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रात में नहीं आ रही थी नींद, दिखाई दे रहे थे बुरे सपने, डरकर चोरों ने पुजारी को लौटायीं मूर्तियां

गाजीपुर न्यूज़ टीम, चित्रकूट. सदर कोतवाली क्षेत्र के तरौहां में बालाजी मंदिर से मूर्तियों की चोरी का अनोखा मामला सामने आया है। पूरा मामला जानने के बाद लोग कह रहे हैं कि भगवान की भी लीला अपरमपार है। क्योंकि चोरी के बाद चोर रात में मूर्तियां पुजारी के घर के बाहर वापस रख गए और एक पत्र भी छोड़ गए। पत्र में चोरों ने चोरी के बाद व्याप्त डर के बारे में लिखकर माफी भी मांगी है।

बालाजी मंदिर में हुई थी चोरी : सदर कोतवाली क्षेत्र के तरौहां में बने प्राचीन बालाजी मंदिर से नौ मई को अष्ट धातु, पीतल और तांबे की 16 मूर्तियां चोरी हुई थीं। मंदिर का ताला तोड़कर चोर अष्टधातु से बनी 5 किलो की भगवान श्रीराम की मूर्ति, पीतल की राधाकृष्ण की मूर्ति, बालाजी की मूर्ति और लड्डू गोपाल की मूर्ति समेत नकदी और चांदी का सामान चोरी कर ले गए थे।

दो दिन बाद पुजारी को मिला पत्र : चोरी के दो दिन बाद 12 मूर्तियां और एक चि_ी मानिकपुर कस्बे में महावीर नगर वार्ड स्थित पुजारी के घर के बाहर मिलीं। उन्होंने मूर्तियां पुलिस को सौंप दी हैं। मंदिर के महंत राम बालक दास ने बताया कि सुबह जब वह जागे और गायों को चारा-पानी देने निकले तो एक चि_ी मिली। उसमें मंदिर से चोरीी गई मूर्तियों का जिक्र था। चि_ी पढऩे के बाद खोज की तो मूर्तियां घर के बाहर एक टोकरी में बोरी के अंदर मिलीं। इसमें पीतल व तांबे की 12 मूर्तियां थीं लेकिन अष्ट धातु की दो मूर्तियां नहीं थीं।

पत्र में लिखी थी ये बात : मूर्ति लौटाने वाले चोरों ने पुजारी के नाम एक पत्र छोड़ा था, जिसमें मूर्ति वापस करने की वजह लिखी थी। लिखा था- 'मूर्ति चोरी करने के बाद से उन्हें रात में नींद नहीं आ रही और डरावने सपने आ रहे हैं, इसलिए मूर्तियां वापस कर रहे हैं। मूर्तियों को आप दोबारा मंदिर में स्थापित करवा दें'।

अभी दो मूर्तियां कम : महंत ने बताया कि उन्होंने कोतवाली पुलिस को मूर्तियां सौंप दी हैं। सीओ सिटी शीतला प्रसाद पांडेय ने बताया कि चोर 12 मूर्ति लौटा गए हैं। लगता है कि मंदिर में अष्टधातु की मूर्तियां नहीं थीं। यदि वह भी चोरी गई होती तो उसको भी चोर वापस कर जाते।

 
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