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संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो मौसमी का जूस चढ़ाने वाले अस्पताल पर चलेगा बुलडोजर

गाजीपुर न्यूज़ टीम, प्रयागराज. संगम नगरी प्रयागराज में धूमनगंज थाना क्षेत्र के झलवा इलाके में स्थित ग्लोबल हॉस्पिटल एंड ट्रामा सेंटर में डेंगू के मरीज को नकली प्लेटलेट्स चढ़ाने के बाद मरीज की हुई मौत के मामले में अस्पताल पर प्रशासन का शिकंजा कसना शुरू हो गया है. प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने आरोपी प्राइवेट अस्पताल को 28 अक्टूबर तक अस्पताल खाली करने का नोटिस भेजा है. यह नोटिस प्राधिकरण की ओर से अस्पताल के बाहर चस्पा भी कर दिया गया है. पीडीए ने अस्पताल प्रशासन से नोटिस पर तीन दिन में जवाब मांगा है. अस्पताल प्रशासन की ओर से संतोषजनक जवाब न दिए जाने पर अवैध रुप बनी बिल्डिंग को बुलडोजर से जमींदोज किए जाने की चेतावनी दी गई है.

प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने जांच में पाया है कि आरोपी अस्पताल की बिल्डिंग का नक्शा पास नहीं कराया गया है. बिना नक्शा पास कराए बिल्डिंग का निर्माण कराया गया है और धड़ल्ले अस्पताल का संचालन किया जा रहा है. प्रयागराज विकास प्राधिकरण के ओएसडी अभिनव रंजन के मुताबिक निर्धारित समय में संतोषजनक जवाब नहीं दिए जाने पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

कर्मचारी ने दलाल से दिलवाया था नकली प्लेटलेट्स 

गौरतलब है कि ग्लोबल हॉस्पिटल एंड ट्रामा सेंटर में 14 अक्टूबर को डेंगू संक्रमित एक मरीज प्रदीप कुमार पांडेय भर्ती हुआ था. मरीज को प्लेटलेट चढ़ाये जाने की जरूरत थी. परिजनों द्वारा एसआरएन अस्पताल से लाकर 3 यूनिट प्लेटलेट्स दिया गया, जिसे मरीज को चढ़ाया भी गया और उसकी हालत ठीक रही. मरीज का प्लेटलेट काउंट भी 49 हजार तक पहुंच गया. लेकिन इसके बाद अस्पताल प्रशासन की ओर से पांच यूनिट और प्लेटलेट्स की डिमांड की गई, जिसका परिजन इंतजाम नहीं कर पा रहे थे. इसके बाद अस्पताल के ही एक कर्मचारी ने दलालों के माध्यम से 25 हजार रुपये में 5 यूनिट प्लेटलेट्स का इंतजाम कराया.

प्लेटलेट्स में मौसमी का जूस मिलाने का आरोप 

इस प्लेटलेट की एक यूनिट को चढ़ाने के बाद ही मरीज की हालत बिगड़ने लगी. परिजनों का आरोप है कि यह नकली प्लेटलेट्स था और इसमें मौसमी का जूस मिला हुआ था. मरीज की हालत बिगड़ने पर उसे हार्ट केयर सेंटर रेफर कर दिया गया जहां पर 19 अक्टूबर की उसकी मौत हो गई. इस मामले की शिकायत सीएमओ से की गई, जिसके बाद डीएम के निर्देश पर सीएमओ ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी से मामले की जांच कराई गई. जांच में अस्पताल की लापरवाही सामने आने पर 20 अक्टूबर को अस्पताल को सील कर दिया गया था. वहीं पुलिस ने नकली प्लेटलेट्स बेचने वाले गैंग के मामले में कार्रवाई करते हुए 10 अभियुक्तों को 21 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था.

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