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अयोध्या के विकास कार्यों से CM योगी असंतुष्ट, कहा-अधिकारियों के खिलाफ करेंगे कठोर कार्रवाई

गाजीपुर न्यूज़ टीम, अयोध्या. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या में चल रहे विकास कार्यों की प्रगति से असंतुष्ट दिखे। अयोध्या विजन एवं अयोध्या के विकास की जिला एवं मंडल स्तर पर प्रत्येक सप्ताह एवं शासन स्तर पर प्रत्येक 15 दिन में समीक्षा करने का निर्देश दिया। कहा, अयोध्या के संबंध में कार्ययोजना बनाने वाले अधिकारी बेहतर समन्वय एवं परीक्षण के साथ कार्ययोजना प्रस्तुत करें। लापरवाही मिली तो अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करेंगे।

रामपथ के चौड़ीकरण में एकरूपता न होने पर पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता एके मिश्र को फटकार लगाई। बोले, सआदतगंज से नयाघाट तक मार्ग के चौड़ीकरण में एकरूपता नहीं है। मार्ग की चौड़ाई कहीं 40 मीटर तो कहीं 36 मीटर एवं कहीं 24 मीटर है। राममंदिर जाने के लिए जिन तीन मार्गों का निर्माण होना है, उनमें रामपथ-सहादतगंज से नयाघाट, दूसरा पथ श्रीरामजन्मभूमि पथ-सुग्रीव किला मार्ग से राम जन्मभूमि मंदिर एवं तीसरा पथ-भक्ति पथ-श्रृंगार हाट से रामजन्मभूमि मंदिर शामिल है। इनकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को मुख्यमंत्री ने अव्यावहारिक बताया।

सीएम ने कहा, इसे तैयार करने में इंजीनियरों की रुचि नहीं ली। मुख्यमंत्री ने विकास प्राधिकरण, लोक निर्माण विभाग तथा अन्य विभाग के अधिकाीियों के साथ शीघ्र बैठक कर इन मार्गों के चौड़ीकरण के साथ-साथ ड्रेनेज सिस्टम, उपयोगी सेवाएं एवं फुटपाथ आदि की व्यवस्था करने को कहा। समीक्षा बैठक में मंडलीय प्रभारी मंत्री एके शर्मा, मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र समेत कई विभागों के अपर मुख्य सचिव व प्रमुख सचिव शामिल रहे।

आयुक्त सभाकक्ष में मुख्यमंत्री अयोध्या की लगभग 19 हजार करोड़ की विकास योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। अयोध्या विजन 2047 के प्रस्तुतीकरण पर उन्होंने अधिकारियों को समय एवं गुणवत्ता के साथ पूरा करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने अधिकारी व कर्मचारियों को अपने तैनाती वाले स्थान पर ही रात्रि निवास करने को कहा। कहा, सरकारी आवास उपलब्ध न होने की दशा में किराये का मकान लेकर रहें। बोले, विकास एवं कल्याणकारी योजनाओं को परखने के लिए अधिकारी क्षेत्र भ्रमण करें।

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