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पूर्वांचल के 4 जिलों के लिए बीजेपी ने जारी की 15 प्रत्‍याशियों की सूची, 2 मंत्री को भी मौका

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. पूर्वांचल के चार जिलों के लिए भाजपा ने जारी की प्रत्‍याशियों की सूची शुक्रवार को जारी कर दी है। चार जिलों के लिए पंद्रह प्रत्‍या‍शियों की लिस्‍ट जारी की गई है। आजमगढ़ से छह, बलिया से चार और जौनपुर से चार और गाजीपुर से एक सीट के लिए प्रत्‍याशियों के सूची जारी की है। इसमें वर्तमान यूपी सरकार के दो मंत्री को भी मौका दिया गया। 

बलिया से फेफना विधायक उपेंद्र तिवारी और जौनपुर सदर से गिरीश चंद्र यादव का नाम शामिल है। भाजपा ने तीन महिलाओं को मैदान में उतार दिया। आजमगढ़ के लालगंज से नीलम सोनकर और मेंहनगर से मंजू सरोज का नाम शामिल है। वहीं गाजीपुर के जमानियां सीट पर सुनीता परीक्षित सिंह को प्रत्‍याशी बनाया। पार्टी ने चार यादव प्रत्‍याशी को भी मौका दिया। इसमें आजमगढ़ के निजामाबाद से मनोज यादव, बलिया के सिकंदरपुर से संजय यादव, जौनपुर के सदर से गिरीश चंद्र यादव और जफराबाद हरेंद्र प्रसाद यादव प्रत्‍याशी होंगे।

आजमगढ़

गोपालपुर-सत्येंद्र राय

आजमगढ़-अखिलेश मिश्र

निजामाबाद-मनोज यादव

दीदारगंज-कृष्ण मुरारी विश्वकर्मा

लालगंज-नीलम सोनकर

मेंहनगर-मंजू सरोज

बलिया

बेल्थरा रोड- छट्टू राम

रसड़ा-बब्बन राजभर

सिकन्दरपुर-संजय यादव

फेफना-उपेंद्र तिवारी

जौनपुर

बदलापुर-रमेश चंद्र मिश्रा

जौनपुर-गिरीश चंद्र यादव

जाफराबाद-हरेंद्र प्रसाद यादव

केराकत-दिनेश चौधरी

गाजीपुर

जमानियां-सुनीता परीक्षित सिंह

आजमगढ़ में तीन पुराने चेहरों पर भरोसा

भाजपा ने आजमगढ़ में छह सीटों पर घोषित किए उम्मीदवार। गोपालपुर से सत्येंद्र राय, आजमगढ़ से अखिलेश मिश्र, निजामाबाद से मनोज यादव, दीदारगंज से कृष्ण मुरारी विश्वकर्मा, लालगंज से नीलम सोनकर, मेंहनगर से मंजू सरोज। इसमें दो पुराने चेहरों में अखिलेश मिश्र गुड्डू, कृष्ण मुरारी विश्वकर्मा शामिल हैं। जबकि वर्ष 2017 में मेंहनगर से भाजपा एवं सुभासपा गठबंधन में सुभासपा की प्रत्याशी रहीं मंजू सरोज अबकी भाजपा का चेहरा बनी हैं। खास बात यह है कि भाजपा ने अपनी इकलौती सीट फूलपुर-पवई से उम्मीदवार किसी को नहीं बनाया है। यहीं से सपा ने एक दिन पूर्व भाजपा के सीटिंग एमएलए अरुणकांत के पिता रमाकांत यादव को टिकट दिया है। नीलम सोनकर पहली बार विधायकी लड़ेंगी, इससे पूर्व वे लालगंज सुरक्षित सीट से वर्ष 2014 में भाजपा से सांसद चुनी गईं थीं। ये वर्तमान में भाजपा संगठन में प्रदेश उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाले हुईं हैं।

गाजीपुर में जमानियां सीट पर फिर सुनीता सिंह और ओमप्रकाश सिंह के बीच होगा चुनावी घमासान

भाजपा ने जिले की सात में से सिर्फ जमानियां विधानसभा सीट पर प्रत्याशी की घोषणा की है। निर्वतमान विधायक सुनीता सिंह को प्रत्याशी बनाया गया है। सपा ने एक दिन पहले ही इस सीट पर पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह को प्रत्याशी बनाया है। एक बार फिर सुनीता सिंह और ओमप्रकाश सिंह के बीच चुनावी मुकाबला होगा। पिछले चुनाव में ओमप्रकाश सिंह को हार का मुंह देखना पड़ा था।

