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Ghazipur News: माफिया त्रिभुवन गिरोह के सदस्य की पीटकर हत्या, बेटा गंभीर

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. माफिया त्रिभुवन सिंह गिरोह के सदस्य मुड़ियार गांव निवासी सुरेंद्र सिंह (65) के घर हमला बोल हमलावरों ने लाठी-डंडे व धारदार हथियार से मौत के घाट उतार दिया। मारपीट में घायल पुत्र अनुज सिंह (20) का इलाज वाराणसी के ट्रामा सेंटर में चल रहा है और उसकी हालत नाजुक बनी हुई है। सुरेंद्र सिंह के करीबी मुड़ियार गांव निवासी विपिन सिंह की तहरीर पर पुलिस ने पिता-पुत्र समेत तीन के खिलाफ मुकदमा कायम कर उन्हें हिरासत में ले लिया है। सुरेंद्र पर एनएसए समेत छह मुकदमे दर्ज हैं।

रविवार शाम सुरेंद्र सिंह का बड़ा पुत्र विशाल सिंह अपने पट्टीदार विजय उर्फ मंटू सिंह के साथ मुड़ियार गांव स्थित बाबा कीनाराम अघोर पीठ में गए थे, जहां मुड़ियार गांव के ही उपेंद्र सिंह से किसी बात को लेकर विवाद हो गया। विजय वहां से फरार हो गया और विशाल कुछ देर बाद घर आया। करीब साढ़े सात बजे उपेंद्र सिंह अपने पुत्र नीरज सिंह, रवि सिंह पुत्र पुष्कर सिंह और कुछ अन्य लोगों के साथ लाठी-डंडे व धारदार हथियार लेकर सुरेंद्र सिंह के घर धावा बोल दिया।

आरोप है कि छोटे पुत्र अनुज समेत घर की महिलाओं को मारने-पीटने लगे। हो-हल्ला सुनकर आए सुरेंद्र सिंह के सिर पर धारदार हथियार व लाठी के प्रहार कर घायल कर दिया। इसके बाद हमलावर भाग निकले। उपेंद्र के हाथ में बंदूक भी थी। रात में ही सुरेंद्र व अनुज को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले आया गया, जहां से वाराणसी के ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया गया। इलाज के दौरान रात में ही सुरेंद्र सिंह की मौत हो गई। मौत का पता चलते ही गांव में तनाव का माहौल कायम हो गया।

सोमवार की सुबह सीओ बलिराम प्रसाद व कोतवाल तेजबहादुर सिंह गांव पहुंचे और चश्मदीदों का बयान लेने के साथ ही घटनास्थल का निरीक्षण किया। सीओ व कोतवाल ने बाबा कीनाराम सिद्धपीठ के महंत अघोर धर्मरक्षित राम का बयान लिया। कोतवाल ने बताया कि विपिन सिंह की तहरीर पर उपेंद्र सिंह, नीरज सिंह पुत्र उपेंद्र सिंह व रवि सिंह पुत्र पुष्कर सिंह के खिलाफ मुकदमा कायम किया गया है। तीनों आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। 

घर के बरामदे में ईट पत्थर, कच्ची जमीन पर खून का धक्का : सुरेंद्र सिंह के सिर पर वार के बाद उनका सिर फट गया था जिससे खून का थक्का कच्ची जमीन में पड़ा था जिसका नमूना पुलिस ने लिया। पुराने मकान के बरामदे में ईंट पत्थर पड़ा हुआ था। 

होलिका वाले दिन शुरू हुआ था विवाद : सुरेंद्र सिंह के पट्टीदार विजय उर्फ मंटू सिंह ने बताया कि पहले होलिका अघोरपीठ परिसर में ही जलाई जाती थी। इस बार वहां होलिका जलाए जाने से मना करने पर सुरेंद्र सिंह महंत से बात करने गए थे। सुरेंद्र सिंह को मारापीटा गया था। मैं और विशाल पीठ परिसर में यही पूछने गए थे कि क्यों मारा-पीटा। इतना पूछते ही उपेंद्र सिंह ने विशाल को मारना पीटना शुरू कर दिया। मैं किसी तरह भाग निकला। आरोप लगाया कि महंत के चढ़ाने पर ही उपेंद्र सिंह अपने पुत्रों और कुछ अन्य लोगों के साथ हमला होला। 

महंत बोले, मेरे ऊपर हमला करने आए थे युवक : मुड़ियार स्थित बाबा कीनाराम अघोरपीठ के महंत अघोर धर्मरक्षित राम ने पुलिस को बताया कि वह अघोरपीठ परिसर में पशुओं के लिए उपलब्ध भूसा की स्थिति देखने गए थे। उनके साथ उपेंद्र सिंह भी थे। इस बीच सुरेंद्र सिंह का पुत्र विशाल व विजय उर्फ मंटू सिंह आ गए और मुझे धक्का दे दिया जिससे मैं गिर गया। उपेंद्र ने विशाल को पकड़ लिया लेकिन तब तक विजय भाग निकला, उसी समय मैंने पुलिस को सूचना दी थी। उन्होंने आरोपों को बेबुनियाद बताया है। उनका कहना है कि मेरे ऊपर लगाए गए सारे आरोप निराधार हैं।

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