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पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर टोल टैक्स देने को हो जाइये तैयार, मई से शुरू होगी वसूली

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव खत्म हो चुके हैं। अब नए बने पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर टोल देने के लिए तैयार हो जाइये। इस एक्सप्रेस-वे पर चुनावों को देखते हुए टोल कलेक्शन को टाल दिया गया था। लखनऊ से गाजीपुर तक बनाए गए पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विधानसभा चुनाव से पहले कर चुके हैं। इस पर यातायात शुरू हो चुका है और अब इस पर टोल टैक्स वसूली की तैयारी है।

कुछ माह पहले ही उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) ने टोल टैक्स वसूली के लिए निविदाएं आमंत्रित की थीं। सूत्रों ने बताया कि न्यूनतम दर के आधार पर प्रकाश एस्फाल्टिंग एंड टोल हाईवेज (इंडिया) लिमिटेड का चयन किया गया है। कंपनी का कार्यालय मध्य प्रदेश के इंदौर में है। अब इस फर्म को टोल टैक्स वसूली सौंपे जाने का प्रस्ताव जल्द ही कैबिनेट में रखा जाना है। उस पर स्वीकृति मिलते ही संभवत: मई से पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर टोर दरें लागू हो जाएंगी।

पूर्वांचल एक्सप्रेसवे 16 नवंबर, 2021 से यात्रियों के लिए खुल गया है। इसके जरिये अब लखनऊ से गाजीपुर का रास्ता चार घंटे में ही पूरा किया जा सकता है। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर राजनीति भी खूब होती है। सपा इसको अपने कार्यकाल का हिस्सा मानता है जबकि इसका उद्घाटन खुद पीएम मोदी और सीएम योगी ने किया था। अभी तक इस पर कोई टोल नहीं था मगर अब मई महीने से इसमें टोल वसूला जाएगा।

सरकार को इस एक्सप्रेसवे के जरिये टोल के रूप में 202 करोड़ रुपये सालाना मिलेंगे। टोल टैक्स वसूलने का काम निजी कंपनी को देने की प्रक्रिया चल रही है। कंपनी जल्द प्रति किमी के हिसाब से टोल की दरें तय करेगी और दोनों छोर पर बने टोल प्लाजा से आने-जाने पर टोल टैक्स लगेगा। माना जा रहा है कि इसकी दरें लखनऊ आगरा एक्सप्रेसवे की दरों के आसपास ही रहेंगी।

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश के नौ जिलों से होकर गुजरता है। बाद में इसका विस्तार बलिया तक कर दिया जाएगा। 340 किलोमीटर लंबा पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे प्रदेश की राजधानी लखनऊ से बाराबंकी, अमेठी, सुल्तानपुर, अयोध्या, आंबेडकर नगर, आजमगढ़, मऊ व गाजीपुर को सीधे सिक्सलेन से जोड़ रहा है।

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