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यूपी पुलिस भर्ती में बिना प्रश्नपत्र हल किए पास हुए चार अभ्यर्थी पकड़े, ऐसे सामने आई करतूत

गाजीपुर न्यूज़ टीम, मेरठ. उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड की जांच में पर्दाफाश होने के बाद सत्यापन कराने आए चारों अभ्यर्थियों को पुलिस ने दबोच लिया। उनके खिलाफ सिविल लाइन थाने में मुकदमा दर्ज कराया। प्रदेश के 13 जनपदों में 98 केंद्रों पर 12 नवंबर 2021 में दारोगा भर्ती परीक्षा हुई थी। आनलाइन परीक्षा का रिजल्ट आने के बाद अभ्यर्थियों के कागजों का सत्यापन रिजर्व पुलिस लाइन मेरठ में किया जा रहा है।

ये हैं पकड़े गए चारों युवक

शुक्रवार को भर्ती बोर्ड की तरफ से एसएसपी मेरठ प्रभाकर चौधरी को पत्र जारी किया गया। पत्र में लिखा था कि हाथरस के रहने वाले अभ्यर्थी विकास, सुरेश, दीपक और योगेश ने आगरा में दारोगा भर्ती की आनलाइन परीक्षा दी है। भर्ती बोर्ड की जांच में सामने आया कि आनलाइन परीक्षा से पहले ही चारों अभ्यर्थियों के सामने कंप्यूटर पर हल किया हुआ पेपर आया था। कंप्यूटर को हैक कर प्रश्नपत्र हल कर दिया था। कागजात सत्यापन को आए चारों अभ्यर्थियों को पुलिस ने पकड़ लिया है।

कंप्यूटर पर पहले से ही हल होकर आया प्रश्‍नपत्र

एसपी सिटी विनीत भटनागर ने बताया कि पूछताछ के दौरान सभी अभ्यर्थियों ने बताया कि कंप्यूटर पर उनके सामने प्रश्नपत्र पहले ही हल होकर आया था। उन्होंने उसके साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की है। उसकी ऐवज में उक्त अभ्यर्थियों के परिवार ने मोटी रकम चुकाई है। दूसरी ओर, इस प्रकरण में एसटीएफ भी लगा दी गई है। एसटीएफ मान रही है कि अलीगढ़ में पकड़े गए गैंग का ही हाथ हो सकता है। ऐसे में उस गैंग के सदस्यों की पड़ताल शुरू कर दी गई है।

फिंगरप्रिंट का मिलान नहीं हुआ

बायोमेट्रिक जांच इंचार्ज दारोगा रामजीत सिंह ने अभ्यर्थी अनिल फौजदार निवासी अरौठा सादाबाद कोतवाली हाथरस और राजपाल सिंह निवासी जंगला बरजई सादाबाद कोतवाली हाथरस की जांच कराई। बायोमेट्रिक मशीन से उनके फिंगरप्रिंट का मिलान नहीं हुआ। दोनों अभ्यर्थियों ने पूछताछ में बताया कि साल्वर गैंग से संपर्क करके उन्होंने लिखित परीक्षा पास की है। एसपी सिटी ने बताया कि मामले में आरोपित अभ्यर्थी अनिल फौजदार व राजपाल सिंह के अलावा साल्वर गैंग के सदस्य दीपक, रिंकू, कृष्ण गोपाल और भूरी उर्फ भूरा सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। अनिल फौजदार और राजपाल सिंह को गिरफ्तार कर सिविल लाइंस थाना पुलिस को सौंप दिया।

मिक्सिंग कर पहचानपत्र पर लगाया फोटो, अनिल की जगह भूरी को बैठाया

पुलिस भर्ती परीक्षा में लिखित परीक्षा पास करने के लिए अभ्यर्थियों और साल्वर गैंग के सदस्यों ने बेहद शातिर ढंग अपनाया। फर्जीवाडा करने के आरोप में गिरफ्तार अभ्यर्थिर्यों ने मिक्सिंग कर पहचानपत्र पर साल्वर गैंग के सदस्यों के फोटो लगा दिए, लेकिन बायोमेट्रिक उपस्थिति में यह खेल उजागर हो गया। आरोपित अभ्यर्थी अनिल ने साल्वर गैंग के सदस्य भूरी को अपनी जगह परीक्षा में बैठाया था। लिखित परीक्षा में बैठे साल्वर गैंग के सदस्यों की ही बायोमेट्रिक उपस्थिति लगी, जबकि कागजों के सत्यापन में असली अभ्यर्थी पहुंच गए। इसी कारण बायोमेट्रिक मशीन से फिंगर प्रिंट का मिलान नहीं हो पाया। प्रवेशपत्र में लगे फोटो का मिलान किया तो साल्वर गैंग के सदस्यों का फोटो लगा मिला। अभ्यर्थियों ने पूछताछ में बताया कि लिखित परीक्षा पास करने के लिए साल्वर गैंग के सदस्य को चार से छह लाख रुपये दिए गए थे।

बायोमेट्रिक मिलान को डबल क्रास करना होगा

पुलिस भर्ती में फर्जीवाड़ा सामने आने पर बायोमेट्रिक जांच कराने के लिए अभ्यर्थियों को डबल क्रास करना पड़ेगा। काफी अभ्यर्थियों ने साल्वर गैंग का सहारा लिया है। इसलिए सभी अभ्यर्थियों के फोटो और बायोमेट्रिक जांच गहनता से की जा रही है। बायोमेट्रिक जांच करते समय वीडियो भी बनाया जा रहा है। नोडल अफसर आइजी आरके चतुर्वेदी ने एसपी यातायात जितेंद्र श्रीवास्तव के साथ एसपी सिटी विनीत भटनागर को भी लगा दिया है। भर्ती एरिया में अन्य लोगों के प्रवेश पर भी रोक लगा दी गई है।

इनका कहना है

भर्ती बोर्ड के आदेश पर चार अभ्यर्थियों को पकड़ लिया है। उनके खिलाफ सिविल लाइन थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। अनुचित संसाधनों का प्रयोग कर परीक्षा उत्तीर्ण की है।- आरके चतुर्वेदी, आइजी भर्ती बोर्ड

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