय, शिलापट आदि दानदाता का ही लगेगा। गांवों में रह रहे व बड़ी संख्या में लोग गांव से निकलकर देश के विभिन्न शहरों व विदेश में कार्यरत हैं। ये सुविधा संपन्न लोग अपने गांव के विकास में योगदान देना चाहते हैं, लेकिन कोई व्यवस्थित प्लेटफार्म न होने की वजह मन मसोस रहे थे। अब उनकी अच्छा पूरी हो सकेगी।

ये निर्माण करा सकते

  • स्कूल व इंटर कालेज की कक्षाओं का निर्माण या स्मार्ट क्लासेस की स्थापना व संचालन
  • सामुदायिक भवन, विवाह के लिए बारात घर, स्किल सेंटर का निर्माण व संचालन
  • चिकित्सा केंद्र का भवन, साजसज्जा, उन्नयन व उपकरण आदि।
  • आंगनबाड़ी, मध्यान्ह भोजन का रसोईघर व भंडारण गृह।
  • पुस्तकालय, आडीटोरियम।
  • खेलकूद के लिए व्यायामशाला, उपकरण व ओपेन जिम।
  • सीसीटीवी कैमरा, सर्विलांस सिस्टम, पब्लिक एड्रेस सिस्टम।
  • अंत्येष्टि स्थल का निर्माण व विकास सहित 19 तरह के अन्य कार्य।

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