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महिला मरीज ने ऐसा क्‍या कह दिया कि डॉक्‍टर गुस्‍से से हुआ बेकाबू, पर्ची फेंक मां-बेटी को कर दिया OPD से बाहर

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर. गोरखपुर में जिला अस्‍पताल के एक डॉक्‍टर ने महिला मरीज की पर्ची फेंक उसे और उसकी बेटी को ओपीडी से बाहर कर दिया। बताया जा रहा है कि महिला का कसूर सिर्फ इतना था कि उसने डॉक्‍टर से एक बार और ब्‍लड जांच करा देने का अनुरोध कर दिया था। बहरहाल, मरीज की बेटी ने तत्‍काल फोन कर वूमेन पावर लाइन को पूरे घटनाक्रम की जानकारी दे दी। थोड़ी देर में मौके पर पुलिस पहुंच गई। इसके बाद माहौल का रुख भांपकर डॉक्‍टर के तेवर नरम पड़ गए। 

उस वक्‍त ओपीडी में मौजूद अन्‍य मरीजों ने बताया कि महिला मरीज के अनुरोध पर डॉक्‍टर ऐसा भड़के कि उन्‍होंने उसकी पर्ची फेंक दी और मरीज को अपनी बेटी के साथ तुरंत ओपीडी से बाहर चले जाने को कह दिया। यह मामला मेडिसिन यूनिट के एक डॉक्टर की ओपीडी का है। मामले को तूल पकड़ता देख अस्पताल प्रबंधन ने आरोपित डॉक्टर और महिला मरीज को आमने-सामने बैठाकर समझौता करा दिया। बताया जा रहा है डॉक्टर पर इससे पहले भी कई बार ऐसे आरोप लग चुके हैं।

ये हुआ था

गोरखपुर के कैम्पियरगंज थाना क्षेत्र के भैंसला गांव निवासी ओमप्रकाश यादव की 48 वर्षीय पत्नी सावित्री देवी पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रही हैं। शनिवार को वह अपनी बेटी कविता यादव के साथ इलाज कराने के लिए दिन में 11 बजे जिला अस्पताल गई थीं। काउंटर से पर्ची लेकर वह ओपीडी के कमरा नम्बर 30 में गईं। उन्‍होंने डॉक्टर को पहले की खून की जांच दिखाई और फिर से जांच लिखने की सिफारिश की। सावित्र‍ी के मुताबिक इस पर डॉक्टर नाराज हो गए और पर्ची फेंककर सावित्री और उनकी बेटी को कमरे से बाहर भगा दिया। डॉक्टर का व्यवहार सही नहीं होने पर सावित्री की बेटी ने फोन कर वूमेन पावर लाइन को सूचना दे दी।

पुलिस के पहुंचने पर नरम पड़े डॉक्टर

कविता के फोन के बाद महिला पुलिस कर्मी के साथ ही कोतवाली से पुलिस अस्पताल पहुंची। ओपीडी में मौजूद मरीजों ने भी पीड़ित महिला के पक्ष में पुलिस को बयान दिया। इसके बाद डॉक्टर नरम पड़ गए। अस्पताल प्रशासन ने एसआईसी कक्ष में बैठाकर दोनों पक्षों में समझौता कराया। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अंबुज श्रीवास्तव ने बताया कि इस मामले में महिला मरीज की शिकायत दूर कर दी गई है। दोनों पक्षों में समझौता करा दिया गया है।

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