शुक्रवार को भाजपा ने जिले की जमानियां विधानसभा सीट से आबादी के लिहाज से सबसे बड़े गांव गहमर निवासी सुनीता सिंह को प्रत्याशी बनाया है। वर्ष 2017 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी सुनीता सिंह को 76823, बसपा के अतुल राय को 67559 और सपा के पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह को 49557 मत मिले थे। ओमप्रकाश सिंह तीसरे स्थान पर पहुंच गए थे। इससे पहले सपा ने दिलदारनग सीट से छह बार विधायक और दो बार सपा सरकार में मंत्री रह चुके ओमप्रकाश सिंह को प्रत्याशी घोषित किया है। भाजपा और सपा प्रत्याशियों के नामों की घोषणा के बाद इस बार भी मुकाबला दिलचस्प होगा।

बलिया में विधायक धनंजय का टिकट कटा, बिल्थरारोड से पूर्व मंत्री छट्ठू राम को मौका

लंबे इंतजार के बाद शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी ने अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए, लेकिन प्रत्याशियों की सूची ने सबको चौंका दिया। शीर्ष नेतृत्व ने बिल्थरारोड के वर्तमान विधायक धनंजय कन्नौजिया का टिकट काट दिया है, उनके स्थान पर हाल ही में बसपा से भाजपा में शामिल हुए छट्टू राम को प्रत्याशी घोषित कर दिया गया है। वह 2007 में बसपा सरकार के दौरान दर्जा प्राप्त मंत्री रह चुके हैं। 1999 में पहली बार बसपा से सलेमपुर के सांसद रहे बब्बन राजभर को इस बार रसड़ा से टिकट दिया गया है। उधर फेफना से खेल एवं युवा कल्याण मंत्री उपेंद्र तिवारी तीसरी बार प्रत्याशी बने हैं, वह 2012 व 2017 के चुनाव में इसी सीट से जीत हासिल कर चुके हैं। वह वर्तमान में खेल एवं युवा कल्याण मंत्री हैं। इसी तरह सिकंदरपुर सीट से विधायक संजय यादव पर दोबारा हाईकमान ने विश्वास जताया है। सूची फाइनल होने से जिले का सियासी पारा चढ़ गया है।

रसड़ा : सलेमपुर लोकसभा सीट से 1999 में पहली बार बसपा से सांसद बने बब्बन राजभर पर भाजपा ने रसड़ा से मैदान में उतारा है। रसड़ा ऐसी सीट है जहां 2012 में सपा की लहर और 2017 में मोदी लहर में भी बसपा का ही दबदबा रहा है। इस विधान सभा में राजभरों और पिछड़ वर्ग की संख्या ज्यादा है। यहां बसपा के उमाशंकर सिंह विधायक हैं, इससे यहां रोचक लड़ाई के संकेत मिल रहे हैं।

सिकंदरपुर : एक बार फिर भाजपा ने वर्तमान विधायक संजय यादव पर ही दांव लगाया है। यहां सपा ने भी पूर्व मंत्री जियाउद्दीन रिजवी को टिकट दिया है। इस विधान सभा में भी पिछड़ी जाति के लोगों की संख्या ज्यादा है। संजय 2017 के चुनाव में 69536 वोट हासिल किए थे। दूसरे नंबर पर सपा के पूर्व मंत्री जियाउद्दीन रिजवी थे। उन्हें 45988 वोट मिले थे। तीसरे स्थान पर बसपा के राजनाथ को 34968 वोट मिले थे।

फेफना : जिले में फेफना सीट काफी चर्चा में रहती है। यहां के विधायक उपेंद्र तिवारी 2012 और 2017 में लगातार जीत हासिल किए। इससे खुश होकर भाजपा ने उन्हें सरकार में मंत्री भी बनाया। सपा ने इस सीट पर संग्राम सिंह यादव काे उतारा है। 2017 के चुनाव में उपेंद्र को को 70588 वोट मिले थे। दूसरे स्थान पर बसपा से चुनाव लड़े अंबिका चौधरी को 52691 और तीसरे स्थान पर सपा के संग्राम सिंह यादव को 50016 वोट मिले थे।

