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उत्तर प्रदेश के गांवों-कस्बों में कब मिलेगी बिजली कटौती से निजात, जानें

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों तथा कस्बों में फिर से बिजली की कटौती शुरू कर दी गई है। मांग घटने के बावजूद इन क्षेत्रों को शेड्यूल के मुताबिक बिजली नहीं दे पाने की लाचारी के पीछे राज्य में स्थित चार उत्पादन गृहों में आई तकनीकी खराबी है। इन उत्पादन गृहों की यूनिटों में आई तकनीकी खराबी के कारण प्रदेश को 1355 मेगावाट बिजली नहीं मिल पा रही है। जिसका खामियाजा राज्य की ग्रामीण जनता को भुगतना पड़ रहा है। इन इकाइयों के फिर से चालू होने में एक-दो दिन का समय और लग सकता है। 

बुधवार को ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे की जगह 16.17 घंटे, तहसील मुख्यालयों को 21.30 घंटे की जगह 20.04 घंटे तथा बुंदेलखंड को 20 घंटे की जगह 18.41 घंटे बिजली दी गई। इस दिन दोपहर दो बजे जब अधिकतम मांग 23388 मेगावाट थी, उस समय यह मांग पूरी कर दी गई थी। वहीं गुरुवार को भोर यानी रात तीन बजे जब बिजली की मांग 21706 मेगावाट थी, उस समय इतनी बिजली नहीं मिल सकी। 

350 मेगावाट बिजली जो कम पड़ी उसकी भरपाई कटौती करके की गई। पावर कारपोरेशन की एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक मंगलवार की शाम सात बजे से बुधवार की सुबह छह बजे के बीच ग्रामीण क्षेत्रों में 2.54 घंटे, बुंदेलखंड में 1.29 घंटे, नगर पंचायत में 1.30 घंटे तथा तहसील मुख्यालयों पर 1.28 घंटे बिजली काटी गई थी। 

एक्सचेंज पर पीक आवर में 12 रुपये यूनिट बिक रही बिजली

मिली जानकारी के मुताबिक, पीक आवर में जब बिजली की मांग सबसे अधिक हो रही है, उस समय पावर एक्सचेंज पर बिजली अधिकतम मूल्य 12 रुपये प्रति यूनिट तक बिक रही है। पावर कारपोरएशन प्रबंधन अपनी वित्तीय स्थिति देखते हुए इस महंगे दर पर बिजली नहीं खरीद पा रहा है। जिसकी वजह से कमी की भरपाई के लिए बिजली काटी जा रही है। 

रोजा और बारा की बंद इकाई से उत्पादन जल्द

पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज का कहना है कि कुछ उत्पादन इकाइयों में आई तकनीकी खराबी के कारण पर्याप्त बिजली की उपलब्धता में दिक्कतें आई हैं। रोजा में तकनीकी खराबी से बंद 300 मेगावाट की इकाई से उत्पादन जल्द शुरू हो जाएगा। बारा की 660 मेगावाट की इकाई को भी शुक्रवार तक चालू करने की कोशिशें की जा रही हैं। हर क्षेत्र को शिड्यूल के मुताबिक पूरी बिजली देने की कोशिश की जा रही है। 

इन इकाइयों में प्रभावित है बिजली का उत्पादन

- ऊंचाहर की एक इकाई से 116 मेगावाट 

- सिंगरौली की एक इकाई से 279 मेगावाट 

- निजी क्षेत्र की प्रयागराज (बारा) की इकाई से 660 मेगावाट

- रोजा तापीय से 300 मेगावाट

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