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कोमा में जाने और जान का भी हो सकता खतरा, धूप में निकले तो ढक लें नाक-कान

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. पूर्वांचल का तापमान इन दिनों 42 डिग्री से ऊपर चल रहा है। सुबह आठ बजे ही लग रहा है मानो आसमान से आग बरस रहा हो। ऐसे में सावधानी नहीं बरती गई तो हीट स्ट्रोक का खतरा भी बना रहेगा।

चिकित्सकों की माने तो हीट स्ट्रोक का समय से उपचार शुरू नहीं हुआ तो कोमा में जाने व जान जाने का भी खतरा बना रहता है। इस संबंध में श्री शिव प्रसाद गुप्त मंडलीय जिला चिकित्सालय के प्रमुख अधीक्षक डा. प्रसन्न कुमार ने कहा कि हीट स्ट्रोक से ब्रेन डैमेज व मस्तिष्क में स्थित थर्मो स्टेट के प्रभावित होने का खतरा बना रहता है। क्योंकि इसमें अचानक से शरीर का तापमान बढ़ जाता है। नाक व कान का सीधा संबंध मस्तिष्क से होता है। नाक व कान से गर्मी व गर्म हवा आसानी से मस्तिष्क में पहुंच सकती है। इसलिए जब भी धूप में बाहर निकले तो गमछे या किसी अन्य कपड़े से कान, नाक व मुंह को पूरी तरह से ढक लें।

लक्षण बताते हुए कहा कि चलते-चलते गश्ती आ रही हो। सोचने की शक्ति प्रभावित हो रही हो। शरीर का तापमान बढ़ रहा हो तथा शरीर से अचानक पसीना निकलने लगे और कुछ देर में त्वचा सुखी हो जाए तो शीघ्र ही नजदीक के चिकित्सक से संपर्क कर इलाज शुरू करें। इस दरम्यान तौलिए को सामान्य पानी में भिगोकर निचोड़ लें और सिर के साथ पूरे शरीर को इससे पोछते रहे।

समय से इसका इलाज शुरू नहीं हुआ तो यह खतरनाक साबित हो सकता है। कहा कि इन दिनों डिहाइड्रेशन के मरीज ज्यादा आ रहे हैं। पसीना या फिर अन्य तरीके से शरीर से पानी निकलता है तो इसमें सोडियम व क्लोराइड सहित अन्य मिनरल भी निकलने लगते हैं। जिससे स्थिति बिगड़ जाती है। उन्होंने पानी खूब पीने की सलाह दी। साथ ही नींबू पानी व नींबू की शिकंजी पीने से भी धूप के असर से बहुत हद तक बचा जा सकता है।

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