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घोषणापत्र जारी नहीं किया तो क्या, घोषणाएं करने में पीछे नहीं मायावती...देखें वादों की ये लिस्ट

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर बहुजन समाज पार्टी ने इस बार भी घोषणापत्र जारी नहीं किया। बसपा की घोषणापत्र जारी नहीं करती, लेकिन इस बार विधानसभा चुनाव में घोषणाएं करने में किसी से पीछे नहीं है। बसपा प्रमुख मायावती अपनी हर सभा में वादे कर रही हैं। पुरानी पेंशन, रोजगार, शिक्षकों कर्मचारियों की समस्याएं और क्षेत्र का विकास जैसी कई घोषणाएं वह कर चुकी हैं। वह जनता से दावे करने में बाकी पार्टियों से पीछे नहीं रहना चाहतीं।

बसपा शुरुआत से ही घोषणा पत्र जारी नहीं करती। यह मुद्दा कई बार उठता रहा। इस पर बसपा का तर्क रहा है कि ज्यादातर पार्टियां घोषणाएं तो करती हैं लेकिन उनको पूरा नहीं करतीं। बसपा काम करने में विश्वास नहीं रखती। मायावती ने 2017 में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक रैली में कुछ घाषणाएं की थीं। ये घोषणाएं भी चुनाव कुछ दिन पहले फरवरी में की थीं।

वोट बैंक के सहारे चुनाव लड़ती है बसपा

इस बार बसपा प्रमुख मायावती काफी पहले से घोषणाएं कर रही हैं। इस बारे में लखनऊ विश्वविद्यालय समाज शास्त्र विभाग के प्रफेसर पवन मिश्र कहते हैं कि बसपा अपने वोट बैंक के भरोसे चुनाव लड़ती रही है। अभी तक उसका बेस वोटबैंक उसके साथ बरकरार भी है। शुरुआत में उसका यह भी मानना था कि उसका जो वोटर है, वह अखबार नहीं पढ़ता।

समय के साथ हुआ बदलाव

पिछले चुनावों में वोटबैंक भी कुछ छिटका और मीडिया की भी जरूरत महसूस हुई। दूसरी पार्टियों की तरह वह भी मीडिया के जरिए चुनाव में अपने वोटर को उपस्थिति दिखा सके। वहीं, बाकी सभी पार्टियां भी ताबड़तोड़ वादे कर रही हैं। ऐसे में बीएसपी किसी से पीछे नहीं रहना चाहती। यही वजह है कि मीडिया में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाने के लिए ये घोषणाएं ज्यादा की जा रही हैं।

औपचारिकता नहीं निभाती है बसपा

बसपा प्रवक्ता डॉ. फैजान खान का कहना है कि बहनजी जो कहती हैं, वह करती हैं। घोषणा पत्र जैसी औपचारिकता नहीं करतीं। जनता भी जानती है कि उन्होंने जो कह दिया, वही घोषणा पत्र है। हालांकि, उनके जो भी भाषण होते हैं, वे सहेज कर रखे जाते हैं। सरकार बनने पर एक-एक घोषणा को पूरा किया जाता है।

मायावती ने कीं ये घोषणाएं

  • पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल की जाएगी।
  • धरना-प्रदर्शन के नाम पर किए गए मुकदमों की ठीक से जांच करके गलत धाराओं में दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएंगे।
  • शिक्षकों और कर्मचारियों की समस्याओं के निराकरण के लिए आयोग का गठन किया जाएगा। जायज मांगों को पूरा किया जाएगा।
  • रोजगार के अवसर यूपी में ही उपलब्ध होंगे। किसी को रोजगार के लिए बाहर नहीं जाना होगा।
  • लखनऊ को देश की बेहतरीन राजधानी बनाया जाएगा। इसके लिए बहुत से विकास कार्य किए जाएंगे।
  • लखनऊ शहर के अलावा मंडल के अन्य जिलों में भी विकास कार्य कराए जाएंगे।
  • अपराधियों को जेल में भेजा जाएगा
  • केंद्र सरकार के जो भी विवादित कानून हैं, उनको प्रदेश में लागू नहीं किया जाएगा।
  • बसपा सरकार में संतों, महापुरुषों के नाम पर शहरों और पार्कों के नाम रखे गए थे लेकिन सपा शासन में उनको बदल दिया गया। इन स्थलों के नाम फिर से बहाल किए जाएंगे।
  • किसानों को उनकी लागत का उचित मूल्य दिलाया जाएगा।

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