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गाजीपुर में बाढ़ से फसलों को नुकसान, मवेशियों को परेशानी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. कृषि बाहुल्य क्षेत्र होने से यहां इस समय परवल, केला, कोहड़ी, भतुआ, मूंग के साथ साथ मिर्च, टमाटर का बेहन डाला गया है। फसल तो नुकसान होगी ही साथ ही बेहन के भी समाप्त होने का डर है। 

सबसे ज्यादा परेशानी पशुपालकों को होती है किसी के पास पांच तो किसी के पास 50 पशुओं से ज्यादा संख्या है, ऐसे में चारा की समस्या होने से उनकी परेशानी बढ़ गई। कामाख्या धाम मार्ग को जाने वाली सड़क पर बाढ़ का पानी बढ़ने से अब आवागमन पूरी तरह बंद हो गया। किसान खेत से चारा भी नहीं लाने के हालात में हैं।

गंगा किनारे ग्रामीणों की बढ़ी धुकधुकी: गंगा में बढ़ाव और रिहायशी इलाकों की ओर बढ़ते पानी से निचले इलाकों में पानी भर गया है। पिछले दिनों आई बाढ़ से इस बार ज्यादा पानी हो गया है। कई गांवों के सम्पर्क मार्ग पर पानी चढ़ गया है। हसनपुरा, बीरऊपुर, नसीरपुर गांव दो तीन तरफ से घिरा हुआ है। शुक्रवार से यहां पर पैदल आवागमन हो रहा है यदि पानी ज्यादा हुआ तो इन गांवों का सम्पर्क कट जाएगा। आगे नाव ही एक सहारा रहेगी। 

बाढ़ में सबसे से ज्यादा हसनपुरा, बीरऊपुर, नसीरपुर, अठहठा, नगदिलपुर, रामपुर, नरयनापुर, कल्यानपुर, टौगा, रेवतीपुर प्रभावित रहते हैं। ग्रामीण तटवर्ती इलाकों के खेतों से अपने सिंचाई के लिए रखे गए इंजन, बांस, बल्ली आदि उखाड़ कर, ऊंचाई की तरफ पलायन करने लगे हैं। सैदपुर में बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के गौरी, तेतारपुर, गौरहट, गोरखा, कुसहीं, खरौना, हथौड़ा, पटना, छपरा, मंझरिया आदि गांव के लेखपालों को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।

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