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मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा 14 नवंबर को पहुंचेगी बनारस, 15 नवंबर को भोर में शुरू होगी यात्रा

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. मां अन्नपूर्णा प्रतिमा की पुनर्स्‍थापना यात्रा 14 नवंबर को शाम पांच बजकर 35 मिनट पर वाराणसी जिले की सीमा में प्रवेश कर जाएगी। काशी की धरती पर मां की प्रतिमा का पहला भव्य स्वागत फूलपुर बाजार में होगा। इसके बाद पिंडरा बाजार होते हुए शाम साढ़े छह बजे बाबतपुर चौराहा पहुंचेगी, जहां पर यात्रा के भव्य स्वागत का कार्यक्रम आयोजित किया गया है। इसके पश्चात यात्रा हरहुआ होते शिवपुरा चौक पहुंचकर यात्रा में शामिल मां के भक्त रात्रि विश्राम करेंगे।

सौ साल पहले चुरा कर कनाडा ले जाई गई मां अन्नपूर्णा की मूर्ति 14 नवंबर को काशी आ रही है। केंद्र व प्रदेश सरकार की ओर से इसकी तैयारी हो रही है। 11 नवंबर को दिल्ली से मूर्ति प्रस्थान करेगी। सड़क मार्ग से 14 नवंबर को काशी पहुंचेगी। 15 नवंबर को प्रबोधिनी एकादशी के उदया तिथि पर मूर्ति की स्थापना की जाएगी। भाजपा काशी क्षेत्र के अध्यक्ष महेशचंद श्रीवास्तव ने बुधवार को बताया कि मूर्ति आगमन को लेकर भाजपा की ओर से स्वागत की भव्य तैयारी है। मूर्ति के भारत आगमन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने व्यक्तिगत तौर पर रुचि दिखाई है। कनाडा सरकार ने भारत के उच्चायुक्त को मूर्ति सौंप दी है। मूर्ति कनाडा की यूनिवर्सिटी आफ रेजिना में मिली है। मूर्ति के एक हाथ में खीर और दूसरे हाथ में अन्न है। क्षेत्रीय अध्यक्ष महेशचंद श्रीवास्तव ने बताया कि माता अन्नपूर्णा की प्रतिमा 100 साल पश्चात पुन: अपने मूल स्थान पर लौट रही है। प्रधानमंत्री मोदी के प्रयास से मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा 11 नवंबर को दिल्ली से चलकर 14 नवंबर को सुबह 10 बजे काशी क्षेत्र के सुल्तानपुर जिले के जमोली सीमा में प्रवेश करेगी।

यह यात्रा शहर के गीता मंदिर, गायत्री मंदिर, गुप्तागंज बाजार, कटका बाजार होते हुए दुर्गा मंदिर कस्बा (केएनआइ) पहुंचेगी, जहां पर यात्रा के स्वागत का मुख्य कार्यक्रम होगा। वहां से यह यात्रा गोलाघाट, पंचमुखी हनुमान मंदिर, डाकखाना चौराहा, मंदिर शाहगंज चौराहा, गणपत सहाय महाविद्यालय पायागीपुर, अहिमाने बाजार, प्रतापगंज बाजार होते हुए दोपहर दो बजे प्रतापगढ जिले की सीमा में प्रवेश करेगी। क्षेत्रीय अध्यक्ष महेशचंद श्रीवास्तव ने बताया कि माता अन्नपूर्णा प्रतिमा की पुनस्र्थापना यात्रा प्रतापगढ़ जिले के कोहडौर होते हुए चिलबिला मीनाक्षी मंदिर पहुंचेगी, जहां पर यात्रा के स्वागत का प्रमुख कार्यक्रम आयोजित किया गया है। यह यात्रा चौक, हादीहाल, सीताराम धाम, भुपियाभाऊ, पृथ्वीगंज, रानीगंज, गौरा, सुवांसा होते हुए जौनपुर पहुंचेगी। यात्रा दोपहर चार बजे जौनपुर की सीमा में प्रवेश करेगी जहां से दौलतिया मंदिर, मछली शहर, सिकरारा होते हुए जौनपुर कोतवाली चौराहा पहुंचेगी। यात्रा का भव्य स्वागत व मुख्य कार्यक्रम होगा। इसके पश्चात यात्रा सिरकोनी, जलालपुर, करखियांव औधोगिक क्षेत्र होते हुए वाराणसी जिले की सीमा में स्थित पिंडरा ब्लाक में प्रवेश करेगी।


मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा 14 नवंबर को शाम साढ़े पांच बजे

श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में हरिप्रबोधिनी एकादशी पर 15 नवंबर को कनाडा से लाई गई अन्नपूर्णेश्वरी की मूर्ति समेत पांच विग्रह स्थापित किए जाएंगे। इनमें ईशान कोण में मां अन्नपूर्णेश्वरी मंदिर होगा। इसमें पूर्व से इस स्थान पर स्थापित रही मूर्ति की भी पुन: प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। मंदिर का नाम तय कर दिया गया है। इसके अलावा मुख्य परिसर में ही विभिन्न स्थानों पर देवी पार्वती, सरस्वती माता, अविमुक्तेश्वर व कुबेर के विग्रह स्थापित किए जाएंगे। इन्हें निर्माण कारणों से हटा कर अन्यत्र सुरक्षित रखा गया था।श्रीकाशी विद्वत परिषद के निर्देशन में काशी विश्वनाथ मंदिर का 11 सदस्यीय अर्चक दल प्राण प्रतिष्ठा करेगा। इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यजमान होंगे। श्रीकाशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रो. रामनारायण दि्ववेदी ने बताया कि धर्म शास्त्र अनुसार समस्त विधान पूरे किए जाएंगे।

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