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वाराणसी से मुम्बई की राह नहीं आसान, ट्रेनें हुई फुल, गर्मी की छुट्टियों में अचानक बढ़ा दबाव

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. गर्मी की छुट्टियां शुरू होने के बाद ट्रेनों में कंफर्म बर्थ हासिल करना किसी चुनौती से कम नहीं है। मुंबई और हैदराबाद सहित महानगरों का रुख करने वाली ट्रेनों में पैर रखने तक की जगह नहीं बची। गर्दी ऐसी कि मजबूरन यात्रियों को ट्रेन के शौचालय में सफर करना पड़ रहा है। हालांकि रेल प्रशासन ने इससे उबरने के लिए समर स्पेशल ट्रेन चलाने की घोषणा की है, जो नाकाफी है।

सर्वाधिक दबाव वाले रूट की बात करें तो वाराणसी से मुंबई वाली ट्रेनों में सबसे ज्यादा भीड़ है। इस रूट पर दैनिक और साप्ताहिक मिलाकर आधा दर्जन से ज्यादा ट्रेनें बनकर चलती हैं। वहीं दो दर्जन से ज्यादा ट्रेनों का बनारस और वाराणसी जंक्शन पर ठहराव होता है। बावजूद इसके मई के अंतिम सप्ताह तक ट्रेनों में वेटिंग की लम्बी फेहरिस्त है।

तत्काल सेवा बनी चुनौती : आपात स्थिति में यात्रियों को मिलने वाली तत्काल सेवा इतनी आसान नहीं है। आरक्षण केंद्र काउंटरों पर रोजाना उमड़ने वाली जरूरतमंदों की भीड़ से इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। पहले नंबर के बाद दूसरे प्रयास में सीट फुल हो जा रही है। अगले दिन फिर तत्काल टिकट के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है।

नंबर टोकन का खेल : तत्काल टिकट पाने के लिए आरक्षण केंद्र के बाहर टोकन नंबर का खेल एक बार फिर से शुरू हो गया है। दो प्रयास में विफल यात्रियों की माने तो परिसर में हर दिन दिखने वाले चेहरे को पहला नंबर मिल रहा है और जरूरतमंद को मायूसी हाथ लग रही है। यात्रियों को गुमराह करने के लिए गेट पर टोकन नंबर की एक लिस्ट भी चस्पा की गई है।

महानगरी एक्सप्रेस

- 16 जून को द्वितीय में 15, तृतीय में 57, स्लीपर में 261

- 17 जून को द्वितीय में 19, तृतीय में 48, स्लीपर में 258

- 18 जून को द्वितीय में 16, तृतीय में 73, स्लीपर में 200

मंडुआडीह- एलटीटी सुपरफास्ट

- 16 जून को प्रथम श्रेणी में 09, द्वितीय में 17, तृतीय में 59, स्लीपर में रिग्रेड

-17 जून को प्रथम में 07, द्वितीय में 19, तृतीय में 43, स्लीपर में 182

- 18 जून को प्रथम में 10, द्वितीय में 19, तृतीय में 40, स्लीपर में 155

कामायनी एक्सप्रेस

- 16 जून को द्वितीय में 14, तृतीय में 47, स्लीपर में 156

- 17 जून को द्वितीय में 18, तृतीय में 47, स्लीपर में 180

- 18 जून को द्वितीय में 18, तृतीय में 49, स्लीपर में 196

नोट : उक्त सभी आंकड़े रेलवे की अधिकृत वेबसाईट पर आधारित है

बोले अधिकारी : तत्काल के लिए आरपीएफ की मौजूदगी में सुबह आठ बजे फार्म दिया जाता है, जिसमें किसी भी तरह की गड़बड़ी की आशंका नहीं है, अगर ऐसा कुछ है तो निश्चित कार्रवाही की जायेगी। - डा.एमएस अहमद, मुख्य आरक्षण पर्यवेक्षक, कैंट स्टेशन वाराणसी।

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