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सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर का अस्थि कलश वाराणसी में गंगा में वैदिक रीति रिवाजों के साथ विसर्जित

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर का अस्थि - कलश का विसर्जन वाराणसी में गंगा तट स्थित अहिल्याबाई घाट पर किया गया। इस दौरान लता मंगेशकर के करीबी और परिवार के लोग भी अस्थि कलश विसर्जन के दौरान घाट पर मौजूद रहे और वैदिक रीति रिवाज और परंपराओं के मुताबिक गंगा में अस्थि कलश विसर्जि‍त किया। बीते माह छह फरवरी को लता मंगेशकर का मुंबई में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था। उनका निधन होने के बाद उनकी चिता से अस्थियों का संकलन कर वाराणसी में गंगा घाट पर ले जाकर विसर्जन की जानकारी पूर्व में ही परिवार की ओर से दी गई थी।

इस बाबत सुर साम्राज्ञी के निधन के एक माह के बाद आखिरकार उनकी अस्थियों को मोक्ष नगरी काशी में गंगा तट पर ले जाकर विसर्जन की तैयारियां शुरू हुईं। वाराणसी में गंगा तट पर आकर अहिल्‍याबाई घाट पर अस्थियों के विसर्जन की तैयारियां शुरू हुईं। घाट पर श्रीकांत पाठक के आचार्यत्‍व में पूरे वैदिक परंपराओं के अनुरूप लता मंगेशकर की अस्थियों के कलश का पूजन कर उनको रीति रिवाजों के अनुरूप गंगा में विसर्जित किया गया। इस दौरान लता मंगेशकर के परिवार से  उनकी बहन उषा मंगेशकर अस्थिकलश को लेकर वाराणसी आई थीं। गंगा में अस्थिकलश का विसर्जन करने के लिए वह पूर्व में ही वाराणसी पहुंच गई थीं। इस दौरान उनके साथ परिवार के अन्‍य सदस्‍य भी मौजूर रहे। पूजन का कार्य अहिल्याबाई घाट पर श्रीकांत पाठक के द्वारा सम्पन्न कराया गया तो इस दौरान परिचित लोग भी अस्थि कलश का दर्शन ओर नमन करने पहुंचे। 

पूरे वैदिक रीति रिवाजों को संपन्‍न कराने वाले पं. श्रीकांत पाठक ने बताया कि लता मंगेशकर की अस्थियों को गंगा में विसर्जित करने की जानकारी परिवार के लोगों की ओर से दी गई थी। इसके बाद गंगा तट पर मंगलवार की सुबह से ही विशेष समय पर पूजन अनुष्‍ठान और वैदिक परंपराओं के अनुरूप मां गंगा में लता की अस्थियों को समर्पित कर दिया गया। इस पूरी परंपरा के दौरान लता मंगेशकर के परिवार के लोग भी शामिल हुए। वहीं परिवार के लोग सोमवार की शाम वाराणसी में घाट स्थित एक होटल में ठहरे थे और सुबह अनुष्‍ठान में शामिल होने के बाद बाबा श्री काशी विश्‍वनाथ दरबार में हाजिरी लगाई और दर्शन पूजन के बाद बाबतपुर एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गए। 

मुंबई से उषा मंगेशकर के साथ आदिनाथ मंगेशकर, कृष्णा मंगेशकर, मयूरेश पई, विजय खाड़े, प्रतीक समदानी और महाराष्ट्र सरकार के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के व्यक्तिगत सहायक) मिलिंद नार्वेकर भी थे। अनुष्‍ठान में प्रदीप पाठक, विकास महाराज,यश मिश्र ने सहयोग किया। कार्यक्रम का संयोजन बृहन्‍नमहाराष्ट्र मंडल के उत्तर प्रदेश विभागीय कार्यवाह षडानन पाठक जी ने किया। स्व. लता मंगेशकर को मोक्ष प्रदान करने के लिए बाबा विश्वनाथ से प्रार्थना व शांति पाठ भी किया गया।

वहीं शहर से बाबतपुर एयरपोर्ट पहुंचीं लता मंगेशकर की बहन उषा मंगेशकर ने जागरण से कहा कि काशी सारे जग से न्यारी है लेकिन अफसोस इस बात का है कि दुःख की घड़ी में आई हूं इसलिए बनारस घूम नहीं सकी। एयरपोर्ट से सीधे घाट गई और अस्थि विसर्जन के बाद घाट से ही वापस आ गई। इसके पहले भी काशी तीन चार बार आ चुकी हूं लेकिन तब से अब में काफी बदलाव देखने को मिला है। 

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