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5 हजार रुपए के लिए 3 बच्चों की हत्या, मां बोली- मुझे अफसोस नहीं

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. तारीख-15 अगस्त। जगह- गाजीपुर का भानमाल राय पट्टी गांव। यहां रहने वाली सुनीता ने बीते सोमवार को अपने 3 बच्चों को चाय में सल्फाश मिलाकर पिला दिया था। एक-एक कर तीनों बच्चों की मौत हो गई थी। दैनिक भास्कर ने इस हत्याकांड के पीछे की कहानी पता की। हत्या की वजह चौंकाने वाली है। महज 5 हजार रुपए के लिए सुनीता ने अपने बच्चों को मार दिया। उसने सबकुछ गुस्से में किया, लेकिन अब अपने किए पर उसे कोई पछतावा भी नहीं है।

आरोपी महिला सुनीता ने कहा, "घर में खर्चा चलाने के लिए पैसे नहीं थे। बच्चों के कपड़े, स्कूल का सामान, घर का सामान लाने तक के पैसे नहीं बचे थे। ये सारी बातें मेरे पति को पता थीं। जब वो बच्चों और घर का खर्चा नहीं उठा सकते थे तो पैदा क्यों किया था। इसीलिए मैंने अपने बच्चों को मारा है और मुझे इसका कोई पछतावा नहीं है।"

"देवर मुझसे घर में लड़ाई करता था"

सुनीता ने आगे बताया, "घर में मेरा देवर भी मुझसे लड़ता था। मेरा पति बालेश्वर यादव गुरुग्राम में एक फैक्ट्री में काम करता है। उसको वहां 10 हजार रुपए मिलते थे। देवर की गांव में ही परचून की दुकान है। वो भी थोड़ी मदद कर देता था, लेकिन उससे भला नहीं हो रहा था। घर में चार बच्चे होंगे तो खर्चा भी वैसा ही होगा।"

"बच्चे पैसे मांगते थे तो बुरा लगता था"

सुनीता ने बताया, "रक्षाबंधन से पहले मैं अपने मायके रेवतीपुर गई हुई थीं। वहां मैंने बच्चों के लिए पति से 5 हजार रुपए मांगे। पैसा मांगने पर वो मुझसे फोन पर लड़ने लगे। मैंने अपने देवर से भी बात की उसने भी मुझसे गलत बात की। इस बात पर मुझे बहुत गुस्सा आया। बच्चे जब कुछ खरीदने के लिए पैसे मांगते तो बहुत दुख होता था। 15 अगस्त को मेरे बच्चे कपड़े लेने की जिद कर रहे थे।"

"20 रुपए में खरीदी सल्फास की गोली"

सुनीता ने बताया, "मैंने उनको मना किया तो वो मुझसे गुस्सा होकर चले गए। तभी मैंने सोचा कि ऐसी जिंदगी से अच्छा है मेरे बच्चे मर जाएं। मैं घर से 20 रुपए लेकर निकली। पास की दुकान से सल्फास की गोली खरीदी। घर में आकर बच्चों के लिए चाय बनाई। फिर उसमें गोली डाल दी। उसके बाद बाहर खेल रहे अपने बच्चों को मैंने घर बुलाया। फिर उनसे थोड़ी बात की।

मैंने तीनों से चाय पीने के लिए कहा। उन लोगों ने मेरे सामने चाय पी। कुछ देर बाद मेरे बच्चे मेरे सामने तड़पने लगे। मैं उनको देख रही थी लेकिन कुछ कर नहीं सकती थी। मेरे मायके वालों ने बच्चों को ऐसे देखा तो वो लोग बच्चों को अस्पताल ले गए। एक-एक करके मेरे तीनों बच्चे मर गए। मेरा छोटा बेटा पड़ोस के घर में था नहीं तो उसको भी जहर दे देती।"

"हमेशा जहर देने की बात कहती थी"

आरोपी महिला का पति बालेश्वर यादव मंगलवार को अपने गांव पहुंचा। बच्चों की मौत की खबर सुनकर वो सदमे में है। बालेश्वर ने रोते हुए कहा, "सुनीता हमेशा बच्चों को जहर देने के लिए कहती थी। नहीं पता था इस बार सच में दे देगी। पता होता तो भीख मांग कर उसको पैसे दे देता। उसने मेरे बच्चों को मार दिया है।"

पत्नी के खिलाफ किया हत्या का केस

पति बालेश्वर ने बताया, "उसने अपनी पत्नी के खिलाफ हत्या का केस दर्ज करवाया है। उसकी पत्नी पुलिस हिरासत में है। पोस्टमार्टम के बाद तीनों बच्चों के शव गांव पहुंचे थे। तीनों बच्चों का गंगा नदी में जल प्रवाह कर दिया गया है।"

14 साल पहले हुई थी दोनों की शादी

ग्रामीणों ने बताया, "सुनीता और बालेश्वर की शादी 14 साल पहले हुई थी। सुनीता रेवतीपुर थाना साईत बांध की रहने वाली थी। दोनों के चार बच्चे थे। महिला ने बेटे हिमांशु (11), प्रियांशु (8) और बेटी सुप्रिया (7) को सोमवार दोपहर जहर दिया था। उसका सबसे छोटा बेटा शेरू बगल के घर में खेलने गया था नहीं तो उसे भी जहर दे देती। तीनों बच्चे परिषदीय स्कूल में एक साथ पढ़ते थे।

गांव के लोगों ने यह भी बताया, सुनीता बहुत झगड़ालू महिला थी। वो हमेशा अपने पति से लड़ा करती थी। देवर से भी उसकी नहीं बनती थी।"

तीनों बच्चों ने इलाज के दौरान तोड़ा था दम

बता दें, महिला सुनीता ने अपने बच्चों को 15 अगस्त के दिन जहर दिया था। बच्चों की हालत बिगड़ने पर उन्हें जिला अस्पताल ले जाया गया था। यहां इलाज के दौरान पीयूष की मौत हो गई। डॉक्टरों ने हिमांशु और सुप्रिया की हालत नाजुक देख उन्हें वाराणसी के ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया था। वाराणसी पहुंचते ही हिमांशु ने भी दम तोड़ दिया। सोमवार देर रात इलाज के दौरान सुप्रिया की भी मौत हो गई थी।

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