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ई यूपी है भैया : घूस लेने पहुंचा था दिल्ली पुलिस का दरोगा, यूपी पुलिस ने रंगे हाथों दबोचा

गाजीपुर न्यूज़ टीम, बदायूं. दिल्ली पुलिस के कालकाजी थाने में क्राइम ब्रांच में तैनात दरोगा समेत दो पुलिस कर्मियों को बदायूं के वकील से 12 लाख रुपये की घूस लेना महंगा पड़ गया. वकील से घूस लेने बदायूं पहुंचे दिल्ली पुलिस के जवान को यूपी पुलिस ने रंगे हाथों पकड़ लिया. दरअसल, घूस देने से पहले ही एक वकील ने बदायूं एसएसपी ओपी सिंह को ब्लैकमेलिंग के मामले से अवगत करा दिया था. 

इस वजह से सदर एसडीएम व सीओ सिटी के नेतृत्व में गठित सिविल लाइंस पुलिस ने दिल्ली पुलिस के दरोगा और एक सिपाही को घूस लेते रंगे हाथ दबोच लिया. दरोगा की कार में एक महिला आरक्षी भी थी. उसे ब्लैकमेलिंग की जानकारी नहीं थी. सिविल लाइन पुलिस ने दरोगा समेत दोनों पुलिस कर्मियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया है.

दरअसल, मामला सिविल लाइन थाने से जुड़ा हुआ है. नवंबर माह में दिल्ली के कालकाजी थाना क्षेत्र की एक लड़की को बरेली जिले के शाही थाना क्षेत्र के गांव आनंदपुर निवासी राजू पुत्र बुद्धसेन भगा लाया था. इस मामले में कालकाजी थाने में राजू के खिलाफ लड़की के अपहरण का केस दर्ज हुआ था. मुकदमे की जांच कालकाजी की क्राइम ब्रांच में तैनात दरोगा पवन कुमार यादव कर रहे थे. इस बीच आरोपी राजू ने अपनी पैरवी के लिए बदायूं की कॉलोनी आवास विकास के रहने वाले वकील और भाजपा जिला उपाध्यक्ष नेकपाल सिंह से शादी से संबंधित दस्तावेज तैयार कराये थे. जिसमें राजू के एफिडेविट वकील द्वारा तैयार किये गए थे.

जिस पर दिल्ली पुलिस के दरोगा पवन एफिडेविट को फर्जी बता कर 15 लाख की डिमांड की थी. बाद में दोनों के बीच 12 लाख रिश्वत देने पर फैसला हो गया था. वकील ने 1.60 लाख रुपये दरोगा को देने के बाद एसएसपी को पूरी घटना बता दी थी, इस पर दोनों को गिरफ्तार किया गया.

दिल्ली पुलिस के विवेचक और क्राइम ब्रांच में तैनात पवन कुमार ने बरेली में राजू के घर दबिश देकर उसे हिरासत में ले लिया था. जब उसने शादी संबंधित दस्तावेज दिखाये तो विवेचक पवन वकील नेकपाल के घर पहुंच गये. जहां वकील पर आरोप लगाया कि उन्होंने शादी के दस्तावेज फर्जी तरीके से बनाये हैं, जिसमें उन्हें भी जेल जाना होगा. दरोगा ने छोड़ने के एवज में वकील से 15 लाख की मांग रखी. बाद में 12 लाख की डिलिंग हुई. सोमवार तक रुपयों का इंतजाम करने के लिए कहा.

वकील ने इस मामले की शिकायत एसएसपी डॉ. ओपी सिंह से की. एसएसपी ने मामले का संज्ञान लेते हुए एसडीएम सुखलाल वर्मा व सीओ सिटी आलोक मिश्र के नेतृत्व में दरोगा और उसकी टीम को रंगे हाथ पकड़ने के लिए टीम लगाई. वकील ने दरोगा को 12 लाख रुपये के सौदे में से 1.60 लाख रुपये दिये. वैसे ही पहले से रेकी कर रही पुलिस टीम ने दरोगा और सिपाही को रंगेहाथ पकड़ लिया. इस मामले में सिविल लाइंस थाने में कालकाजी थाने के दरोगा पवन राणा और कांस्टेबल कुलदीप यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. उनके साथ मौजूद महिला आरक्षी को मुकदमे में शामिल नहीं किया गया है.

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