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विकास कार्यक्रमों से बदलें गांव और गरीबों की तस्वीर, लंबित न रहे कोई फाइल - डिप्टी सीएम केशव

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि कोई भी पत्रावली किसी भी पटल पर लंबित नहीं रहना चाहिए, परिवादों के मामलों पर विशेष ध्यान दिया जाए। योजनाओं को युद्ध स्तर पर संचालित करें। गांव, गरीबों का जीवन स्तर ऊंचा उठाने के लिए उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जाए। उन्होंने जोर देकर कहा कि कार्य धरातल पर नजर आने चाहिए।

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण सड़क अभिकरण के सभागार में ग्राम्य विकास विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि सभी योजनाओं का क्रियान्वयन प्रभावी नीति बनाकर पूरी टीम भावना के साथ पूरा करें। योजनाओं की लगातार समीक्षा व अनुश्रवण करें और मौके पर जाकर हकीकत भी देखी जानी जाए। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं में लाभार्थियों के चयन के लिए पात्रता की जांच हो व चयन में पूरी पारदर्शिता रखी जाए। सभी कार्यालय समय से खुले और शत-प्रतिशत उपस्थिति रहे।

उन्होंने आगामी 100 दिनों में किए जाने वाले विशेष कार्यों की तैयारियों की जानकारी ली। निर्देश दिए कि योजनाओं में जिन लाभार्थियों को लाभ दिया जाए, उन्हें उच्च स्तर से पत्र भेजा जाए ताकि उनका फीडबैक भी मिल सके। मौर्य ने मनरेगा के तहत कराए जा रहे हैं विभिन्न कार्यों, श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण), मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण), उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजना, बीसी सखी आदि योजनाओं की विस्तार से समीक्षा की।

बैठक में राज्यमंत्री ग्राम्य विकास विजय लक्ष्मी गौतम, अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास व पंचायती राज मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव ग्रामीण अभियंत्रण विभाग कल्पना अवस्थी, आयुक्त ग्राम्य विकास वीके सिंह महानिदेशक राज्य ग्रामीण विकास संस्थान वेंकटेश्वर लू, उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी भानुचंद गोस्वामी, अपर आयुक्त ग्राम्य विकास योगेश कुमार, संयुक्त विकास आयुक्त राजेश कुमार, निदेशक व मुख्य अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण विभाग बिजेंद्र कुमार आदि अधिकारी प्रमुख रूप से मौजूद रहे।

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