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पुलिस पेंशनर के खाते से 18 लाख रुपये निकालने वाले गिरफ्तार - Ghazipur News

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. ट्रेजरी अधिकारी बन कर सेवानिवृत्त पुलिसकर्मी के खाते से 18 लाख रुपये निकालने वाले गिरोह के तीन अन्य बदमाशों को साइबर क्राइम थाना की पुलिस ने गिरफ्तार किया है। साइबर थाना में पूछताछ के बाद संलिप्तता पाए जाने पर बुधवार को इन्हें जेल भेज दिया गया। इनके पास से 2700 रुपये सहित चार मोबाइल फोन बरामद किए गए। पुलिस ने आरोपितों के विभिन्न खातों में मौजूद एक लाख रुपये सीज कर दिया। इस मामले में एक आरोपित को पुलिस ने गत 20 अप्रैल को गिरफ्तार किया था।

साइबर थाना के प्रभारी निरीक्षक विजय नारायण मिश्रा ने बताया कि गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाना क्षेत्र के सेमरा गांव निवासी उपेंद्र कुमार सिंह रिटायर पुलिसकर्मी हैं। गत 25 मार्च को उनके मोबाइल पर एक काल आई। काल करने वाले ने बताया कि मैं ट्रेजरी अधिकारी बोल रहा हूं। आपका जीपीएफ का पैसा आ गया है। 

आप अपना खाता संख्या व मोबाइल पर प्राप्त ओटीपी बताइये। मैंने बता दिया। इसके बाद अगले दिन उनके खाते से कुल 10 ट्रांजैक्शन में 18 लाख रुपये धोखे से निकाल लिए गए। इस मामले में बरूही, थाना-सहार, जिला-भोजपुर (बिहार) निवासी दिनेश राम को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। 

इस बीच जांच में गिरोह के तीन अन्य बदमाशों की संलिप्तता सामने आई। तीनों बदमाश सिम बेचने का काम करते हैं। इस पर सिविल लाइन वार्ड नंबर 17 भूमिहरी फील्ड, थाना- माडर्न थाना, बक्सर (बिहार) निवासी रोहित सिन्हा, अकौना, थाना-मखदुमपुर, जहानाबाद (बिहार) निवासी दीपक कुमार, मटुआ, थाना गुरुमा, गया (बिहार) निवासी अमित कुमार को साइबर क्राइम थाना सारनाथ द्वारा तलब किया गया। पूछताछ में तीनों ने साइबर आपराधिक घटना में शामिल होने की बात स्वीकार की।

फर्जी सिम के इस्तेमाल से देते हैं घटना को अंजाम

साइबर थाना प्रभारी विजय नारायण मिश्रा ने बताया कि साइबर अपराधियों के गिरोह में सभी का अलग-अलग काम बंटा है। तीनों आरोपित गांव-गांव जाकर सिम बेचने का काम करते हैं और सिम पोर्ट भी करते हैं। कई बार ये लोग सिम खरीदने वालों के थंब इंप्रेशन व आधार कार्ड का दुरुपयोग कर उन्हीं ग्राहक के नाम से दूसरा सिम निकाल लेते हैं। 

इसे साइबर अपराधी गिरोह को बेच देते हैं। इसके एवज में उन्हें अच्छा पैसा मिलता है। इस घटना में जिसके नाम से सिम होता है वह फंसता है। सिम एक्टिवेट करते समय अपने रिश्तेदार, दोस्त या अपना ही मोबाइल का अल्टरनेट नंबर दे देते हैं और ओटीपी नंबर पूछकर सिम एक्टिवेट कर देते हैं।

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