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कारनामा- पास अभ्यर्थी को साक्षात्कार के लिए बुलाया ही नहीं- सबसे कम अंक पाने वाले का कर दिया प्रमोशन

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर. पूर्वोत्तर रेलवे के भंडार विभाग में सहायक सामग्री प्रबंधक- 30 प्रतिशत ग्रुप बी के एक पद (अनारक्षित) के लिए आयोजित परीक्षा में संबंधित अधिकारियों की मनमानी उजागर हुई है। परीक्षा आयोजित कराने वाले संबंधित विभागों और अधिकारियों ने मुख्य लिखित परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थी को बुलाया ही नहीं। साक्षात्कार के लिए पहुंचे पांच अभ्यर्थियों में से सबसे कम अंक पाने वाले को सहायक मंडल सामग्री प्रबंधक (समसाप्र) डिपो इज्जतनगर के पद पर पदोन्नति दे दी।

पदोन्नति परीक्षा में उजागर हुई मनमानी, बोर्ड के निर्देश पर परीक्षा निरस्त

मामला बोर्ड तक पहुंचा तो रेलवे प्रशासन की किरकिरी होने लगी। फिलहाल कार्मिक विभाग ने बोर्ड के निर्देश पर परीक्षा को निरस्त करते हुए अफसर बनाने के छह माह बाद पदोन्नति पाने वाले अभ्यर्थी को फिर से कर्मचारी के पद डिविजनल मटेरियल सुपरिटेंडेंट (डीएमएस) गोरखपुर के पद पर लौटने का आदेश जारी कर दिया है। कार्मिक विभाग की यह कारगुजारी कर्मचारियों और संगठनों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है।

ऐसे हुई धांधली

23 अक्टूबर 2020 की अधिसूचना के आधार पर 23 मार्च 2021 को प्री क्वालीफाइंग लिखित परीक्षा का परिणाम घोषित हुआ था। परिणाम के आधार पर पांच अभ्यर्थियों को मुख्य लिखित परीक्षा के लिए बुलाया गया। लेकिन परीक्षा पास करने के बाद भी मुख्यालय गोरखपुर के अभ्यर्थी सराेज कुमार सिंह को मुख्य लिखित परीक्षा के लिए नहीं बुलाया गया। मूल्यांकन के समय कुल 91 से ऋणात्मक तीन अंक घटाकर 88 की जगह 81 अंक कर उन्हें अनुत्तीर्ण कर दिया गया।

मुख्य लिखित परीक्षा के उत्तीर्ण पांचों अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाकर सबसे कम अंक पाने वाले अख्तर रजा को 30 सितंबर 2021 को सहायक मंडल सामग्री प्रबंधक के पद पर पदोन्नति दे दी गई। अन्य अभ्यर्थियों में परीक्षा प्रणाली को लेकर आशंका उठने लगी। कुछ ने रेलवे प्रशासन के सामने शिकायत की तो कुछ सूचना के अधिकार को अपना हथियार बनाया। इसके बाद भी संबंधित अधिकारी महीनों परीक्षा को लेकर लीपापोती करते रहे।

सवालों के घेरे में रेलवे की परीक्षाएं

अंत में रेलवे बोर्ड को मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा है। लेकिन प्रश्न यह है कि उत्तीर्ण होने के बाद भी कापी के मूल्यांकन में अनुत्तीर्ण कर दिए गए अभ्यर्थी का क्या होगा। छह माह से सहायक मंडल सामग्री प्रबंधक का पदभार संभाल रहे रजा फिर अपने मूल कैडर में वापस जाएंगे। जानकारों का कहना है कि इतनी बड़ी लापरवाही के बाद भी अभी तक न किसी को जिम्मेदार ठहराया गया है और न कोई कार्रवाई हुई है। विभागीय पदोन्नति परीक्षा व्यवस्था सवालों के घेरे में है।

मजाक बनती जा रही रेलवे की पदोन्नति परीक्षाएं

पूर्वोत्तर रेलवे की विभागीय पदोन्नति परीक्षाएं मजाक बनती जा रही हैं। वर्ष 2017-18 में सहायक वाणिज्य प्रबंधक पद पर आयोजित विभागीय परीक्षा में भी फेल अभ्यर्थी को पदोन्नति दे दी गई थी। मामला प्रकाश में आया तो वर्ष 2019 में उत्तीर्ण अभ्यर्थी जगतारा संगम को पदोन्नति दी गई। पिछले साल परिचालन विभाग में आयोजित पहली बार आनलाइन विभागीय पदोन्नति परीक्षा स्थगित हो गई। रेलवे विद्यालय में तैनात शिक्षकों की पदोन्नति परीक्षा में गलत सवाल पूछकर अभ्यर्थियों को फेल कर दिया गया था।

सहायक सामग्री प्रबंधक- 30 प्रतिशत ग्रुप बी की परीक्षा अपरिहार्य कारणों से निरस्त कर दी गई है। - पंकज कुमार सिंह, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी- पूर्वोत्तर रेलवे।

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