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गाजीपुर में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की सुरक्षा खतरे में

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को जानवरों से बचाने के लिए लगाए गए तार और सीमेंट के पोल चोरों से बच नहीं पा रहे हैं। ऐसे में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की सुरक्षा खतरे में पड़ गई है। एक्सप्रेस-वे पर पशुओं का झुंड बढ़ता जा रहा है। ऐसे में विद्युत पोल, बैरिकेडिंग में लगे तार और खंभों की बढ़ती चोरी से एक्सप्रेस-वे पर तैनात सुरक्षा अधिकारी और कर्मचारी भी परेशान हो गए हैं। इनका आरोप है कि बार-बार संबंधित थानों को लिखित रूप से सूचना देने के बाद भी पुलिस चोरियां रोकने में नाकाम है।

मालूम हो कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की सुरक्षा के लिए यूपीडा के द्वारा भारी भरकम धनराशि खर्च कर रही है। सुरक्षा के लिए प्रत्येक 25 किलोमीटर पर निगरानी के लिए आठ सदस्यों की टीम तीन पाली में लगाए गए हैं। इसके लिए टीम को इनोवा कार भी मिली है। इसके अलावा पशुओं को पकड़ने के लिए दो टीम अलग से वाहन के साथ चलती है। 

इसके बाद भी एक्सप्रेस-वे पर लगे पोल बैरिकेडिंग किए गए तार और सीमेंट के पोल को चोर काट कर निकाल ले जा रहे हैं। बैरिकेडिंग के तार कटने से छुट्टा एवं आवारा पशु आराम से अंदर घुस जा रहे हैं और देखते ही देखते एक्सप्रेस के ऊपर भी चढ़ जा रहे हैं। इन पशुओं के वजह से वाहनों से टकराने का खतरा बढ़ गया है। हैदरगंज से लेकर हैदरिया तक गाजीपुर की 48 किलोमीटर की सीमा में कई जगह बैरिकेडिंग में लगे तार को ग्रामीण चोरी कर काट ले गए हैं। 

एक्सप्रेस-वे के अधिकारी संबंधित थानों को लिखित रूप से सूचना दे रहे हैं, लेकिन पुलिस गंभीरता से नहीं ले रही है। इस समय ठंड का मौसम है और बढ़ते कोहरे में अगर पशु एक्सप्रेस-वे पर चढ़ गए तो भारी दुर्घटना की आशंका बनी हुई है। एक्सप्रेस-वे के ऊपर और नीचे पशु दिखाई दे रहे हैं। इन पशुओं को पकड़ने में निगरानी टीम पूरी तरह से नाकाम है तो पुलिस भी तार खंभों के साथ एक्सप्रेस-वे पर लगे अन्य सामानों की चोरी करने वाले ग्रामीणों को पता लगाने में पूरी तरह से नाकाम दिख रही है। इस संबंध में एक्सप्रेस-वे में लगे सुरक्षा अधिकारी भरत यादव ने बताया कि एक्सप्रेस-वे के ऊपर निगरानी टीम काम करती है। नीचे क्या हो रहा है उपर से दिखाई नहीं देता है। इसकी जिम्मेदारी कार्यदायी संस्था के पास है।

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