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सिराथू में केशव प्रसाद मौर्य छह हजार वोटों से पीछे, सपा निकलीं आगे

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. यूपी की वीआईपी सीट सिराथू में भाजपा की टिकट से दांव आजमा रहे केशव प्रसाद मौर्य सपा प्रत्याशी शुरुआती रुझान में छह हजार वोटों से पीछे बताए जा रहे हैं। आयोग से मिली जानकारी के अनुसार सपा की पल्लवी को अब तक 10626 वोट मिले हैं। सिराथू विधानसभा केशव मौर्य के पीछे होने के बाद भाजपा में चिंता बढ़ गई है। हालांकि अभी दोनों प्रत्याशियों के बीच कड़ा मुकाबला जारी है। वोट प्रतिशत की बात करें तो भाजपा को 40 और सपा को अब तक 51 प्रतिशत वोट मिल चुके हैं। शाम तक नतीजे सामने आ जाएंगे।

बतादें कि यूपी के हॉट सीटों में से एक सिराथू सीट पर इस भी भाजपा के लिए कड़ी परीक्षा है। भाजपा ने इस बार यहां से डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को उम्मीदवार बनाया है। वहीं समाजवादी पार्टी की टिकट पर पल्लवी पटेल तो बसपा की टिकट पर मुनसब अली चुनाव मैदान में हैं। हालांकि 2012 से भाजपा यह सीट लगातार जीतते चली आ रही है। इस सीट को पाने के लिए सपा ने भी पूरा जोर लगा रखा है। सातों चरण की वोटिंग खत्म होने के बाद सभी ने इस हॉट सीट पर निगाहें टिका दी हैं। हालांकि इस सीट से कौन विधानसभा पहुंचेगा, यह शाम तक पता चलेगा। 

2014 में जीती थी सपा

सिराथू सीट पर समाजवादी पार्टी सिर्फ 2014 के उप चुनाव में जीत दर्ज कर पाई थी। यह उपचुनाव तब हुआ था जब फूलपुर से सांसद चुने जाने के बाद केशव प्रसाद मौर्य ने सिराथू के विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। वर्ष 1993 से लेकर वर्ष 2007 तक सिराथू सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थी। उस दौरान इस सीट से बीएसपी के उम्मीदवार ही जीते थे। वर्ष 2012 में सीट के सामान्य वर्ग का होने के बाद केशव प्रसाद मौर्य ने बीजेपी के टिकट पर जीत हासिल की और पहली बार विधानसभा में पहुंचे।

ऐसा है जातीय समीकरण

बताया जाता है कि इस क्षेत्र में करीब 34 फीसदी पिछड़े वर्ग के मतदाता हैं। कुल मतदाताओं की संख्‍या 3,80,839 है। इनमें से 19 फीसदी मतदाता सामान्य श्रेणी में आते हैं। क्षेत्र में करीब 33 फीसदी दलित और 13 फीसदी मुस्लिम मतदाता बताए जाते हैं।

2012 में पहली बार भाजपा ने जीती थी सिराथू सीट

2012 के विधानसभा चुनाव में प्रयागराज, प्रतापगढ़ और कौशांबी की 22 सीटों में से एकमात्र सिराथू ही ऐसी थी, जहां से भाजपा को जीत मिली थी। इस सीट पर भाजपा की यह पहली जीत थी। इससे पूर्व के दो चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। 2004 में अतीक अहमद के फूलपुर से सांसद बनने के बाद इलाहाबाद शहर पश्चिम सीट पर हुए उपचुनाव और इसी सीट पर 2007 में हुए विधानसभा चुनाव में वह पराजित हो गए थे। 2012 के विधानसभा चुनाव के दो साल बाद हुए 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें फूलपुर से प्रत्याशी बनाया। जिसमें उन्होंने रिकॉर्ड तीन लाख से अधिक मतों के अंतर से जीत हासिल कर फूलपुर सीट पर भी पहली बार भाजपा का कमल खिलाया था।

टिकट कटा फिर भी विधायक ने मनाई खुशी

उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को जिस सिराथू सीट से प्रत्याशी बनाया गया है, वह वर्तमान में भाजपा के पास है। 2017 के चुनाव में इस सीट से शीतला प्रसाद उर्फ पप्पू पटेल विधायक निर्वाचित हुए थे। शनिवार दोपहर टिकट की घोषणा के बाद विधायक केशव प्रसाद मौर्य के कौशांबी स्थित आवास पहुंचे। मिठाई खाई, आतिशबाजी देखी।

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