योगी कैबिनेट ने 11 प्रस्तावों को दी मंजूरी, श्रीराम जन्मभूमि मंदिर तक बनेगा 12.94 किमी लंबा मार्ग
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आज हुई बैठक में कैबिनेट ने आज 11 प्रस्तावों पर मुहर लगाई है।
वाराणसी नगर निगम का होगा विस्तार, कैबिनेट ने नए नगर निकायों और वर्तमान नगर निकायों के विस्तार से जुड़े कुल 11 प्रस्तावों को मंजूरी दी है।
वाराणसी नगर निगम के विस्तार के प्रस्ताव को मंजूरी मिली है। वाराणसी नगर निगम क्षेत्र में रामनगर नगर पालिका परिषद और सूजाबाद नगर पंचायत क्षेत्र को शामिल करने का निर्णय लिया गया है।
प्रतापगढ़ में डेरवा बाजार नगर पंचायत के गठन को मंजूरी दी गई है।
फतेहपुर की खागा, शाहजहांपुर की निगोही और सोनभद्र की सोनभद्र नगर पंचायतों के विस्तार को मंजूरी दी गई है।
यूपी में सात नगर पालिका परिषदों के विस्तार को मंजूरी
सात नगर पालिका परिषदों के विस्तार को मंजूरी मिली है। इनमें बुलंदशहर की अनूपशहर, गाजियाबाद की मोदीनगर, लोनी व मुरादनगर, मुजफ्फरनगर की खतौली और शामली की कैराना नगर पालिका परिषद शामिल हैं।
कैबिनेट ने अयोध्या में मुख्य मार्ग से सहादतगंज, न्याघाट होते हुए श्री राम जन्मभूमि मंदिर तक 12.94 किमी की लंबाई में पहुंच मार्ग के निर्माण को मंजूरी दी है। इसके निर्माण पर 757.68 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसे दो वर्ष में पूरा किया जाएगा।
कैबिनेट ने मुख्यमंत्री नगर सृजन योजना को भी मंजूरी दी है। इस योजना के तहत नवसृजित और नवविस्तारित नगर निकायों में विकास कार्य कराए जाएंगे। इस योजना के लिए बजट में 550 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था।
इन प्रस्तावों पर लगनी थी मुहर
कैबिनेट बैठक में श्रम कानूनों में सुधार के उद्देश्य से प्रस्तावित उत्तर प्रदेश व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्य-शर्त नियमावली, 2022 पर मुहर लग सकती है। प्रस्तावित नियमावली के लागू होने पर प्रदेश में पहले से लागू श्रम कानूनों से श्रम कानूनों से जुड़ी छह नियमावलियां होंगी अतिक्रमित
उप्र ठेका श्रम (विनियमन) और उत्सादन) नियमावली 1975-उप्र अंतरराज्यीय प्रवासी कर्मकार (नियोजन का विनियमन और सेवाशर्तें) नियमावली, 1983-उप्र बीड़ी और सिगार कर्मकार (नियोजन की शर्तें) नियमावली, 1969-उप्र कारखाना नियमावली, 1950-उप्र कारखाना (कल्याण अधिकारी) नियमावली, 1955-उप्र कारखाना (सुरक्षा अधिकारी) नियमावली, 1984
जुड़ी छह नियमावलियां अतिक्रमित हो जाएंगी। केंद्र सरकार ने श्रम कानूनों से संबंधित 13 केंद्रीय अधिनियमों को समाहित करते हुए व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्य-शर्त संहिता (ओएसएच कोड) 2020 बनाई थी।
संसद के दोनों सदनों से पारित किये जाने के बाद केंद्र ने इस संहिता को 28 सितंबर 2020 को सरकारी गजट में अधिसूचित कर दिया था लेकिन यह अभी लागू नहीं है। इस संहिता को लागू करने की तारीख को केंद्र सरकार गजट मे अधिसूचित करेगी। इस संहिता को प्रदेश में लागू करने के उद्देश्य से श्रम विभाग ने उत्तर प्रदेश व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्य-शर्त नियमावली, 2022 बनाई है।
इस नियमावली में ओएसएच कोड के दायरे में आने वाले कारखानों, खतरनाक प्रक्रिया संचालित करने वाले कारखानों, बीड़ी व सिगरेट फैक्ट्रियों और बागान श्रमिकों के स्वास्थ्य, व्यावसायिक सुरक्षा और कार्य की दशाओं और नियोजकों के कर्तव्यों से जुड़े प्राविधान शामिल हैं। कारखानों में महिलाओं से रात में काम कराने से संबंधित प्राविधान भी इसमें शामिल है। यह नियमावली भी उस तारीख से लागू होगी जिसे केंद्र सरकार गजट में अधिसूचित करेगी।
कैबिनेट बैठक में उत्तर प्रदेश दुकान और वाणिज्य अधिष्ठान (नवम् संशोधन) नियमावली, 2022 को भी मंजूरी मिल सकती है। इस नियमावली के लागू होने पर उत्तर प्रदेश दुकान और वाणिज्य अधिष्ठान अधिनियम, 1962 के तहत दुकानों और वाणिज्यिक अधिष्ठानों का एक बार पंजीकरण कराने के बाद हर पांच साल पर पंजीकरण का नवीनीकरण कराने की जरूरत नहीं होगी।
पंजीकरण के लिए वर्तमान में दुकानों और वाणिज्यिक अधिष्ठानों की प्रत्येक श्रेणी के लिए निर्धारित वार्षिक शुल्क की 15 गुणा धनराशि रजिस्ट्रेशन फीस के तौर पर एकमुश्त जमा करनी होगी। जिन दुकानों और वाणिज्यिक अधिष्ठानों में कोई कर्मचारी नहीं नियुक्त है, उन्हें पंजीकरण से मुक्त रखा जाएगा। इसके अलावा कैबिनेट बैठक में राज्य कर विभाग और लोक निर्माण विभाग से जुड़े प्रस्तावों पर मुहर लग सकती है।
श्रम कानूनों से जुड़ी छह नियमावलियां होंगी अतिक्रमित
उप्र ठेका श्रम (विनियमन) और उत्सादन) नियमावली 1975-उप्र अंतरराज्यीय प्रवासी कर्मकार (नियोजन का विनियमन और सेवाशर्तें) नियमावली, 1983-उप्र बीड़ी और सिगार कर्मकार (नियोजन की शर्तें) नियमावली, 1969-उप्र कारखाना नियमावली, 1950-उप्र कारखाना (कल्याण अधिकारी) नियमावली, 1955-उप्र कारखाना (सुरक्षा अधिकारी) नियमावली, 1984.