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योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर चिड़ियाघर में गौरी को खिलाया केला, जाना अमर का हाल

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर. गौरी इधर आओ। ऐ हर तुम भी इधर आओ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को असम से आये हुए गैंडे हर और गौरी को कुछ इस भांति बुलाया। करीब तीन मिनट के बाद नर हर और मादा गौरी मुख्यमंत्री के करीब आ गए। मुख्यमंत्री ने दोनों को केला खिलाया। हरी पत्तियां खिलाईं। उन्हें सहलाया। दुलार किया। उसके बाद दोनों गैंडे बाड़े में भीतर की तरफ चले गए। करीब 14 मिनट तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चिड़ियाघर में गैंडे के बाड़े के पास रहे। वहां मौजूद लोगों ने इस अनोखे नजारे को देखा।

मुख्यमंत्री के एक बुलावे पर ही आ गए हर और गौरी

मुख्यमंत्री से पूर्व वहां मौजूद चिड़ियाघर के कर्मचारी व अधिकारियों ने हर गौरी को बुलाने के लिए आवाज दी, लेकिन उनके प्रयास का जब कोई असर नहीं दिखा तो मुख्यमंत्री ने खुद हर और गौरी को आवाज दी। मुख्यमंत्री के बुलावे पर दोनों गैंडे उनके पास आ गए। लोग इसे देखकर हैरत में भी दिखे। मुख्यमंत्री ने इससे पूर्व गैंडे के बाड़े के बाहर पीपल का पौधा भी रोपा।

मुख्यमंत्री ने अमर का भी पूछा हाल

गैंडे के बाड़े को देखते हुए मुख्यमंत्री बाघ अमर के बाड़े के पास गए। उन्होंने अमर को आवाज दी और चिड़ियाघर के अधिकारियों से अमर का हाल पूछा। उन्होंने यह भी पूछा कि अमर की देखभाल कौन करता है। मुख्यमंत्री शेर पटौदी के बाड़े के बाहर भी रुके और चिड़ियाघर के कर्मचारियों से दोनों शेरों का नाम पूछा। जू कीपर से उसके देखभाल के विषय मे पूछा। मुख्यमंत्री गैंडे के बाड़े से लेकर शेर के बाड़े तक पैदल घूमें। जबकि हिरन, पक्षियों, भालू, दरियाई घोड़े का बाड़ा उन्होंने गोल्फकॉर्ट में बैठकर देखा।

सभी वन्यजीवों के देखरेख की ली जानकारी

इस दौरान उन्होंने चिड़ियाघर के निदेशक डॉ एच राजा मोहन व पशु चिकित्साधिकारी डॉ योगेश प्रताप सिंह से वन्यजीवों के देखरेख की जानकारी ली। मुख्यमंत्री 11.17 पर चिड़ियाघर आये और 12.17 पर वह चिड़ियाघर से रवाना हो गए।

मुख्यमंत्री के प्रयास पर ही गोरखपुर आए हर और गौरी

बता दें बुधवार को मुख्यमंत्री के ही विशेष प्रयास पर चिड़ियाघर में असम से दो गैंडों को लाया गया। गैंडे का गोरखपुर चिड़ियाघर में आना एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। परम्परा है कि प्रदेश के बाहर से चिड़ियाघर में जानवर बदले में ही आते हैं। चिड़ियाघर से जब कोई जानवर बदले में प्रदेश के बाहर के चिड़ियाघर को भेजा जाएगा तो उसके बदले में उन्हें जानवर मिलता है। 

गैंडे जैसे महत्वपूर्ण जानवर के लिए माना जाता है कि उसके बदले में संबंधित चिड़ियाघर को दो से तीन शेर या बाघ देने होंगे, लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विशेष प्रयासों की देन है कि गोरखपुर चिड़ियाघर को बिना कोई जानवर दिये ही असम के गुवाहाटी से दो गैंडे मिल गए। दोनों की उम्र कम है। इस समय लखनऊ चिड़ियाघर के पास कोई गैंडा नहीं है। प्रदेश में कुल पांच गैंडे हैं। उसमें से दो गोरखपुर के पास हैं। दोनों गैंडों की कम उम्र से माना जा रहा है कि दोनों इस चिड़ियाघर में लंबा वक्त गुजारेंगे। यह महज संयोग मात्र है कि गैंडों के आगमन के दूसरे दिन ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर आ चुके हैं।

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