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गाजीपुर के तटवर्ती क्षेत्रों में बाढ़ से मचा हाहाकार, श्मशान और स्नान सभी घाट पानी में डूबे

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर जिले के सैदपुर में गंगा और गोमती नदी की बाढ़ विकराल रूप ले चुकी है। इन नदियों के जलस्तर में लगातार वृद्धि होने से क्षेत्र के लगभग सभी घाट पानी में डूब चुके हैं। यहां सुरक्षित शवदाह और स्नान करना चुनौतीपूर्ण बन गया है। बाढ़ प्रभावित गांवों के दर्जनों घरों में पानी घुस गया है। यह चारों तरफ पानी से घिर चुके हैं। इन क्षेत्रों के कई विद्यालय बंद करने पड़े हैं। प्रशासन इन क्षेत्रों में जरूरतमंदों को चिन्हित कर, राहत सामग्री वितरित कर रहा है।

गलियों और विद्यालयों में चल रही है नाव

गंगा और गोमती नदी के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि से अब क्षेत्र के सभी तटवर्ती इलाकों की समस्या बढ़ने लगी है। क्षेत्र के सबसे प्रमुख जौहरगंज श्मशान घाट और सैदपुर नगर के कोट घाट स्थित श्मशान घाट सहित, नदी किनारे के लगभग सभी गंगा घाट बाढ़ में डूब चुके हैं। क्षेत्र के सबसे ऊंचे स्थानों में से एक, सैदपुर नगर की गलियों और टाउन नेशनल इंटर कॉलेज में नाव चल रही है।

डूब गए हैं सभी घाट, शवदाह और स्नान करना हुआ दूभर

घाट के डूब जाने के कारण, लोगों को गलियों में ही स्नान करना पड़ रहा है। क्षेत्र के औड़िहार स्थित वराह रूप घाट, रंग महल घाट, पीपा पुल घाट, विदेशी बाबा घाट, संगत घाट, पक्का घाट, बूढ़े नाथ महादेव घाट आदि लगभग पूरी तरह से डूब गए हैं। नगर के दादा साहब स्थित पुलिया से बाढ़ का पानी, सोनकर बस्ती में प्रवेश कर गया है। जिसके कारण कई घरों भू तल में पानी भर गया है।

यहां है स्थिति गंभीर, लगाई गई है नाव और पोर्टेबल शौचालय

क्षेत्र के 1 दर्जन से ज्यादा गांव, गंगा और गोमती नदी की बाढ़ से प्रभावित है। लेकिन गोमती नदी की बाढ़ से प्रभावित तेतारपुर, गौरहट, सिधौना गांव की निषाद बस्ती तथा गंगा नदी की बाढ़ से प्रभावित पटना आदि गांव की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है। इन स्थानों पर आवागमन के लिए प्रशासन ने कुल 13 इंजन युक्त नाव लगाई है। यहां बाढ़ राहत पैकेट बांटे जा रहे हैं। यहां कुछ जगहों पर पोर्टेबल शौचालय लगाए गए हैं, तो कुछ जगहों पर नाव के माध्यम से लोगों को शौच के लिए दूसरे जगह ले जाना पड़ रहा है।

सात परिषदीय विद्यालय बाढ़ से हो गए बंद

खंड शिक्षा अधिकारी आलोक यादव ने बताया कि बाढ़ के कारण सात परिषदीय विद्यालय बंद कर दिए गए हैं। जिन्हें स्थिति सामान्य होने पर पुनः संचालित किया जाएगा। तहसीलदार नीलम उपाध्याय ने बताया कि प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। अभी तक सबसे ज्यादा नुकसान फसल को पहुंचा है। दो तीन गांवों में स्थिति खराब है, जहां राहत और बचाव कार्य लगातार जारी है। तेतारपुर में 27 गौरहट गांव में 150 राहत पैकेट बांटे गए हैं।

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