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सऊदी में फंसा गाजीपुर के मजदूर का शव, 10 दिन से रो रहा परिवार

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर के सैदपुर तहसील क्षेत्र निवासी अधेड़ सऊदी अरब में घरेलू नौकर के तौर पर काम करने गया् था। वहां 10 दिन पहले उसकी आकस्मिक मौत हो गई। लेकिन अब तक उसका शव उसके घर नहीं आ पाया। इसके कारण बीते 10 दिनों से मृतक के बूढ़े मां बाप सहित, उसके बच्चे और पत्नी शव के इंतजार में लगातार रोए जा रहे हैं। उन्हें आज तक मृतक का शव भी नहीं दिखाया गया है। आखिरकार थक हार कर गुरुवार को मजदूर के परिवार ने सरकार से मामले में हस्तक्षेप कर, जल्द से जल्द शव को घर भिजवाने की गुहार लगाया।

गौरतलब है कि सैदपुर नगर की वार्ड संख्या 10 निवासी पप्पू यादव 42 अपने बूढ़ी मां रमावती देवी, पिता रघुबीर (घूरबीन) बेटी शालू 17 बेटा सिद्धू 14 और पत्नी रेखा को छोड़ बीते 10 वर्षों से सऊदी में एक परिवार के यहां घरेलू नौकरी कर रहा था। उसकी कमाई से परिवार का भरण पोषण, दवा और बच्चों की पढ़ाई लिखाई चल रही थी। बीते 5 दिसंबर को अचानक पत्नी को फोन कर पप्पू ने बताया कि उसकी तबीयत कुछ खराब है, वह इलाज के लिए जा रहा है। 6 दिसंबर को उसकी मालकिन का फोन आया कि इलाज के दौरान पप्पू की मौत हो गई है।

मृतक सऊदी में करता था घरेलू मजदूरी

खबर सुनते ही परिजनों में चीख-पुकार मच गई। पत्नी, बच्चे, बूढ़े मां बाप सहित सभी इस क्षति को बर्दाश्त नहीं कर पाए और दहाड़े मारकर विलाप करने लगे। अगले दिन मालकिन ने वहां काम करने वाले पप्पू के परिजनों के जान पहचान के एक अन्य मजदूर को एफिडेविट के माध्यम से पावर ऑफ अटॉर्नी देने की मांग की। कहा कि शव भेजने के पूर्व पेपर वर्क कराने के लिए इसकी आवश्यकता होगी। इसके बाद यह भी बात सामने आई कि यदि परिजन मृतक का शव नहीं लेंगे, तो उसकी एवज में उन्हें पैसे दिए जाएंगे। लेकिन परिजन यह नहीं माने।

परिजनों को नहीं दिखाई गई डेड बॉडी

दीपक की पत्नी रेखा ने बताया कि बीते 10 दिनों से हम लोग हर रोज रोते हुए घुट रहे हैं। आज पेपर वर्क कंप्लीट हो जाएगा, कल हो जाएगा, ऐसा करते करते दिन बीतते जा रहे हैं। 2 दिन पूर्व मालकिन ने पति के 1 महीने की तनख्वाह भेज कर, बैंक खाते के स्टेटमेंट की फोटो कॉपी मंगाया। कहा यह अंतिम काम है, इसके बाद डेड बॉडी भेज दी जाएगी। आज तक पति के डेड बॉडी की फोटो भी नहीं दिखाई गई। हमें कुछ नहीं पता की वहां उनके साथ क्या हुआ, कैसे हुआ। पूरे परिवार का भविष्य अंधकार में डूब गया है। हाथ जोड़कर सरकार से यही प्रार्थना करती हूं कि मामले में हस्तक्षेप करें। ताकि पति का शव जल्द से जल्द आ सके और हमारे साथ न्याय हो।

शव के इंतजार में 10 दिन से घुट-घुट कर जी रहा है परिवार

मृतक की मां रामावती देवी ने कहा कि 10 दिन से हम लोग बेटे की लाश के इंतजार में हर रोज घुट घुट कर मर रहे हैं। सरकार से हाथ जोड़कर निवेदन है की हमारे लाल की लाश घर भिजवाए। हमें अपने लाल को देखना है। बीटेक की पढ़ाई शुरू करने वाली पप्पू की पुत्री शालू ने बताया कि हर रोज पापा की मालकिन यही कहती हैं कि प्रोसीजर चल रहा है। घर की हालत बहुत खराब है।सब कुछ पापा के भरोसे ही चल रहा था। 2 महीने पहले ही बीटेक में एडमिशन लिया है। अब आगे की पढ़ाई कैसे होगी, घर कैसे चलेगा, कुछ समझ में नहीं आ रहा है। गवर्नमेंट से यही मांग करती हूं कि हम लोगों की हेल्प करें।

एसडीएम ने कहा संज्ञान में नहीं है मामला, परिवार मिलेगा तो करेंगे मदद

मामले में एसडीएम ओम प्रकाश गुप्ता ने कहा कि यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। परिवार अगर कोई लिखित प्रार्थना पत्र देता है, तो हर संभव मदद की जाएगी। वैसे भी अब मामला संज्ञान में आ गया है। अपने स्तर से भी पता लगाया जाएगा।

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