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सैदपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में गर्भवती की मौत - Ghazipur News

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर जिले के सैदपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की ब्लड स्टोरेज यूनिट महीनों से काम नहीं कर रही है। जिसकी कीमत क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं और हादसे में मरीजों को जान देकर चुकानी पड़ रही है। ताजा मामला मंगलवार की दोपहर का है। ब्लड की भारी कमी से जूझ रही एक गर्भवती महिला ने इलाज के दौरान सीएचसी की इमरजेंसी वार्ड में दम तोड़ दिया। 2 दिनों में यह दूसरा मामला है, जब खून की कमी से जच्चा-बच्चा की जान गई है।

डाक्टरों के रिपोर्ट देख उड़ गए होश

सैदपुर क्षेत्र के सौना गांव निवासी हीरावती पत्नी कन्हैया बीमार गर्भवती नातिन रविता पत्नी देवनाथ और उसके देवर मुराहु के साथ दोपहर को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचीं। जहां मौजूद डॉक्टर प्रकाश ने जब गर्भवती के खून की रिपोर्ट देखी, तो उनके होश उड़ गए। साढ़े आठ माह की गर्भवती के शरीर में प्लेटलेट्स मात्र 32 हजार और हिमोग्लोबिन 3 ग्राम ही शेष था। जबकि नॉर्मल परिस्थिति में प्लेटलेट्स डेढ़ लाख और हिमग्लोबिन 12 ग्राम से होना चाहिए।

बीमारी के बजाय भूत का चल रहा था इलाज

चिकित्सा कर्मियों ने सीएचसी में अभी महिला का इलाज शुरू ही किया था कि कुछ ही देर में गर्भवती महिला ने दम तोड़ दिया। डॉ प्रकाश ने बताया कि गर्भवती के ससुराल में एक सप्ताह पूर्व हुई जांच में उसके शरीर में खून की कमी पाई गई थी। लेकिन तत्काल ब्लड चढ़ाने के बजाए। आज हालत गंभीर होने पर परिजन सीएचसी पहुंची। पेशेंट को बचाने का काफी प्रयास किया गया, लेकिन बचा नहीं सके। हीरावती का आरोप है कि नातिन का इलाज कराने के बाद बजाए उसके ससुरालवाले भूत-प्रेत छुड़ाने के चक्कर में लगे थे।

महीनों पहले ब्लड बैंक स्थापित, आज तक नहीं हुआ शुरू

सैदपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में महीनों पूर्व ब्लड स्टोरेज यूनिट स्थापित की गई थी। लेकिन आज तक यह शुरू नहीं हो सकी। जिसके कारण खून की कमी से जूझ रही गर्भवती महिलाओं और दुर्घटना में घायल कई गरीब मरीजों को जान गंवानी पड़ रही है। 2 दिन पूर्व लक्ष्मीपुर गांव निवासी एक किशोरी को खून की कमी के कारण सीएचसी से रेफर करना पड़ा। जिसके बाद उसने नगर स्थित एक निजी चिकित्सालय में सिजेरियन के दौरान दम तोड़ दिया।

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