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मुख्तार अंसारी का गवाह कोर्ट में पलटा, बृजेश सिंह को पहचानने से किया इनकार

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर की MP-MLA कोर्ट में 21 साल पुराने उसरी चट्‌टी कांड में सुनवाई हुई। गवाह तौकीर ने मुख्य आरोपी बनाए गए बृजेश सिंह को पहचानने से इनकार कर दिया। मुख्तार के वकील ने बताया, तौकीर ने मुख्तार के काफिले पर हमले की बात का समर्थन किया है। गोलीबारी में अनिल सिंह के शामिल होने की बात भी स्वीकारी है, लेकिन माफिया बृजेश और त्रिभुवन का नाम नहीं लिया है। मामले में अगली सुनवाई 10 जनवरी को होगी।

मुख्तार अंसारी और बृजेश सिंह को मंगलवार को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया गया था। लेकिन, सुरक्षा कारणों से मुख्तार कोर्ट में पेश नहीं हुए। बांदा जेल से उन्हें लाया जाना था, लेकिन वे नहीं आए। सुनवाई के दौरान गवाह तौकीर ने कहा कि पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के काफिले पर दिनदहाड़े ताबड़तोड़ फायरिंग की गई थी। हमले में मुख्तार अंसारी बाल-बाल बचे थे। वह अनिल सिंह को मौका-ए-वारदात पर देखा था। अनिल सिंह की मौत हो चुकी है।

बता दें कि मुख्तार इस समय बांदा जेल में बंद है और बृजेश सिंह जमानत पर बाहर है। मुख्तार पर जमीन हथियाने, हत्या और वसूली समेत अन्य आरोपों पर करीब 49 आपराधिक केस दर्ज हैं। ईडी की जांच भी चल रही है।

गवाह बोला- ट्रक में भरे लोगों ने AK-47 से बरसाई थी गोलियां

मुख्तार के वकील लियाकत अली ने बताया, "कोर्ट में गवाह तौकीर ने कहा कि 15 जुलाई 2001 को तत्कालीन विधायक मुख्तार अंसारी अपने पैतृक घर मुहम्मदाबाद से मऊ जा रहे थे। उसरी चट्टी गांव के पास दोपहर करीब 12:30 बजे काफिला पहुंचते ही सड़क के किनारे खड़े ट्रक में दर्जनों लोग AK-47 लेकर खड़े थे। सभी ने पूर्व विधायक मुख्तार और उनके काफिले पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं। इस दौरान करीब 150 राउंड फायरिंग हुई थी।"

तीन लोगों की हुई थी मौत

मुख्तार अंसारी के वकील लियाकत अली ने बताया, "मुख्तार को बचाने के लिए गनर रामचंदर आए, जिनकी गोली लगने से मौके पर ही मौत हो गई थी। जबकि मुख्तार के साथी रुस्तम और बाबू भी गोली लगने से घायल हो गए थे। इलाज के दौरान दोनों ने भी दम तोड़ दिया था। उस समय एक हमलावर भी मारा गया था। जबकि कई लोग घायल हुए थे।"

परिवार ने मुख्तार को बृजेश से बताया खतरा, CJI को लिखा पत्र

मुख्तार अंसारी इस समय बांदा जेल में बंद है। उसने बांदा जेल से पेशी पर निकलने से पहले अपनी जान को खतरा बताया है। मुख्तार के परिवार ने बृजेश से जान का खतरा बताकर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया, चीफ जस्टिस इलाहाबाद हाईकोर्ट, यूपी सरकार, बांदा व गाजीपुर प्रशासन को पत्र भेजकर कड़ी सुरक्षा की गुहार लगाई है। परिवार के लोगों ने सुरक्षा व स्वास्थ्य को लेकर पूरे इंतजाम करने की मांग की है।

पहले 3 जनवरी को पेश होने का आया था आदेश

शासकीय अधिवक्ता नीरज श्रीवास्तव ने बताया, "बृजेश तारीख पर खुद कोर्ट में आते रहे हैं। लेकिन मुख्तार अंसारी को पहले 3 जनवरी को फिजिकली पेश होने का आदेश दिया गया था। लेकिन आज वह पेश नहीं हुए। सिर्फ गवाह तौकीर की गवाही कराई गई है। पुलिस सुरक्षा में तौकीर को लाया गया था।"

जेल में बंद है हमले का आरोपी त्रिभुवन

मुख्तार अंसारी ने अपने जानी दुश्मन बृजेश सिंह को हमले में मुख्य आरोपी बनाया था। मामले में त्रिभुवन सिंह और अनिल सिंह पर भी आरोप था। त्रिभुवन सिंह इस समय मिर्जापुर जेल में बंद है और अनिल सिंह की मौत हो चुकी है।

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