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हिंसा का मास्टरमाइंड मोहर्रम अली पप्पू आया सपा के साथ, गुस्से में है सिख समाज!

गाजीपुर न्यूज़ टीम, सहारनपुर. सहारनपुर में हिंसा मामले के एक मास्टरमाइंड के सपा के साथ होने पर सिख समाज के लोगों में गुस्सा बढ़ रहा है. सिख समाज ने सहारनपुर में वर्ष 2014 में हुई गुरुद्वारा हिंसा के मास्टरमाइंड मोहर्रम अली पप्पू की उस तस्वीर पर गुस्सा जाहिर किया जिसमें वह समाजवादी पार्टी की टोपी पहने दिखाई दे रहे हैं. सिख समाज ने इसको लेकर हैरानी जताई है.

गौरतलब है कि मोहर्रम अली पप्पू का एक फोटो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है जिसको लेकर सिख समाज के लोगों में आक्रोश है. फोटो में सहारनपुर हिंसा के मास्टरमाइंड रहे मोहर्रम अली पप्पू को समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल समाजवादी पार्टी की लाल टोपी पहना रहे हैं. उनके बराबर में ही सहारनपुर से समाजवादी पार्टी के मौजूदा विधायक संजय गर्ग भी खड़े हैं. सपा प्रदेश अध्यक्ष के साथ दिख रही इस फोटो को कुछ दिन पुराना बताया गया है. यह मोहर्रम अली पप्पू को समाजवादी पार्टी की सदस्यता दिलवाए जाने के दौरान का है. इसी को लेकर सहारनपुर में सिख अल्पसंख्यक समुदाय के साथ साथ हिंदू समाज के लोगों में भी समाजवादी पार्टी के खिलाफ गुस्सा पनप रहा है.

गुरुद्वारे की जमीन पर लेंटर डालने को लेकर हुआ था सांप्रदायिक संघर्ष

दरअसल, 2014 में सहारनपुर के गुरुद्वारा रोड पर गुरुद्वारे की जमीन पर लेंटर डालने को लेकर सांप्रदायिक संघर्ष हो गया था. इस संघर्ष में सैकड़ों दुकानें जला दी गईं थीं. कई लोग घायल भी हुए थे. साथ ही पुलिस पर भी फायरिंग हुई थी, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे. घटना में स्थानीय लोग भी घायल हुए थे और सहारनपुर में कई दिनों तक कर्फ्यू लगाना पड़ा था. उस वक़्त सहारनपुर में हालात बेकाबू हो चुके थे.

मोहर्रम अली पप्पू पर दर्ज हैं 87 मुकदमे

पुलिस ने इस मामले में पंचायत करने और लोगों को भड़काने पर सहारनपुर के पूर्व पार्षद मोहर्रम अली पप्पू को नामजद किया था. पुलिस की तरफ से उस पर करीब 87 मुकदमे दर्ज किए गए थे. इतना ही नहीं उस वक्त मोहर्रम अली पप्पू के ऊपर NSA की कार्रवाई भी की गई थी, जिसके बाद डेढ़ साल तक मोहर्रम अली पप्पू को जेल में रहना पड़ा था. हालांकि 2021 में इस मामले में दोनों समुदाय के लोगों के बीच में फैसला हो चुका है. मोहर्रम अली पप्पू अब जमानत पर रिहा है.

सपा के सिख नेता ने जताई हैरानी

इस मामले में समाजवादी पार्टी अल्पसंख्यक सभा के प्रदेश सचिव और सिख समाज से जुड़े अभिषेक अरोड़ा उर्फ टिंकू का कहना है कि उन्हें भी ये जानकर हैरत है कि आखिर कैसे मोहर्र्म अली पप्पू की एंट्री, सपा नेताओं के सामने हो गई. अभिषेक अरोड़ा का कहना है कि जिसने भी ये किया है गलत किया है, क्योंकि वे भी जानते हैं कि मोहर्रम अली पप्पू पर सिख समुदाय के साथ साथ शहर में दंगा करवाने का भी आरोप है. आपको बता दें कि 2014 में सपा सरकार में ही ये हिंसा हुई थी.

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