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योगी सरकार ने ट्यूबवेल सब्सिडी में डेढ़ लाख तक की बढ़ोतरी, सरसों, चना खरीद को लेकर MSP पर बड़ा फैसला

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना के तहत लगने वाले मध्यम गहरे और गहरे ट्यूबवेल की स्थापना पर सरकार ने किसानों को दी जाने वाली सब्सिडी की सीमा बढ़ाई है। इसके लिए नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग ने 2020 के शासनादेश में संशोधन किया है। संशोधित शासनादेश मंगलवार को जारी कर दिया गया। वहीं दूसरी तरफ सरकार अब किसानों से सरसों, चना और मसूर की खरीद भी बढ़े हुए समर्थन मूल्य पर करेगी।

मध्यम गहरे ट्यूबवेल लगाने पर अभी तक सामान्य श्रेणी के लघु और सीमांत किसान को बोरिंग के लिए 75 हजार रुपये, दस हजार रुपये जल वितरण प्रणाली तैयार करने के लिए और ट्यूबवेल पर बिजली कनेक्शन के लिए 68 हजार रुपये का यानी कुल 1.53 लाख का अनुदान देती थी। संशोधन के बाद अब सामान्य श्रेणी के किसानों को कुल 2.57 लाख रुपये का अनुदान दिया जाएगा। बोरिंग का अनुदान एक लाख रुपये की और जल वितरण प्रणाली के अनुदान में चार हजार रुपये की वृद्धि की गई है। इसी तरह अनुसूचित जाति और जनजाति के किसानों को अभी तक 4.70 लाख रुपये का अनुदान मिलता था, जो अब बढ़ा कर 5.74 लाख रुपये किया गया है।

श्रेणियों के आधार पर सब्सिडी

इसी तरह गहरे ट्यूबवेल को लगाने के लिए सामान्य श्रेणी के लघु और सीमांत किसानों को अभी तक 1.78 लाख रुपये मिलते थे, जिसे अब बढ़ा कर 3.47 लाख रुपये किया गया है। इसी तरह अनुसूचित जाति और जनजाति के किसानों को अभी तक गहरे ट्यूबवेल लगाने पर 4.95 लाख रुपये का अनुदान मिलता था, जिसे बढ़ा कर 6.64 लाख रुपये किया गया है। उल्लेखनीय है कि सामान्य श्रेणी के किसानों को जहां बिजली कनेक्शन के लिए 68 हजार रुपये का अनुदान मिलता है। वहीं, एससी-एसटी श्रेणी के किसानों को पांच हार्सपावर को सोलर चलित पंप खरीदने के लिए भी 3.85 लाख रुपये का अनुदान दिया जाता है।

सरसों, चना और मसूर खरीदेगी सरकार

प्रदेश सरकार अब किसानों से सरसों, चना और मसूर भी खरीदेगी। एक अप्रैल से यह खरीद बढ़े हुए समर्थन मूल्य पर की जाएगी। यह जानकारी कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने मंगलवार को कृषि भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी।

यह होगा समर्थन मूल्य

शाही ने बताया कि इस साल कुल 3.94 लाख मीट्रिक टन सरसों/राई, 2.12 लाख मीट्रिक टन चना और 1.49 लाख मीट्रिक टन मसूर की खरीद की जाएगी। इस साल सरसों का समर्थन मूल्य 5,450 रुपये, चना का समर्थन मूल्य 5,335 रुपये और मसूर का समर्थन मूल्य 6,000 रुपये प्रति कुंतल तय किया गया है। पिछले साल सरसों का समर्थन मूल्य 5,050 रुपये, चने का 5,230 रुपये और मसूर का 5,500 रुपये प्रति कुंतल था। फिलहाल खरीद की व्यवस्था उन जिलों में की गई है जहां इन फसलों का रकबा 10,000 हेक्टेअर से ज्यादा है।

बीजों पर अनुदान

कृषि मंत्री ने बताया कि जायद के सीजन में ज्वार, बाजरा और मक्का की बोआई के लिए सरकार संकर बीज पर 50 प्रतिशत अनुदान पर देगी। अधिकतम अनुदान 15,000 रुपये तक होगा। वहीं मिट्टी की उर्वरता और ऑर्गेनिक कार्बन बढ़ाने के लिए 50 प्रतिशत अनुदान पर ढैंचा बीज भी उपलब्ध करवाएगी।

सम्मान निधि के लिए चलेगा अभियान

उन्होंने बताया कि सभी पात्र किसानों तक सम्मान निधि का लाभ पहुंचाने के लिए 10 मई से 31 मई तक अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान सोमवार से शुक्रवार के बीच दिन तय करके सुबह 9 से शाम 6 बजे तक समस्याओं का निराकरण किया जाएगा। लेखपाल भूलेख का सत्यापन करेंगे और तहसील लॉगिन पर अपलोड करेंगे। वर्ष 2023-24 में कुल 30 हजार सोलर पंप लगाए जाएंगे। इसमें से 12,250 की बुकिंग भी हो चुकी है और 11,337 किसानों ने अपना अंश जमा कर दिया है।

फार्म स्कूलों का आयोजन

हर विकास खंड में ज्यादा बोयी गई चार प्रमुख फसलों का चयन किया जाएगा। इनमें सर्वाधिक उत्पादन वाले पांच किसानों को चिह्नित किया जाएगा। इन किसानों को प्रचार-प्रसार के लिए आगे किया जाएगा। उनके खेत पर ही फार्म स्कूल का आयोजन किया जाएगा। वहां दूसरे किसान भ्रमण कर उनसे प्रेरणा ले सकेंगे। वर्ष 2023-24 में कुल मिलेट्स को बढ़ावा देने के लिए 55.60 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

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