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गाजीपुर में व्यवसायिक रूप ले रही केले की खेती, 212 हेक्टेयर में हो रही खेती

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर जिले के रेवतीपुर क्षेत्र में किसानों का केले की खेती की ओर रुझान तेजी से बढ़ रहा हैं। केले की खेती व्यवसायिक रूप लेती जा रही है। वर्तमान समय में ब्लाक क्षेत्र में डेढ़ सौ किसानों के द्वारा कुल 212 हेक्टेयर केले की खेती की जा रही है।

पिछले वर्ष 180 हेक्टेयर क्षेत्रफल में केले की खेती की गई थी। जिसमें 11 हजार 700 टन केले का रिकार्ड उत्पादन हुआ था। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष केले की खेती में 32 हेक्टेयर क्षेत्रफल की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई हैं।किसानों को इसके लिए समय-समय पर अनुदान भी दिया जाता है। अभी तक करीब दस किसानों ने केले की खेती का बीमा कराया है। जबकि महकमें ने करीब 55 किसानों में 86 हजार के आसपास केले के पौधे का वितरण किया गया था। क्षेत्र के किसानों में धन्नजय सिंह, अविनाश, रामसूरत, मनोज, श्रीप्रकाश, जय प्रकाश आदि ने केले की खेती किए हुए है।

किसानों ने बताया कि एक हेक्टेयर केले की खेती के लिए 3000 पौधे लगाए जा सकते हैं। जिस पर केवल पौधे लगाने के लिए 45000 से 60000 रुपए तक का खर्च पड़ता है। एक हेक्टेयर में एक साल तक प्रबंधन के पर 2.5 लाख से लेकर 3 लाख तक का खर्च आता है।

मालूम हो कि बुआई के दौरान टिशु कल्चर टेक्नोलॉजी को अपनाया जाता है। बताया कि केला के पौधे लगाने का उचित समय जुलाई का प्रथम सप्ताह होता है। खेती जुलाई के दूसरे एवं तीसरे सप्ताह तक भी की जा सकती है।केले के पौध लगाने के लिए गहरी जोताई जरूरी है।

किसानों ने बताया कि केले के उत्पाद को बेचने के लिए स्वयं बाजार भी नहीं जाना पड़ता। क्योंकि व्यापारी खुद ही यहां आकर केला खरीदते हैं। बताया कि यहां के केले की मांग बिहार, बंगाल, गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज, नेपाल आदि जगहों पर है। केले का पौधा पांच फीट की दूरी पर लगाया जाता है, जबकि एक हेक्टेयर में करीब तीन हजार पौधे लगाए जाते हैं। पौधों की 20 बार सिंचाई की जाती है। 14 माह में पौधे से केले का उत्पादन शुरू हो जाता है।

सहायक उद्यान निरीक्षक मनोज सिंह ने बताया कि क्षेत्र में केले की खेती की ओर किसानों का रुझान बढ़ रहा है। महकमा इसको लेकर जागरूक करने में लगा है।

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