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मुख्तार अंसारी की जमानत निरस्त करने को वार दायर, तथ्य छिपाने का आरोप

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर जिला सत्र न्यायायल के एडीजे कोर्ट में मुख्तार अंसारी को मिली जमानत के खिलाफ सहायक शासकीय अधिवक्ता फौजदारी नीरज श्रीवास्तव ने वाद दायर किया है। जमानत के विरोध में वकील ने मुख्तार पर कोर्ट से तथ्य छिपाकर जमानत लेने का आरोप लगाया। कोर्ट ने वकील के आवेदन पर संज्ञान लेकर मामले में नोटिस देकर तथ्यों की पड़ताल और आगे की कार्रवाई का आदेश दिया है।

न्यायालय के सहायक शासकीय अधिवक्ता फौजदारी नीरज श्रीवास्तव ने गोपन के आधार पर मुख्तार की जमानत को निरस्त करने का प्रार्थना पत्र सम्बन्धित न्यायालय में दिया है। इसमें बताया गया कि जनपद के थाना कोतवाली मोहम्मदाबाद गाजीपुर में सन 2007 में अभियुक्त मुख्तार अंसारी के विरूद्ध धारा 3(1) गैगेस्टर एक्ट पंजीकृत हुआ था। 

जो वर्तमान में एमपी एमएलए कोर्ट गाजीपुर मे विचाराधीन है। अभियुक्त के अधिवक्ता की ओर से प्रस्तुत प्रार्थनापत्र पर एमपी एमएलस कोर्ट गाजीपुर ने अभियुक्त मुख्तार अंसारी को एक लाख रूपये के निजी मुचलके पर रिहा करने का आदेश पारित किया।

मुकदमें में 17 जून 2016 को भी अभियुक्त मुख्तार अंसारी ने प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करते हुए 436 (ए) सीआरपीसी का लाभ पाने की याचना किया था परन्तु तत्कालीन गैगेस्टर कोर्ट गाजीपुर ने उनके अपराधिक पृष्ट को ध्यान मे रखते हुए निरस्त कर दिया था। इस तथ्य को अभियुक्त द्वारा प्रस्तुत वर्तमान प्रार्थना पत्र में उल्लिखित नही किया गया और यह भी नही बताया गया कि यह 436 (ए) सीआरपीसी के तहत प्रस्तुत द्वितीय प्रार्थना पत्र है। तथ्य को छिपाने के आधार पर जमानत निरस्त करने की मांग की।

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