बिल्थरारोड : इस सुरक्षित सीट पर विधायक रहे धनंजय कन्नौजिया का भाजपा ने टिकट काट दिया है। उनके स्थान पर छट्ठू राम को टिकट दिया गया है। बसपा के कभी दिग्गज नेता और दर्जा प्राप्त पूर्व मंत्री रहे छट्ठू राम कुछ माह पहले भाजपा में शामिल हुए थे। वह बसपा के यूपी में जोनल कोआर्डिनेटर रहने के बाद गुजरात प्रभारी रहे और बिहार इकाई के भी प्रभारी रहे। अनुशासनहीनता के आरोप में अक्टूबर 2019 में पार्टी से बसपा ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया था।

बदलापुर व केराकत में कांटे के टक्कर के आसार

जौनपुर की नौ विधानसभाओं में सपा ने चार पर तो भाजपा ने भी चार सीट पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। इसमें भाजपा ने अपने सभी चारों विधायकों बदलापुर से रमेश चंद्र मिश्र, जौनपुर सदर से गिरीश चंद्र यादव, केराकत (सु.) से दिनेश चौधरी व जफराबाद से डाक्टर हरेंद्र प्रसाद सिंह पर पुन: भरोसा जताते हुए मैदान में उतारा है। इसमें बदलापुर में जहां सपा से ओमप्रकाश उर्फ बाबा दुबे के भी पुन: मौदान में होने से यहां कांटे के टक्कर के आसार नजर आने लगे हैं, वहीं केराकत विधानसभा में भी पूर्व सांसद तूफानी सरोज को सपा ने टिकट देने से यहां भी लड़ाई को रोचक बना दिया है। हालांकि अभी कांग्रेस व बसपा ने अपने प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है। इसी तरह जौनपुर सदर विधानसभा से भाजपा ने विधायक व राज्यमंत्री रहे गिरीश चंद्र यादव व जफराबाद विधानसभा से विधायक रहे डाक्टर हरेंद्र प्रसाद सिंह को मैदान में पुन: उतार दिया है। यहां अन्य दलों ने अपने प्रत्याशियों की घोषणा अभी नहीं की है।

जौनपुर सदर विधानसभा क्षेत्र के 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रहे गिरीश चंद्र यादव ने कांग्रेस व सपा गठबंधन के प्रत्याशी नदीम जावेद को 12284 मतों से हराकर जीत दर्ज किया था। गिरीश चंद्र यादव को 90324 मत मिले थे तो नदीम जावेद को 78040 मत मिले थे। यहां 2012 के चुनाव में कांग्रेस के नदीम जावेद ने बसपा के तेज बहादुर मौर्य को 1239 मतों से हराकर जीत दर्ज किया थी। यहां 2012 के चुनाव में भाजपा 30 हजार से अधिक मत पाकर चौथे नंबर पर थी। 

इसी तरह केराकत विधानसभा सुरक्षित सीट पर 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के दिनेश चौधरी सपा के संजय सरोज को लगभग 15 हजार मतों से हराकर विधानसभा में पहुंचे। इसके पूर्व 2012 में सपा के गुलाब चंद सरोज बसपा की विजय लक्ष्मी‌ को लगभग दस हजार मतों हराकर विधानसभा पहुंचे थे। बदलापुर विधानसभा में 2017 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रहे रमेश चंद्र मिश्र ने बसपा के लालजी यादव को 2372 वोटों से हराया था। रमेश चंद्र मिश्र को 60 हजार 237 वोट मिले थे, जबकि बसपा के लालजी यादव को 57 हजार 865 तथा सपा के ओम प्रकाश दुबे बाबा 46 हजार 545 मत पाकर तीसरे नंबर पर थे। 

2012 में इस सीट पर सपा का कब्जा था। सपा के ओम प्रकाश दुबे बाबा को 65, 278 वोट मिले थे। उन्होंने बसपा के लालजी यादव को 16,193 वोटों से हराया था। इसी तरह जफराबाद विधानसभा में 2017 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रहे डाक्टर हरेंद्र प्रसाद सिंह ने 24865 मतों से सपा के शचींद्र नाथ त्रिपाठी को हराकर जीत दर्ज किया था। डाक्टर हरेंद्र को 85989 मत तो शचींद्र नाथ को 61124 मत मिले थे। यहां 2012 के चुनाव में सपा के शचींद्र नाथ त्रिपाटी ने बसपा के जगदीश नारायण राय को हराकर जीत दर्ज की थी। भाजपा प्रत्याशी रहे डाक्टर हरेंद्र प्रसाद सिंह 31266 मत पाकर तीसरे स्थान पर रहे।

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