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वाराणसी पुलिस ने 240 करोड़ रुपये कीमत की भूमि को कराया कब्जा मुक्त

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. दक्षिण भारत की सोसाइटी श्रीकाशी नाटकोंट्टई नगर क्षतरम् की बेसकीमती जमीन को पुलिस ने कब्जा मुक्त कराया। महमूरगंज रथयात्रा में मौजूद 62000 वर्गफीट जमीन पर बगीचा था। इसके फूल श्रीकाशी विश्वनाथ को चढ़ाए जाते थे। कब्जा करने वाले इसका व्यावसायिक इस्तेमाल कर रहे थे। इसकी वर्तमान कीमत 240 करोड़ रुपये बतायी जा रही है। जमीन वापस मिलने के बाद सोसाइटी के लोगों ने वहां साफ-सफाई के साथ इसमें स्थित प्राचीन शिव मंदिर में परंपरागत तरीके से पूजा-पाठ भी शुरू कर दिया।

श्रीकाशी नाटकोंट्टई नगर क्षतरम् का मुख्य कार्यालय तमिलनाडु के जिला शिवगंगा के कारइकुड़ी में है। इसका स्थानीय कार्यालय गोदौलिया में है। यह सोसाइटी सेटियार समुदाय से संबंधित है। वाराणसी में इसकी संपत्ति की देख-रेख पाला रामास्वामी की अध्यक्षता में गठित समिति करती है। सोसाइटी की 62000 जमीन सिगरा थाना क्षेत्र के महमूरगंज में है। समिति के अध्यक्ष व सदस्यों ने पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश से मिलकर शिकायत की थी कि वर्ष 2003 में अवैध एग्रीमेंट के जरिए कुछ लोगों ने इसे कब्जा कर लिया। पुलिस कमिश्नर ने डीसीपी वरुणा जोन आदित्य लाग्हें, एडीसीपी प्रबल प्रताप सिंह, सिगरा थाना प्रभारी निरीक्षक धनंजय पांडेय को भूमि को कब्जा मुक्त कराने का निर्देश दिया।

इस पर अधिकारी भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। जमीन का रास्ता रोकने के लिए लगाए लोहे का गेट को तोड़ दिया। कब्जेदारों के सामान आदि हटवाकर जमीन कब्जा मुक्त करा दिया। साथ ही जमीन सोसाइटी को सौंप दिया गया। सोसाइटी की ओर से यहां सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। जमीन पर साफ-सफाई के साथ उसे व्यवस्थित करने में जुट गए हैं। इस जमीन पर ही एक प्राचीन शिवमंदिर है।

पुलिस कमिश्नर का कहना है कि फर्जी एग्रीमेंंट के जरिए कृष्णमोहन मुन्ना व आनंद मोहन उर्फ गुड्डू ने जमीन पर कब्जा किया था जिसे कब्जा मुक्त करा लिया गया है। सिगरा थाना प्रभारी निरीक्षक धनंजय कुमार पांडेय का कहना है कि इस मामले में किसी के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं है। कोई शिकायत मिलती है तो कार्रवाई की जाएगी।

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