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जमीन की रजिस्ट्री के बाद अब ऑनलाइन खारिज दाखिल, वेबसाइट पर अपलोड होंगे भू-दस्तावेज

गाजीपुर न्यूज़ टीम, चंदौली. जमीन खरीदने के बाद खारिज दाखिल कराने के लिए लोगों को अब तहसील व रजिस्ट्री दफ्तर के चक्कर नहीं काटने होंगे। सरकारी कामकाज को पेपरलेस बनाने की मुहिम के तहत खारिज दाखिल की प्रक्रिया को आनलाइन कर दिया गया है। इससे जल्दी काम होगा। राजस्व परिषद ने प्रणाली को त्वरित व सुविधाजनक बनाने के लिए बदलाव का निर्देश दिया था।

जमीन खरीदने के बाद इसका खारिज दाखिल कराया जाता है। इसी प्रक्रिया के तहत भूलेख में भूमि खरीदार के नाम पर दर्ज होती है। वहीं खतौनी पर उसका नाम अंकित होता है। हालांकि, पहले यह प्रक्रिया काफी पेचीदा थी। इसमें एक माह तक का समय लग जाता था। इससे लोगों को परेशानी होती थी। इसकी जानकारी करने के लिए लोगों को रजिस्ट्री और तहसील कार्यालय के चक्कर काटने पड़ते थे।खरीदार के साथ सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों का काम भी बढ़ जाता था। इसको देखते हुए राजस्व परिषद ने खारिज दाखिल की प्रणाली को अब आनलाइन कर दिया है।

ऐसे होगा काम

पहले जमीन के बैनामा के बाद उपनिबंधक दफ्तर से जमीन के दस्तावेज और तहसील रजिस्टर तहसीलदार कार्यालय भेजना पड़ता था। इसका अवलोकन करने के बाद तहसीलदार की ओर से खारिज दाखिल की कार्रवाई की जाती थी। इसमें समय अधिक लगता था। नई प्रक्रिया के तहत रजिस्ट्री विभाग के कर्मियों की ओर से जमीन के दस्तावेज वेबसाइट पर आनलाइन अपलोड किए जाएंगे। यहीं से दस्तावेजों का अवलोकन कर लेखपाल की रिपोर्ट के आधार पर तहसीलदार की ओर से कार्रवाई की जाएगी।

आपस में लिंक हुई रजिस्ट्री व राजस्व विभाग की वेबसाइट

कामकाज को आसान व सुविधाजनक बनाने के लिए रजिस्ट्री व राजस्व विभाग की वेबसाइट को आपस में लिंक किया गया है। रजिस्ट्रार दफ्तर से वेबसाइट पर अपलोड किए गए भू दस्तावेजों को तहसील के अधिकारी-कर्मचारी आसानी से देख सकेंगे। इसके बाद विभागीय औपचारिकताएं पूरी कर खारिज दाखिल की प्रक्रिया को पूर्ण करेंगे।

बदलाव से काम हुआ आसान

सदर उपनिबंधक रामसुंदर यादव ने बताया कि आनलाइन दाखिल खारिज की प्रक्रिया से काफी सहूलियत होगी। भू-अभिलेख अब तहसील कार्यालय नहीं भेजने होंगे। वहीं खारिज दाखिल का काम भी तेजी से पूरा होगा।

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