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डग्गामारों पर एक्शन के लिए तकनीक का सहारा, GIS मैपिंग करेगा परिवहन विभाग

गाजीपुर न्यूज़ टीम, प्रयागराज. डग्गामार वाहनों पर रोक लगाने के साथ ही प्राइवेट रूटों पर यात्रियों को बेहतर सुविधा देने के लिए परिवहन विभाग सड़कों की जीआइएस मैपिंग (भौगोलिक सूचना प्रणाली) का सहारा लेने जा रहा है। जीआइएस मैपिंग होने से प्राइवेट रूटों पर परमिट देने के साथ डग्गामार वाहनों पर नजर रखने में आसानी होगी। इसके लिए अपर परिवहन आयुक्त (प्रवर्तन) की ओर से प्रदेश के सभी सहायक संभागीय परिवहन अधिकारियों को सर्वे करने के साथ रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया है।

जीपीएस कनेक्ट होने पर बसों की पता चलेगी लोकेशन

भविष्य में बसों में लगे जीपीएस को भी कनेक्ट किया जाएगा, जिससे बस की लोकेशन जानने में भी आसानी होगी। परिवहन निगम और प्राइवेट बसों के लिए अलग-अलग रूट निर्धारित होने के साथ परिवहन विभाग परमिट देता है। करीब 70 फीसद रूटों पर प्राइवेट बसों को परिवहन विभाग ने परमिट दिया है। रूटों पर परमिट जारी करने को लेकर असमंजस की स्थिति बनी रहती है। 

रूटों पर परमिट देने में होगी आसानी : मंडल स्तर पर संभागीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) परमिट देता है।

मंडलायुक्त प्राधिकरण के अध्यक्ष और संभागीय परिवहन अधिकारी (आरटीओ) सचिव होते हैं। जिलाधिकारी, पुलिस कमिश्नर, नगर आयुक्त, उप परिवहन आयुक्त सदस्य होते हैं। मंडल में बसों का परमिट जारी करने से पहले आरटीओ रूटों का सर्वे कराकर आरटीए की बैठक में रखते हैं। निर्णय के बाद बसों का परमिट जारी किया जाता है। इसी प्रकार प्रदेश परिवहन प्राधिकरण (एसटीए) है, यहां से नेशनल व स्टेट के लिए परमिट जारी होता है। परमिट जारी करने के दौरान अधिकारी रूट को समझ नहीं पाते हैं। जीआइएस मैपिंग होने पर कार्यालय में बैठे अधिकारी रूट के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर सकेंगे।

एआरटीओ प्रशासन का है कहना

रूटों का सर्वे किया जा रहा है, इससे जीआइएस मैपिंग करने के साथ परमिट देने में आसानी होगी। कई रूटों पर सर्वे का काम पूरा होने के कगार पर पहुंच चुका है। जल्द ही सर्वे रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।-राजीव चतुर्वेदी, एआरटीओ प्रशासन

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