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ग्राम सचिवालय में बनेगा लर्निंग डीएल, जमा होगा गाड़ियों का टैक्स : परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. सरकारी सिस्टम में भ्रष्टाचार की बात आते ही परिवहन विभाग का नाम जरूर आता है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। भ्रष्टाचार में शामिल अधिकारियों-कर्मचारियों को अपनी कार्यप्रणाली में बदलाव लाना होगा, बदलाव न लाने पर उन्हें जेल भी भेजा जाएगा। भ्रष्टाचार में संलिप्त अधिकारियों-कर्मचारियों की गोपनीय सूची बनाई जा रही है। कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए कई कामों (अनुभाग) को आनलाइन कर दिया गया है। लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस समेत टैक्स आदि घर बैठे या नजदीक के साइबर कैफे से जमा किए जा रहे हैं। जल्द ही इन्हें ग्राम सचिवालयों के जनसेवा केंद्रों से भी यह कार्य किए जा सकेंगे।

डीएल अभ्यर्थियों और गाड़ी मालिकों की सुविधा के लिए क्या तैयारी है?

परिवहन विभाग के ज्यादातर काम आनलाइन होने के साथ कार्यालय जाने से फुर्सत मिल गई है। जनसेवा केंद्र के अलावा अब ग्राम पंचायत भवन पर भी लोग डीएल व गाड़ी से जुड़े काम करा सकते हैं। इसके लिए तैयारी चल रही है। भारत सरकार की ओर से प्रस्तावित जनसेवा केंद्र को जल्द शुरू किया जाएगा।

अप्रशिक्षित अभ्यर्थियों के डीएल बनने पर कैसे रोक लगाएंगे? -लर्निंग डीएल परिवहन कार्यालय में बनना बंद हो गया है। परमानेंट डीएल ड्राइविंग लाइसेंस ट्रेनिंग सेंटर में बनाया जा रहा है। अभ्यर्थियों को परिसर में बने फिट (ट्रैक) पर टेस्ट देना पड़ता है। अब टेस्ट भी कंप्यूटराइज्ड होगा, तनिक भी गलती करने पर अभ्यर्थी फेल हो जाएगा। पहले चरण में मंडल स्तर पर तैयारी चल रही है।

ओवरलोड ट्रकों का खेल कैसे थमेगा, क्या तैयारी?

ओवरलोड ट्रकों का खेल नहीं चलेगा। पहले खनन स्तर पर ट्रकों पर क्षमता से अधिक माल (गिट्टी-बालू) लोड नहीं होगा, फिर टोल प्लाजा। एआरटीओ के अलावा यात्री कर अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। जिला प्रशासन, पुलिस, खनन के साथ परिवहन अधिकारी ओवरलोड ट्रकों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। साथ ही उनके खिलाफ स्थानीय थाने में मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।

डग्गामार बसों पर कैसे नियंत्रण करेंगे और रोडवेज की आय कैसे बढ़ेगी?

प्राइवेट बसों को परिवहन निगम से अनुबंधित करके चलाया जा रहा है। डग्गामारी करने वाले बस मालिकों को भी मौका दिया जाएगा, फिर भी वे डग्गामारी बंद नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ सख्ती से कार्रवाई होगी। किसी भी हाल में डग्गामार बसों का संचालन नहीं होने दिया जाएगा। रोडवेज बसों की आय बढ़ाने के लिए सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक की जवाबदेही तय की जाएगी।

बसों में यात्रियों को बेहतर सुविधा कैसे मिलेगी?

परिवहन निगम की बसों में यात्रियों की सुविधा के लिए एप लांच किया जा रहा है। यात्री बस में बैठे-बैठे ही एप के जरिए खाने का आर्डर दे सकेंगे। रास्ते में पड़ने वाले तय रेस्टोरेंट और ढाबे पर पहुंंचते ही वहां तत्काल नाश्ता-खाना मिल जाएगा। बस में एप के साथ खाने के आइटम और रेट लिस्ट की सूची लगी रहेगी।

चालकों-परिचालकों को वर्दी क्यों नहीं मिलती है?

शासन से चालकों-परिचालकों के वर्दी के लिए हर वर्ष बजट जारी होती है। कुछ अफसर अपने निजी स्वार्थ के लिए चहेतों को टेंडर देते हैं। वर्दी की क्वालिटी खराब होने के कारण चालक-परिचालक उसे नहीं पहनते हैं। अब वर्दी का पैसा उनके खाते में सीधे जाएगा। चालक-परिचालक अपने मनमाफिक और पैसा लगाकर बढ़िया वर्दी खरीद सकते हैं।

सरकारी बसें अक्सर खराब होने से यात्री बैठने में कतराते हैं, कपड़े फंस कर फट जाते हैं? 

कायाकल्प योजना के तहत परिवहन निगम की बसों में यात्रियों की सुविधा के लिए काम शुरू कर दिया गया है। काफी हद तक काम आगे बढ़ चुका है। 10 वर्ष पुरानी बसों की सूची बनाई जा रही है। जल्द ही परिवहन निगम के बेड़े में 1150 बसें आएंगी। इनमें 150 बसें तैयार हैं। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत 75 बसों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जल्द (संभवतः 15 अगस्त को) हरी झंडी दिखा कर रवाना करेंगे।

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